रेलवे अंडर और ओवरब्रिज के निर्माण में बाधक बन रहे बिजली के खंभे और पेड़
बिजली निगम और वन विभाग की अनदेखी लोकनिर्माण विभाग के लिए परेशानी का सबब बनती जा रहा है। सड़कों के किनारे बिजली के खंभे होने से मनाना और दिवाना रेलवे फाटक के पास ठेकेदार की मशीनें खड़ी हैं।
जागरण संवाददाता, समालखा : बिजली निगम और वन विभाग की अनदेखी लोकनिर्माण विभाग के लिए परेशानी का सबब बनती जा रहा है। सड़कों के किनारे बिजली के खंभे होने से मनाना और दिवाना रेलवे फाटक के पास ठेकेदार की मशीनें खड़ी हैं। ओवरब्रिज के काम को गति नहीं मिल रही। लोकनिर्माण विभाग ने पिछले माह वन विभाग से पेड़ काटने की मंजूरी मांगी थी। इसकी फाइल पंचकूला और रोहतक गई हुई है, लेकिन अभी तक मंजूरी नहीं मिली है। बिजली लाइनों की शिफ्टिग भी शुरू नहीं हुई है, जबकि लोकनिर्माण ने पिछले माह ही सात लाख रुपये बिजली निगम के खाते में जमा करवा दिए हैं।
मनाना और दिवाना रोड के रेलवे फाटक पर लोकनिर्माण विभाग करीब 52 करोड़ की लागत से आरयूबी और आरओबी बना रहा है। नेस्ले आरयूबी और मनाना-दिवाना आरओबी जीटी रोड को रोहतक हाईवे से जोड़ेगा। इससे भारी वाहनों को पानीपत शहर और समालखा कस्बे में आने की जरूरत नहीं पड़ेगी। वे गांव की फिरनी और बाईपास से होकर रोहतक, उत्तरप्रदेश और दिल्ली की ओर जा सकेंगे। ठेकेदार को निर्माण के लिए 18 माह का समय मिला है। उन्होंने काम शुरू कर दिया है, लेकिन पेड़ और बिजली खंभों के रास्ते पर होने से पिलर के बोर में बाधा पहुंच रही है।
अनुमति का इंतजार
लोकनिर्माण के जेई कुलबीर सिंह ने बताया कि बिजली निगम में लाइन शिफ्टिग का पैसा जमा कर दिया गया है। वन विभाग से अनुमति की फाइल तैयार कर भेजी गई है। वहां से मंजूरी मिलने के बाद क्षतिपूर्ति जमा करवाई जाएगी, लेकिन एक माह बाद भी अनुमति नहीं आई है। बिजली निगम ने भी काम शुरू नहीं किया है। मनाना और दिवाना में ठेकेदार की मशीनें खड़ी है। काम के दौरान कहीं पेड़ तो कहीं खंभे आड़े आ रहे हैं। बिजली निगम के एसडीओ वतन सेढ़ा का कहना है कि ठेकेदार के पास काम अधिक होने से शिफ्टिग में विलंब हुआ है। जल्द से जल्द काम शुरू करवाया जाएगा। लाइन शिफ्टिग के कारण काम बाधित होने नहीं दिया जाएगा।