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ये बुजुर्ग उम्र लिखाने आए हैं, खून जमाती सर्दी में देना पड़ रहा ये इम्तिहान

पेंशन बनवाने के लिए बुजुर्गों को बुलाया गया। सिविल अस्‍पताल में लंबी कतार लग गई। चिकित्‍सकों की कमी के कारण इन्‍हें ठंडे फर्श पर ही बैठना पड़ा। 250 बुजुर्गों का होता है मेडिकल।

By Ravi DhawanEdited By: Published: Thu, 07 Feb 2019 02:11 PM (IST)Updated: Sat, 09 Feb 2019 10:23 AM (IST)
ये बुजुर्ग उम्र लिखाने आए हैं, खून जमाती सर्दी में देना पड़ रहा ये इम्तिहान
ये बुजुर्ग उम्र लिखाने आए हैं, खून जमाती सर्दी में देना पड़ रहा ये इम्तिहान

जागरण संवाददाता, पानीपत : बुजुर्गों को दी जा रही पेंशन को सम्‍मान राशि कहा जाता है। यानी, सम्‍मान के साथ दिया जाने वाला भत्ता। पर यहां उन्‍हें पेंशन के लिए पात्र बनने के लिए ही धक्‍के खाने पड़ रहे हैं। लंबी लाइनों में लगना पड़ रहा है। अगर इंतजाम पूरे होते तो सर्दी के इस मौसम में बुजुर्गों को परेशान नहीं होना पड़ता। जिला समाज कल्याण विभाग से अनुमति मिलने पर मेडिकल कराने आए बुजुर्गों का सामान्य अस्पताल में तांता लगता नजर आया। सुबह 10 बजे चिकित्सा अधिकारी डॉ. सुरेंद्र सिंह और चिकित्सक डॉ. हरीश जुनेजा ने अस्पताल में बुजुर्गों का मेडिकल करना शुरू कर दिया।

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कतार लंबी होती देख बुजुर्ग थक कर फर्श पर ही बैठ गए
पेंशन योजना का लाभ के लिए आवेदन करने वाले बुजुर्गों ने बताया कि भीड़ ज्यादा होने के कारण उन्हें डेढ़ से दो घंटों तक कतार में लगा रहना पड़ा। अस्पताल परिसर में 300 से अधिक बुजुर्गों के पहुंचने का अनुमान लगाया जा रहा है। वहीं चिकित्सा अधिकारी डॉ. सुरेंद्र सिंह ने बताया कि भीड़ अधिक होने के कारण थोड़ी परेशानी हुई। इसके बावजूद भी अधिकतर बुजुर्गों का मेडिकल कर दिया गया।

आसान हो मेडिकल प्रक्रिया, खड़े रहकर इंतजार करना मुश्किल
कलंदर चौक के निहाल चंद ने बताया कि वह सुबह 10 बजे मेडिकल कराने के लिए अस्पताल आया था। एक घंटे तक भी उसका नंबर नहीं आया। इस उम्र में बुजुर्गों को लाइन में लगाकर घंटों इंतजार कराना ठीक नहीं है। विभाग को बुजुर्गों की मेडिकल प्रक्रिया में उचित बदलाव लाने चाहिए।

बुजुर्गों की संख्या के हिसाब से नियुक्त हो चिकित्सक
वार्ड नंबर 11 की सैनी कॉलोनीवासी राजेंद्र ने बताया कि लंबी कतार से बचने के लिए वह सुबह साढ़े 8 बजे अस्पताल पहुंच गया था। 10 बजे मेडिकल कार्य शुरू हुआ। इतनी जल्दी आने के बावजूद भी 10:50 बजे उसका नंबर आया। स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों को बुजुर्गों की संख्या के हिसाब से चिकित्सक नियुक्त करने चाहिए।


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