8 फीट लंबा इंडियन पाइथन प्रजाति का अजगर दिखने से दहशत, वन्य टीम को करनी पड़ी मशक्कत
यमुनानगर के फैजपुर गांव में आठ फीट लंबा अजगर देखा गया। अजगर की सूचना फैलते ही गांव के लोगों में दहशत देखने को मिली। लोगों ने इसकी जानकारी वन्य टीम को दी। वन्य टीम ने मौके पर पहुंचकर अजगर को पकड़ा और कलेसर के जंगल में छोड़ा।
पानीपत/यमुनानगर, जेएनएन। यमुनानगर के फैजपुर गांव में आठ फीट लंबा अजगर देखे जाने से हड़कंप मच गया। इसकी सूचना गांव भर में फैल गई। मौके पर वन्य टीम के कर्मचारी पहुंचे। उन्होंने रेस्क्यू करके अजगर को पकड़ा और कलेसर के जंगल में छोड़ा। टीम की मानें तो अजगर इंडियन पाइथन प्रजाति का है।
नेशनल पार्क से सटे फैजपुर गांव में वीरवार को आठ फीट लंबा अजगर घुस गया। वह गांव में ढाबे के पास एक मकान में घुसा हुआ था। अजगर को देखते ही लोगों में दहशत फैल गई। इसकी सूचना वन्य प्राणी विभाग के कर्मचारियों को दी गई। वन्य प्राणी विभाग कलेसर की टीम ने अजगर को कड़ी मशक्कत के बाद पकड़ा। बाद में उसे नेशनल पार्क में छोड़ दिया गया।
कलेसर के वाइल्ड लाइफ रक्षक परवेज ने उन्हें फैजपुर गांव के संजू ने सूचना दी थी कि जगाधरी-पौंटा नेशनल हाईवे किनारे पर पाल ढाबा के नजदीक एक मकान में अजगर देखा गया है। टीम ने अजगर को सुरक्षित पकड़ कर साथ लगते कलेसर नेशनल पार्क मे छोड़ दिया। उन्होंने बताया कि पकड़ा गया अजगर इंडियन पाइथन प्रजाति का है। अक्सर पानी की तलाश में जंगल से अजगर बाहर आ जाते हैं। वहीं, खेतों में फसल कटाई चल रही है। इससे भी जीव जंतु विचलित होकर गांवों का रूख कर लेते हैं।
15 से 18 किलोग्राम था वजन
जिस अजगर को टीम ने पकड़ा वह मादा थी। उसका वजन 15 से 18 किलोग्राम था। एक माह पहले भी गांव कलेसर से प्रदीप चौधरी के घर से इसी प्रकार का अजगर पकड़ा गया था। वन्य प्राणी विभाग के जिला इंस्पेक्टर सुनील कुमार ने बताया कि नेशनल पार्क के साथ लगते 15 से 20 किलोमीटर के एरिया में रेड स्नेक और कोबरा के अलावा अजगर भी काफी मात्रा में हैं। कई बार बल्लेवाला, भूड़कलां, मांडेवाला, अराइयांवाला से अजगर पकड़ कर नेशनल पार्क मे छोड़े गए हैं।
सांपों की दुनियाभर में दो हजार से ज्यादा प्रजातियां हैं। अजगर उनमें बहुत विशालकाय सर्प होते हैं। सामान्यत: अजगर विषहीन होते हैं, लेकिन जो प्राणी इनके चंगुल में फंस जाए, उसे निगल जाते हैं। अजगर 10 फीट से 25 फीट तक लंबे हो सकते हैं। इनकी मोटाई प्रजातियों के हिसाब से कम ज्यादा होती है।