दलदल में फंसने और बीमारी से आठ और गायों की मौत
नैन गांव स्थित 52 एकड़ में फैले गो अभयारण्य में दूसरे दिन कीचड़ से आठ और गायों की मौत हो गई।
संवाद सूत्र थर्मल (पानीपत) : नैन गांव स्थित 52 एकड़ में बना गो अभयारण्य गोवंश के लिए काल बन गया है। मंगलवार की रात्रि दलदल में फंसने, बीमारी और कुत्तों के नौचे जाने से आठ गायों ने दम तोड़ दिया। मौत का सिलसिला चार महीने पहले शुरू हुआ था।
गो अभयारण्य में बरसात का पानी जमा होने के कारण जानलेवा दलदल बनी हुई है। गोवंश बीमार हो रहे हैं। हर रोज छह-सात गोवंश की मौत हो रही है। मंगलवार की रात चार की मौत दलदल में फंसने से हुई। तारबंदी के बावजूद कुत्ते अभयारण्य में घुस रहे हैं।
सांड़ कमजोर गायों और बछड़ों को सींग मार घायल कर रहे हैं। पशु चिकित्सक शुभम ने बताया कि जलभराव से भी गोवंश बीमार हो रहा है। बता दें कि चार माह में गोवंश की मौत का आंकड़ा 300 के पार पहुंच गया है। डीसी से शिकायत
टीम पानीपत ने पूरे हालात से डीसी को अवगत कराया। नैन गांव की व्यवस्था की जानकारी दी।
डीसी ने कहा कि चारा काटने वाली मशीन बृहस्पतिवार को नैन गांव गोशाला में लग जाएगी। वे स्वयं टीम के साथ जाकर देखेंगी। विधायक से मिले
शहरी विधायक रोहिता रेवड़ी व निगम आयुक्त टीम पानीपत के सदस्यों से मिले विधायक रोहिता रेवड़ी ने भी माना कि गोवंश की समस्या का जल्दी समाधान चाहिए। ऐसी व्यवस्था करने के लिए मांग रखी जहां पर सारे शहर का गोवंश उठाकर अस्थाई एक स्थान पर ले जाया जा सके। वहां से धीरे-धीरे नगर निगम द्वारा नैन गांव पहुंचाया जाए। सारे मंथन के बाद विधायक रोहिता रेवड़ी व निगम कमिश्नर ने यह सुझाव माना।
व तुरंत प्रभाव से जाटल रोड पुल के नीचे के अस्थाई रूप से गोवंश को रखने की व्यवस्था करने के लिए पशु बाड़ा बनाने के आदेश दिए। इस अवसर टीम पानीपत के एडवोकेट मेहुल जैन, गौरव लीखा, सागर खुराना, अनिल रेवड़ी, मेघा खुराना व धनंजय सिगला मौजूद थे।