डिजिटल ¨प्र¨टग में इको फ्रेंडली इंक से कपड़े पर होगा ¨प्रट
अब कपड़े की प्रिंटिंग से प्रदूषण नहीं फैलेगा। टेक्सटाइल मशीनरी उद्योग ने नई मशीन और स्याही ईजाद की है।
जागरण संवाददाता, पानीपत : अब कपड़े की प्रिंटिंग से प्रदूषण नहीं फैलेगा। टेक्सटाइल मशीनरी उद्योग ¨प्र¨टग में इको फ्रेंडली इंक ईजाद की गई है। पानीपत में गारमिक एग्जीबिशन में सूरत के खटोदरा की ट्रू कलर्स कंपनी ने मेक इन इंडिया पर डिजिटल ¨प्र¨टग की नई मशीन शामिल की है।
कंपनी का दावा है कि इस मशीन से कपड़े पर ¨प्रट करने से किसी तरह का पानी और पर्यावरण का प्रदूषण नहीं होगा। इस मशीन की पहले सूरत और दूसरे शहरों में डिमांड थी। टेक्सटाइल नगरी पानीपत में पहली बार इसकी मांग देखी गई है।
सेक्टर-25 स्थित मैदान में गारमिक एग्जीबिशन का रविवार को दूसरा दिन था। मुख्य अतिथि हैंडलूम एक्सपोर्टर मैन्यूफैक्चरर एसोसिएशन के प्रधान रमेश वर्मा रहे। उन्होंने कहा कि आधुनिकता के साथ इंडस्ट्री में नए उपकरण और मशीनें आई हैं। इन मशीनों के प्रयोग से उत्पादन बढ़ने के साथ काम में तेजी आई है। नी¨टग और ¨प्र¨टग में बहुत ज्यादा बदलाव आए हैं। उद्यमियों के पास अब मशीनों में कई तरह के विकल्प हैं।
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पहले पेपर और फिर पोलिएस्टर पर करेगी ¨प्रट
ट्रू कलर्स कंपनी के डायरेक्टर संजय देसाई ने बताया कि डिजिटल ¨प्र¨टग मशीन से पहले पेपर पर ¨प्रट किया जाता है और फिर इको फ्रेंडली इंक को हीट ट्रांसफर मशीन की मदद से कपड़े पर ट्रांसफर कर दिया जाता है। कंप्यूटर से कोई भी डिजाइन सीधा मशीन में चला जाता है। इसके प्रयोग करने से पानी का प्रयोग नहीं किया जाएगा और पर्यावरण भी प्रदूषित नहीं होगा। मशीन की सूरत और नोएडा में मांग रही है। अब पानीपत के उद्योग में भी डिजिटल ¨प्र¨टग मशीन की मांग बढ़ने लगी है। एक मशीन की कीमत 7 लाख से शुरू होकर एक करोड़ रुपये तक है।
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उद्यमियों ने एग्जीबिशन में मशीनों की वर्किंग देखी
एग्जीबिशन के दूसरे दिन रविवार को सुबह ही उद्यमियों का आना शुरू हो गया। दोपहर बाद एग्जीबिशन के हर स्टॉल पर उद्यमियों की भीड़ रही। पानीपत स्मॉल इंजीनिय¨रग वर्कशॉप एसोसिएशन के प्रधान सुखबीर मलिक ने बताया कि यहां पर नी¨टग, कंबल मे¨कग मशीन, जकार्ड, फेबरिक ¨प्र¨टग, कंप्रेशर, यूपीएस, जनरेटर, सिलाई मशीन और धागे बनाने वाली मशीन शामिल की गई।