डाइंग उद्योग को मिलेगा एसटीपी का 60 एमएलडी साफ पानी
सिवाह सीवर ट्रीटमेंट प्लांट का साफ पानी डाइंग उद्योग को मिलने का रास्ता साफ हो गया है।
जागरण संवाददाता, पानीपत :
सिवाह सीवर ट्रीटमेंट प्लांट का साफ पानी डाइंग उद्योग को मिलने का रास्ता साफ हो गया है। प्रोजेक्ट के लिए 21.48 करोड़ रुपये की स्वीकृति मिल पहले ही मिल चुकी है। निदेशालय के अधिकारी इस प्रोजेक्ट पर अधीनस्थों से चर्चा करेंगे। पाइप बिछाने का काम इसके बाद ही शुरू होगा। ट्रीट किया साफ पानी मिल जाने से उद्योगों में जल का दोहन नहीं होगा। भूजल जहरीला होने से बचेगा। दैनिक जागरण ने जल जहर अभियान चलाकर जून 2019 में सरकार और पानीपत प्रशासन के संज्ञान में यह मामला लाया था। जीटी रोड पर बसे पानीपत शहर में 12000 से अधिक उद्योग लगे हैं। डाइंग उद्योग में सबसे ज्यादा पानी की खपत होती है। फैक्ट्रियों के संचालक उपयोग करने के बाद केमिकलयुक्त रंगीन पानी जमीन में छोड़ देते हैं। इससे भूजल को दूषित होने से बचाने के लिए सरकार ने सिवाह गांव में 25 और 35 एमएलडी के दो सीवर ट्रीटमेंट प्लांट लगा रखे हैं। इन प्लांटों से ट्रीट किया साफ पानी उद्योगों को उपलब्ध कराया जाना है। सीएम मनोहर लाल ने सिवाह एसटीपी का आठ नवंबर को दौरा भी किया था। जनस्वास्थ्य और सिचाई विभाग के अधिकारियों को निर्देश दिए कि साफ पानी उद्योगों को देने में आ रही अड़चनों को जल्द से जल्द दूर करें।
पूर्व डीसी ने लिखा था पत्र
पूर्व डीसी सुमेधा कटारिया ने जुलाई 2019 में कृषि और जल संसाधन विभाग के प्रधान सचिव अनुराग रस्तोगी को पत्र लिखकर इस योजना के बारे में प्रशासनिक अनुमति मांगी थी। उद्योगों के लिए जल उपलब्ध कराने पर 21.48 करोड़ से अधिक की राशि खर्च होगी। 350 से अधिक डाइंग उद्योगों एसटीपी का ट्रीट किया पानी दिया जाएगा। जाटल रोड के एसटीपी का मांगा प्लान
सिचाई विभाग के वरिष्ठ अधिकारियों के मुताबिक जाटल रोड पर भी एसटीपी के दो प्लांट लगे हैं। इन दोनों प्लांटों से ट्रीट किए पानी को उद्योगों को देने के लिए एक्सईएन पानीपत से प्लान मांगा गया है। प्रोजेक्ट का डाटा तैयार कर विभाग को सौंपेंगे। उसकी उपयोगिता के आधार एस्टीमेट तैयार होगा। उद्यमियों की आवाज बना दैनिक जागरण
भूजल को जहरीला होने से बचाने के लिए दैनिक जागरण ने सर्वप्रथम आवाज उठाई। जल जहर अभियान के समापन समारोह में स्काईलार्क में पूर्व उद्योग मंत्री विपुल गोयल ने जल को बचाने के लिए अपनी सहमति जताई थी। उद्योगों को चाहिए 30 एमएलडी पानी
सिवाह एसटीपी में साफ होने वाला पानी गंदे नाले में डाला जाता है जो यमुना नदी में जाकर मिल जाता है। रंगाई उद्योगों को प्रतिदिन 30 एमएलडी पानी की जरूरत है। साफ पानी का उपयोग हो सकेगा। वर्जन :
सिवाह एसटीपी से ट्रीट पानी डाइंग उद्योग को उपलब्ध कराया जाना है। विभागीय आयुक्त से इस पर एक बार चर्चा होने के बाद प्रोजेक्ट आगे बढ़ेगा। काम उसके बाद ही शुरू होगा। बजट तो पहले से स्वीकृत है।
अनिल सभरवाल, एक्सईएन, सिचाई विभाग (कंस्ट्रक्शन विग)