शातिर निकला पूर्व सरपंच, नकली सोने की ईंट को असली बता लगा रहा था चूना
पूर्व सरपंच निकला शातिर। नकली सोने की ईंट को असली बताकर लगा रहा था चूना।
डीएसपी रामभज ¨सह ने बताया कि सीआइए वन प्रभारी सुरेंद्र ¨सह को सूचना मिली कि गांव ¨डडोली का पूर्व सरपंच चांदी नकली सोने की ईंट लेकर आया है और वह किसी को चूना लगाने में फिराक में है। सूचना के आधार पर गांव दाता¨सहवाला के निकट आरोपित को काबू किया तो उसके कब्जे से सोने की ईंट व दो अवैध पिस्तौल व जिंदा कारतूस बरामद हुए।
आरोपित बोला, सस्ते दाम के नाम पर लगाता था चूना
पकड़े गए आरोपित चांदीराम ने बताया कि वह लोगों को चूना लगाने के लिए गिरोह चलाता है, लोगों को सस्ते दामों पर सोने की ईंट दिलाने का झांसा दिया जाता था, जब कोई उनकी बातों में आ जाता था तो सोने की घोल चढ़ी हुई ईंट देकर लाखों रुपये की नकदी लेकर फरार हो जाते थे। यह ईंट वह नरवाना क्षेत्र में प्रॉपर्टी का कार्य करने वाले व्यक्ति के लिए लेकर आया था। प्रॉपर्टी डीलर से उसका सौदा तय होने के बाद वह ईंट लेकर आया था, लेकिन प्रॉपर्टी डीलर को देने से पहले ही पुलिस ने उसे पकड़ लिया। पुलिस पकड़े गए आरोपित चांदी से गिरोह में शामिल दूसरे लोगों से पूछताछ कर रही है।
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28 लाख के सोने 20 में देने का झांसा देकर फंसाते थे लोगों को
सीआइए वन प्रभारी सुरेंद्र ¨सह ने बताया कि गिरोह के सदस्य लोगों को सस्ता सोना उपलब्ध करवाने का झांसा देकर लोगों से ठगी करते थे। पूछताछ में आरोपित चांदी ने खुलासा किया कि 900 ग्राम की 24 कैरेट सोने की ईंट को वह 20 लाख व 700 ग्राम की ईंट लगभग 18 लाख रुपये में देने का झांसा दिया जाता था। जबकि मार्केट में 900 ग्राम की ईंट की कीमत लगभग 28 लाख के करीब बनती है। सस्ता सोने मिलने के चलते लोग लालच में आ जाते थे और इसी का फायदा उठाकर असली की जगह पर नकली सोने की ईंट दे देते थे।
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खुद ठगी का शिकार हुआ तो शुरू किया काम
आरोपित चांदी ने बताया कि असली की जगह नकली सोने की ईंट उपलब्ध करवाने वाले गिरोह का वह खुद भी शिकार हो चुका है। उसने भी सोने की ईंट ली थी, जांच करवाने पर वह निकली मिली और उसके ऊपर केवल सोने का घोल किया हुआ था। उसको हुए नुकसान की भरपाई के लिए वह यहीं कार्य करने लगा और खुद का एक गिरोह बना लिया।
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धार्मिक स्थलों पर बुलाते थे आरोपित
चांदीराम ने बताया कि पहले वह ऐसे लोगों से संपर्क करते थे जिनके पास अच्छा खासा पैसा है। जब वह लालच में आ जाता तो वह अमृतसर से मेटल की बनी ईंट लेते थे और उस पर सोने का घोल चढ़वा देते। जिस व्यक्ति से ठगी करनी थी उसको बालाजी व सालासर या किसी दूसरे धार्मिक स्थल पर बुला लेते थे, ताकि अगर मामला दर्ज होता है तो वह दूसरे प्रदेश में हो और हरियाणा पुलिस की पकड़ से दूर रहें।