कोरोना की वजह से देश में लंबित केसों की संख्या बढ़ती जा रही : डॉ. पीसी मारकंडा
गीता इंस्टीट्यूट ऑफ लॉ में मध्यस्थता विकास की चुनौतियां समाधान व भविष्य के परिणामों की समीक्षा पर राजीव गांधी नेशनल यूनिवर्सिटी आफ लॉ पंजाब के सेंटर फॉर एडीआर व शारदुल अमरचंद मंगलदास एंड कंपनी नई दिल्ली की ओर से सयुंक्त रूप से सेमिनार किया गया।
जागरण संवाददाता, समालखा : गीता इंस्टीट्यूट ऑफ लॉ में मध्यस्थता, विकास की चुनौतियां, समाधान व भविष्य के परिणामों की समीक्षा पर राजीव गांधी नेशनल यूनिवर्सिटी आफ लॉ पंजाब के सेंटर फॉर एडीआर व शारदुल अमरचंद मंगलदास एंड कंपनी, नई दिल्ली की ओर से सयुंक्त रूप से सेमिनार किया गया। मुख्य अतिथि पीसी मारकंडा वरिष्ठ अधिवक्ता चंडीगढ़ रहे। विशिष्ट अतिथि गौहर मिर्जा, संस्थान के चेयरमैन एसपी बंसल, राजीव गांधी नेशनल यूनिवर्सिटी ऑफ लॉ पंजाब के वाईस चांसलर प्रो. परमजीत सिंह जैसवाल व रजिस्ट्रार प्रो. नरेश वत्स रहे। सहायक प्रो. साक्षी गुप्ता ने संचालन किया।
मुख्यातिथि डा. पीसी मारकंडा ने कहा कि आज के समय में सुप्रीम कोर्ट में करीब साठ हजार केस लंबित हैं। अगर पंजाब और हरियाणा उच्च न्यायालय की बात करें तो करीब 6 लाख केस लंबित हैं। कोरोना की वजह से देश में लंबित केसों की संख्या दिन प्रतिदिन बढ़ती जा रही है। ऐसे में मध्यस्थता एक बहुत ही उपयोगी साधन है। हमें अच्छे ढंग से उपयोग करके केसों की सुनवाई जल्दी कर सकते है। प्रो. परमजीत सिंह जायसवाल ने कहा कि मध्यस्थता मुकदमेबाजी का भविष्य है। गौहर मिर्जा ने कहा कि देश के मौजूदा हालात को देखते हुए मध्यस्थता से हम सभी सिविल केसों का फैसला कर सकते है। यह अन्य घरेलू केसों और सामाजिक समस्याओं के लिए भी उपयोगी है। वाईस चेयरमैन निशांत बंसल ने अतिथियों का आभार जताया। इस मौके पर कॉलेज के प्रिसिपल डा. सुभाष कुमार, अकेडमिक हेड संदीप सैनी, बीबीए एलएलबी हेड शिल्पा सरदाना, सहायक प्रोफेसर अनिल वत्स, डा. गुरमनप्रीत कौर, सहायक प्रो. डा. विकास नांदल, कुसुम वत्स, साहिल कुमार, नीलम रुहल, चिकी नंदा मौजूद रहे।