तरबूज के लाल रंग पर न जाएं, खाने से पहले इन बातों का ध्यान रखें और कर लें जांच
रंग आकर्षित तो करता है लेकिन ये आपकी सेहत को खराब भी कर सकता है। इसलिए खरीदने से पहले जांच-परख लें कि कहीं इसमें केमिकल तो नहीं मिला।
पानीपत, जेएनएन। सड़कों किनारे सुर्ख लाल रंग के तरबूज आपको जरूर आकर्षित करते होंगे। पर इन्हें खरीदने से पहले सावधान हो जाएं। कहीं केमिकल रंग से रंगा हुआ तरबूज खाकर अपनी सेहत न खराब कर लें। चिकित्सक भी कह रहे हैं कि तरबूज खरीदते समय उसके लाल सुर्ख रंग पर कतई न जाएं। पहले उन्हें अपनी समझ से इस बात का आकलन करना चाहिए कि जिस फल को वे खरीद रहे हैं, वह कहीं कृत्रिम रूप से पकाया हुआ तो नहीं।
केमिकल युक्त रंग का खाद्य पदार्थ सेवन करने से हो सकती है कई बीमारियां
कुरुक्षेत्र, एलएनजेपी अस्पताल के विशेषज्ञ डॉ. संदीप कादियान ने बताया कि सुर्ख लाल रंग के दिखने वाले तरबूज में केमिकल से तैयार कृत्रिम रंग भी भरा जा सकता है। कुछ लोग इंजेक्शन द्वारा केमिकल के लाल रंग को तरबूज में डाल देते हैं, जिससे वह लाल रंग का नजर आता है। बर्फ के गोले में भी इसी तरह के रंग डाले जाते हैं, जिससे पेट के संक्रमण होने के साथ-साथ हिमोडैमेज, खून से होने वाली बीमारियां और यहां तक कि लंबे समय तक सेवन करने से कैंसर भी हो सकता है। इसकी वजह से दौरा पडऩे तक की नौबत आ सकती है। ऐसे में जांच के बाद ही इसे खरीदे।
इस तरह पकाते हैं
जल्द पकाने के लिए ऑक्सिटॉक्सिन हार्मोन का उपयोग किया जाता है। इससे इनका साइज बढ़ जाता है। कुछ फल तो सात से दस किलो तक हो जाते हैं। मिठास बढ़ाने के लिए सोडियम सैंकरीन, सिंथेटिक रंग मिलाया जाता है।
इस तरह से पहचानें और ये करें
- प्राकृतिक रंग कई जगह से कम तो कई जगह से ज्यादा होता है।
- अगर तरबूज काटने के बाद बीच के हिस्से को हाथ रगड़ेंगे तो उसका रंग हाथ पर ही छूट जाएगा, जबकि प्राकृतिक रंग हाथ पर अपना कम असर दिखाएगा।
- इसके मोटे छिलके के अंदरूनी हिस्से का रंग सफेद या हरा हो तो यह प्राकृतिक रूप से पका होगा। वहां भी लाल रंग दिखे तो इसका मतलब है कि रंग मिलाया गया है।
- तरबूज को 10-15 मिनट तक पानी में डुबोकर रखें। केमिकल धुल जाएंगे। पर अंदरुनी केमिकल तो बाहर नहीं आ पाएगा। हां, खतरा जरूर कम हो जाएगा।
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