फसल अवशेष न जलाएं, जमीन की उर्वरा शक्ति बचाएं : डा. समर सिंह
जागरण संवाददाता पानीपत किसान फसल में अनावश्यक खाद व दवाओं का प्रयोग न करें। खेतों में धान
जागरण संवाददाता, पानीपत : किसान फसल में अनावश्यक खाद व दवाओं का प्रयोग न करें। खेतों में धान पकने लगा है। फसल काटने के बाद इसका अवशेष न जलाएं। इससे मिट्टी की उर्वरा शक्ति को नुकसान पहुंचता है। प्रदूषण का स्तर भी बढ़ जाता है। कृषि विज्ञान केंद्र ऊंझा में बुधवार को आयोजित वैज्ञानिक सलाहकार समिति की 24 वीं बैठक में यह बात मुख्य अतिथि व चौधरी चरण सिंह विश्वविद्यालय के कुलपति डा. समर सिंह ने कही।
कोरोना संक्रमण के काल में किसानों ने उल्लेखनीय प्रदर्शन किया है। किसान समूह बना कर सरकारी स्कीमों का लाभ उठाएं। कृषि विश्वविद्यालय हर समय किसानों के साथ खड़ा है। उनके उज्जवल भविष्य के लिए शोध कार्य कर रहा है। केंद्र प्रभारी डा. राजबीर गर्ग ने वर्ष 2019-20 की प्रगति रिपोर्ट और 2020-21 की कार्ययोजना प्रस्तुत की। उन्होंने बताया कि इस बैठक में फसल अवशेष प्रबंधन, धान की सीधी बिजाई, तिलहन व दलहन फसलों को बढ़ावा देना, फसल विविधिकरण व महिला सशक्तिकरण जैसे बिदुओं पर चर्चा हुई। तकनीकी में सुधार से ही धान की पीबी 1509 किस्म का क्षेत्रफल बढ़ा है। धान गेहूं के फसल चक्र में पिछले वर्ष के मुकाबले तकनीकी सुधार हुआ है।
कार्यक्रम की अध्यक्षता विस्तार शिक्षा निदेशक डा. आरएस हुड्डा ने की। उन्होंने किसानों को फसल अवशेष न जलाने की सलाह दी। भारतीय गेहूं व जौ अनुसंधान केंद्र करनाल और जोन-2 जोधपुर के निदेशक ने भाग लिया।
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डीएम नाबार्ड दीपक, डीडीए विरेंद्र आर्य, डीएचओ महावीर शर्मा व पशुपालन उपनिदेशक डा. आंतिल ने भी विचार व्यक्त किए। इस अवसर पर राजेंद्र, प्रीतम सिंह, सुरेश, वीना, कैलाशो व पुष्पा सहित 50 प्रगतिशील किसान मौजूद रहें।