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कैदियों और बंदियों के आश्रितों की दिक्कतों का डीएलएसए कराएगा निदान

हरियाणा विधिक सेवाएं प्राधिकरण (हालसा) ने जेलों में निरुद्ध कैदियों-बंदियों के आश्रितों की समस्याओं के निदान के लिए उनके घर दस्तक देने की अनूठी पहल की है। हालसा के निर्देश पर जिला विधिक सेवाएं प्राधिकरण (डीएलएसए) के सचिव एवं सीजेएम मनोज कुमार राणा ने पैनल में शामिल छह वकीलों की टीम गठित की है। शनिवार को कार्यालय में बुनाई मीटिग में टीम सदस्यों को स्कीम की जानकारी दी। टीम को 669 बंदियों और 330 कैदियों की सूची भी सौंप दी है।

By JagranEdited By: Published: Sun, 05 May 2019 07:40 AM (IST)Updated: Sun, 05 May 2019 07:40 AM (IST)
कैदियों और बंदियों के आश्रितों की दिक्कतों का डीएलएसए कराएगा निदान
कैदियों और बंदियों के आश्रितों की दिक्कतों का डीएलएसए कराएगा निदान

जागरण संवाददाता, पानीपत: हरियाणा विधिक सेवाएं प्राधिकरण (हालसा) ने जेलों में निरुद्ध कैदियों-बंदियों के आश्रितों की समस्याओं के निदान के लिए उनके घर दस्तक देने की अनूठी पहल की है। हालसा के निर्देश पर जिला विधिक सेवाएं प्राधिकरण (डीएलएसए) के सचिव एवं सीजेएम मनोज कुमार राणा ने पैनल में शामिल छह वकीलों की टीम गठित की है। शनिवार को कार्यालय में बुनाई मीटिग में टीम सदस्यों को स्कीम की जानकारी दी। टीम को 669 बंदियों और 330 कैदियों की सूची भी सौंप दी है। सीजेएम ने बताया कि राष्ट्रीय विधिक सेवाएं प्राधिकरण के आदेश पर यह योजना पूरे देश में चलाई जा रही है। कोई भी अधिकारों से वंचित न रहे, इस तथ्य को ध्यान में रखते हुए यह निर्णय लिया गया है। उन्होंने कहा कि अभी तक आपराधिक न्याय प्रक्रिया मे दो प्रकार के व्यक्तियों (पीड़ित एवं अपराधी पक्ष) की बात की गई हैं, जबकि अपराधियों के आश्रित भी सामाजिक एवं आर्थिक उत्पीड़न से पीडि़त हैं। अभियान में कैदियों-बंदियों के बच्चों के शैक्षिक एवं स्वास्थ्य अधिकारों का संरक्षण किया जाना है। पारिवारिक सदस्यों के उत्पीडन संबंध में उन्हें न्याय दिलाना, बुजुर्ग माता-पिता पैंशन बनवाना, आश्रित भाई-बहन के भरण पोषण का इंतजाम करना भी शामिल है। सरकार की योजनाओं (जिनके वो पात्र हों) का लाभ दिलाना, लंबित प्रकरण में फ्री वकील मुहैया कराना, कब्जा की गई भूमि को मुक्त कराना आदि भी अभियान का हिस्सा रहेगा। टीम में एडवोकेट पूजा अरोड़ा, मोनिका कक्कड़, दीपक मुदगिल, रंजीत पाल सिंह, आशीष बंसल और सौरभ अनेजा को लिया गया है।

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जून में शुरू होगा दूसरा चरण

सीजेएम ने कहा कि पहले टीम के सदस्य पहले चरण में करनाल और पानीपत की जेल में जाकर, कैदियों-बंदियों से उनका नाम-पता, परिवार के सदस्यों का नाम और मोबाइल फोन नंबर आदि एकत्र करेंगे। इसके बाद उनके घर जाकर समस्यायों के संबंध में आवेदन लेंगे। जून माह में दूसरा चरण शुरू होगा, इसमें समस्याओं का समाधान कराया जाएगा। ये भी उठाए जाएंगे कदम :

कैदियों-बंदियों के परिवार का कोई सदस्य नशा करने की आदत का शिकार है तो उसे नशा मुक्ति केंद्र में एडमिट कराया जाएगा। बच्चों को रोटी-पानी की दिक्कत है तो उन्हें बाल कल्याण समिति के माध्यम से चाइल्ड केयर इंस्टीट्यूशन में भेजा जाएगा। कोई बुजुर्ग है को सेवा करने वाला कोई नहीं है तो उन्हें वृद्ध आश्रम में भेजा जाएगा। सेक्स वर्कर्स को भी कानूनी मदद

जिला विधिक सेवाएं प्राधिकरण की ओर से अन्य अभियान के तहत मानव तस्करी और वाणिज्यिक यौन शोषण के पीडितों को कानूनी सहायता, सरंक्षण प्रदान करने और पुनर्वास के प्रयास किये जाएंगे। सीजेएम ने बताया कि योजना का मुख्य उदेश्य समाज से ऐसे बुरे तत्वों को हटाना है जो महिलाओं और बच्चों की तस्करी की गतिविधियों में शामिल हैं। योजना के तहत लड़कियों की खरीद-फरोख्त, वेश्यावृति कराना जैसी गतिविधियों से जुड़े कानूनी पहलुओं के संबंध में भी जागरूक किया जाएगा। हेल्पलाइन नंबर

किसी भी परिवार का कोई सदस्य जेल में बंद है और परिवार को कोई दिक्कत है तो वह डीएलएसए के हेल्पलाइन नंबर 01802640222 पर संपर्क कर मदद मांग सकते हैं।

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