जहां कम होता रहा मतदान, वहां डीएलएसए चलाएगा कैंपेन
हमारे देश की पहचान मजबूत लोकतंत्र के रूप में भी होती है। यह मजबूती तभी संभव है जब शत-प्रतिशत मतदान हो। मतदाता यदि किसी भी उम्मीदवार को वोट नहीं देना चाहता तो वह नोटा का बटन दबा सकता है।
जागरण संवाददाता, पानीपत: वर्ष 2014 के लोकसभा चुनावों में जिन क्षेत्रों में कम मतदान हुआ, जिला विधिक सेवाएं प्राधिकरण (डीएलएसए) की ओर से वहां जागरूकता अभियान चलाया जाएगा। इसी कड़ी में शनिवार को डीएलएसए के पैनल से जुड़े वकीलों को इलेक्ट्रॉनिक वोटिग मशीन (ईवीएम) और वोटर वेरिफाइड पेपर ऑडिट ट्रेल (वीवीपैट मशीन) के बारे में जानकारी दी गई। ये वकील मतदाताओं को जागरूक करेंगे।
जिला निर्वाचन कार्यालय के मास्टर ट्रेनर लेक्चरर जय कुमार ने वकीलों को ईवीएम और वीवीपीएटी मशीन चलाने की जानकारी दी। उन्होंने कहा कि इस मशीन का इस्तेमाल कर भारत निर्वाचन आयोग ने बैलेट पेपर प्रक्रिया को खत्म कर दिया है। इससे चुनाव में होने वाली धांधली पर रोक लगी है और मतगणना में होने वाली गलती को आसानी से पकड़ा जा सकता है। दोबारा गणना भी बहुत सरल हो गई है। इस मौके पर एडवोकेट मोहम्मद आजम, अशोक बंसल, हतिन्द्र कादियान, विक्रमजीत सिंह, कुसुम देवी, सतपाल सिंह और जितेंद्र शर्मा आदि मौजूद रहे। मतदान के लिए जनजागरण जरूरी: राणा
डीएलएसए के सचिव एवं सीजेएम मनोज कुमार राणा ने कहा कि हमारे देश की पहचान मजबूत लोकतंत्र के रूप में भी होती है। यह मजबूती तभी संभव है जब शत-प्रतिशत मतदान हो। इसके लिए जन-जागरण जरूरी है। मतदाता यदि किसी भी उम्मीदवार को वोट नहीं देना चाहता तो वह नोटा का बटन दबा सकता है। ये है वीवीपैट मशीन
वीवीपैट एक इलेक्ट्रॉनिक मशीन है, जो ईवीएम मशीन के साथ अटैच रहती है। मतदाता वोट डालता है, उस समय वीवीपैट में एक पर्ची जनरेट होती है। इस पर्ची को स्क्रीन पर लगभग सात सेकंड के लिए देखा जा सकता है। इसके बाद यह बॉक्स में लॉक हो जाती है। वोट डालने के बाद मतदाता अपने डाले हुए वोट को देख सकता है, कि उसने किसे मतदान किया है।