डीएलएसए..जहां कानूनी मदद और तुरंत न्याय मिलता
नेशनल लोक अदालतों (एक ई-लोक अदालत सहित) में 3476 केसों का निस्तारण कराते हुए 23 करोड़ 73 लाख 92 हजार 94 रुपये सेटलमेंट राशि वसूली।
राज सिंह, पानीपत
जिला विधिक सेवाएं प्राधिकरण (डीएलएसए)। जरूरतमंदों का दोस्त। मास्क, हैंड सैनिटाइजर, आयुष विभाग द्वारा मुहैया कराई बूस्टर डोज बांटी। नेशनल लोक अदालतों (एक ई-लोक अदालत सहित) में 3476 केसों का निस्तारण कराते हुए 23 करोड़ 73 लाख 92 हजार 94 रुपये सेटलमेंट राशि वसूली। चाइल्ड केयर इंस्टीट्यूशन (सीसीआइ) में रह रहे बच्चों का भी ध्यान रखा। एक साल में 480 जरूरतमंद लोगों को फ्री कानूनी मदद प्रदान की। पिछले वर्ष ये काम हुआ
2424 केस आए स्थायी लोक अदालत में
1543 शिविर लगाए
265 लोग फ्रंट आफिस में स्कीम जानने पहुंचे
1074 लाभार्थी हुए सीसीआइ के एक साल में
267 केस मध्यस्थता केंद्र में आए ये भी जानिये
38 केसों का निस्तारण हुआ स्थायी लोक अदालत में
34 बार निरीक्षण हुआ चाइल्ड केयर इंस्टीट्यूशन में
25 समझौते हुए मध्यस्थता केंद्र में
06 लोक अदालत लगीं जेलों में
11 बंदी जेलों से किए रिहा कैसे होता है काम
10 फीसद केसों को आपसी बातचीत से ही सुलझा दिया
74 एडवोकेट पैनल पर
82 पैरालीगल वालियंटर्स
54 जागरूकता शिविर ट्रैवल वैन से लगवाए
03 शिविर ग्रास रूट के लगे
1.65 लाख को पिछले साल शिविर में जागरूक किया लॉकडाउन में खूब पहुंचाई मदद
90 दिन में 50 हजार जरूरतमंदों को भोजन पहुंचाया
40 हजार से अधिक मास्क फ्री बांटे
1700 आयुर्वेदिक बूस्टर डोज बांटी
100 मीटर कपड़ा जेल में मास्क के लिए दिया पर्यावरण क्षेत्र में किया काम
2000 पौधे लोगों को लगाने के लिए दिए
02 जगह कोविड वाटिका बनवाई
600 पौधे सिवाह जेल में रोपे गए बंदियों-कैदियों से रोजाना बात
सिवाह जेल के बंदियों से दो वकील वीडियो कांफ्रेंस के जरिए हर कार्यदिवस पर बात करते हैं। 17 को फ्री कानूनी मदद दी। 291 को मेडिकल सुविधाएं प्रदान कराई। 27 के पेंशन फॉर्म भरे। दो के आधार कार्ड भी बनवाए। 26 के बैंक में खाता खुलवाया। दुष्कर्म पीड़िताओं को 59.10 लाख मुआवजा
दुष्कर्म पीड़िताओं का केस फाइनल होने पर मुआवजा की फाइल अदालत द्वारा प्राधिकरण को भेजी जाती है। वर्ष 2020 में एक फाइल मिली। दुष्कर्म क नए-पुराने 17 केसों में प्राधिकरण ने दिसंबर 2020 में सेंट्रल विक्टिम कंपनसेशन फंड (सीवीसीएफ) और स्टेट विक्टिम कंपंसेशन फंड (एसवीसीएफ) से 59 लाख 10 हजार रुपये का मुआवजा प्रदान किया है। ये हैं मुफ्त कानून मदद पाने के हकदार
-आय सालाना तीन लाख रुपये से कम।
-पिछड़ा वर्ग, अनुसूचित जाति या अनुसूचित जनजाति वर्ग।
-महिलाएं या नाबालिग।
-न्यायिक हिरासत में, दिव्यांग।
-औद्योगिक कर्मचारी, बेगार से पीड़ित, देह व्यापार से पीड़ित।
-बाढ़-भूकंप जैसी सामूहिक आपदा से पीड़ित।
-जनहित में याचिका दायर करना चाहते हैं।
-दंगा या उग्रवाद के पीड़ित और आश्रित।
-वरिष्ठ नागरिक और सेवानिवृत्त कर्मचारी।
-किन्नर समुदाय से संबंध रखने वाले। ऐसे मिलती है कानूनी मदद
-सरकारी खर्च से वकील मिलता है।
-कोर्ट फीस, गवाहों का खर्च, फैसले की नकल लेना, टाइप आदि खर्च की बचत। इन मामलों में मिलती है कानूनी मदद
मुकदमा कोर्ट में लंबित हो, मुकदमा करना हो तो आपको सिविल जज की कोर्ट से लेकर सुप्रीम कोर्ट में फ्री कानूनी मदद मिलेगी। सहायता के लिए फोन नंबर 0180-2640222 पर भी कार्य दिवस में सुबह 10 बजे से शाम पांच बजे तक काल कर सकते हैं। लोक अदालतों में इन केसों पर सुनवाई
बिजली-टेलीफोन-पानी बिल विवाद, चेक बाउंस, वाहन दुर्घटना बीमा, घरेलू हिसा, जमानती धाराओं में दर्ज केस, नगर निगम-पालिका टैक्स, वैवाहिक मामले और रिकवरी आदि। चैलेंज नहीं कर सकते
सीजेएम एवं डीएलएस के सचिव अमित शर्मा ने बताया कि डीएलएसए कैंसर, टीबी, धूम्रपान पर लोगों को जागरूक कर सेहतमंद रहने की सलाह देता है। संस्थाओं के साथ मिलकर पर्यावरण, शिक्षा, स्वास्थ्य पर भी काम करता है। नेशनल लोक अदालतों में केस का निस्तारण होने के बाद कोई भी पार्टी किसी भी कोर्ट में उसे चैलेंज नहीं कर सकता है।