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हरियाणा के इस गुरुद्वारे से नहीं हटेगा भिंडरावाला का फोटो, सीएम आएंगे तो स्‍वागत करेंगे

गुरुद्वारे में भिंडरावाला की तस्वीर को विवादित नहीं मानती संगत। करनाल में निसिंग के डाचर स्थित राज करेगा खालसा गुरुद्वारे में सीएम के कार्यक्रम के रद होने का है मामला।

By Ravi DhawanEdited By: Published: Thu, 04 Oct 2018 04:53 PM (IST)Updated: Thu, 04 Oct 2018 06:28 PM (IST)
हरियाणा के इस गुरुद्वारे से नहीं हटेगा भिंडरावाला का फोटो, सीएम आएंगे तो स्‍वागत करेंगे
हरियाणा के इस गुरुद्वारे से नहीं हटेगा भिंडरावाला का फोटो, सीएम आएंगे तो स्‍वागत करेंगे

प्रदीप शर्मा, करनाल । खालिस्‍तान समर्थक भिंडरावाला एक बार फि‍र से चर्चा में आ गया है। इसकी वजह बनी है गुरुद्वारे के लंगर हॉल में लगी उसकी तस्‍वीर। हरियाणा के मुख्‍यमंत्री मनोहरलाल को करनाल के निसिंग स्थित डाचर में राज करेगा खालसा गुरुद्वारा में आना था लेकिन जब उन्‍हें पता चला कि यहां लंगर हॉल में भिंडरावाला की तस्‍वीर लगी है तो उन्‍होंने अपना कार्यक्रम रद कर दिया। इसके बाद से गुरुद्वारे से जुड़े सिख भड़क गए हैं। हालांकि अब संकेत मिल रहे हैं कि सीएम इस गुरुद्वारे में आएंगे। दूसरी तरफ गुरुद्वारे से जुड़े पदाधिकारियों ने साफ कर दिया है कि वे भिंडरावाला की तस्‍वीर नहीं हटाएंगे।
गुरुनानक देव साहिब यात्री निवास के प्रधान जनपाल सिंह ने कहा कि भिंडरावाला की तस्वीर को विवाद के तौर पर लेना गलत है। वो शहीद हुए थे। हमारे लिए संत हैं। एक दशक से ज्यादा से आस्था का केंद्र रहे इस गुरुद्वारे में हर साल होने वाले समागम में किसी राजनेता को नहीं बुलाया गया। उन्हें पता लगा कि सीएम धर्म-कर्म में विश्वास रखने वाले हैं। इस वजह से वे न्‍योता देने गए थे लेकिन ऐन मौके पर कार्यक्रम को रद करने से सिख संगत की भावनाएं आहत हुई हैं। सिख संगत ने तर्क दिया कि मुख्‍यमंत्री ने अपना दौरा रद कर गलत संदेश दिया है।

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लंगर हॉल में लगी है तस्‍वीर
भिंडरावाला की जिस तस्वीर लगे होने के कारण कार्यक्रम रद किया, वह तो पहले से ही लंगर हाॅल में लगी हुई है। दरबार साहिब में उसकी तस्वीर नहीं है। दैनिक जागरण ने प्रधान जानपाल सिंह से बातचीत की और पूछा कि सीएम मनोहर लाल के दोबारा से गुरुद्वारे में आने की सूचना है, इसे वे किस प्रकार से देखते हैं? उन्होंने कहा कि यह गुरु का घर है। सब एक समान है। आएंगे तो उनका स्वागत है। लेकिन भिंडरावाला की तस्‍वीर नहीं हटेगी।

51 दिवसीय सेवा समागम में जुटती है संगत
डाचर स्थित गुरुद्वारे का इतिहास एक दशक से ज्यादा पुराना है। वर्ष 2005 में संत बाबा शीशा सिंह के देहावसान के बाद उनकी याद में इसकी नींव रखी गई थी। तब से लेकर अब तक 51 दिवसीय सेवा समागम का आयोजन किया जाता है। 24 घंटे में 20 से 25 हजार संगत यहां पर आती है। गुरु को शीश नवाती है। जानपाल सिंह के मुताबिक 52वें दिन आयोजित होने वाले कार्यक्रम में दूर-दूर से यहां पर लाखों की संख्या में संगत आती है। 24 घंटे गुरु का सिमरन चलता है। क्षेत्र में अपनी विशेष पहचान रखे यह गुरुद्वारा इन दिनों चर्चा का विषय बना हुआ है। संत बाबा नरिंद्र सिंह, संत बाबा बलविंद्र सिंह, जत्थेदार बाबा गुरमीत सिंह की देखरेख में गुरुद्वारे का संचालन किया जा रहा है।

मुख्‍यमंत्री ने आने के दिए हैं संकेत
बुधवार को सीएम मनोहर लाल ने दिल्ली में दिल्ली सिख गुरुद्वारा मैनेजमेंट कमेटी के अध्यक्ष मनजिंदर सिंह से मुलाकात की थी। इसके बाद मनजिंदर सिंह ने बयान जारी कर कहा कि सीएम ने आश्वासन दिया है कि वे करनाल के गुरुद्वारे में जाएंगे। हालांकि मनजिंदर सिंह के इस आश्वासन को हरियाणा के सिख संगठन तवज्‍जो नहीं दे रहे। उनका कहना है कि वे मनजिंदर की बात क्‍यों मानें।

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कौन था भिंडरावाला
6 जून, 1984 को पंजाब के अमृतसर स्थित स्वर्ण मंदिर में ऑपरेशन ब्लू स्टार को अंजाम दिया गया था। जरनैल सिंह भिंडरावाले और उसके समर्थकों को स्वर्ण मंदिर से खदेड़ने के लिए इस ऑपरेशन कि शुरुआत की गई थी। दरअसल, स्वर्ण मंदिर के पास की 17 बिल्डिंग में आतंकवादियों ने कब्जा किया हुआ था। सेना के मुताबिक भिंडरावाला की अगुवाई में सिखों के लिए अलग देश की मांग को लेकर स्वर्ण मंदिर में आतंकियों ने जबरन कब्जा कर लिया था। सेना के अनुसार इस ऑपरेशन में 493 को मारा गया था। सेना के साथ चली खालिस्तान समर्थकों की लड़ाई में आखिरकार सेना ने भिंडरावाला को मार गिराया। स्वर्ण मंदिर को कब्जे से छुड़ा लिया। जब सिख समुदाय के कुछ लोग अलग से सिख राज्य की मांग कर रहे थे, तब भिंडरावाला दमदमी टकसाल में सिख धर्म की पढ़ाई करने आया था। भिंडरावाला कि सिख धर्म के प्रति कट्टर आस्था थी।

दमदमी टकसाल का अध्यक्ष बना
टकसाल के गुरु की मौत के बाद भिंडरावाला मात्र 31 साल की उम्र में सिखों के पांच अकाल तख्तों में से एक दमदमी टकसाल का अध्यक्ष बना। टकसाल प्रमुख बनने के बाद भिंडरावाला का प्रभाव बढ़ने लगा। उसके देश और विदेश में समर्थकों की संख्या में तेजी से बढ़ोतरी होने लगी। भिंडरावाला की सुरक्षा देश के उस समय ऐसी थी जैसी की किसी देश के प्रधानमत्री या राष्ट्रपति की होती है। उसके अपने गार्ड रात-दिन उसकी सुरक्षा में लगे रहते थे। यहां तक कि भिंडरावाला ने स्वर्ण मंदिर में हथियार और गोला-बारूद जमा करना शुरु कर दिया था।


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