योग से मधुमेह और उच्च रक्तचाप को हराया
योग भगाए रोग..इस पुरानी कहावत को किसी की जुबान से सुनें तो नजरअंदाज न करें। 21 जून को मनाए जाने वाले अंतरराष्ट्रीय योग दिवस की थीम घर में योग है।
जागरण संवाददाता, पानीपत : योग भगाए रोग..इस पुरानी कहावत को किसी की जुबान से सुनें तो नजरअंदाज न करें। 21 जून को मनाए जाने वाले अंतरराष्ट्रीय योग दिवस की थीम घर में योग है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी योग को तंदुरुस्ती का जरिया और मौजूदा काल में अधिक प्रासंगिक बता चुके हैं। इसी कड़ी में सेक्टर-12 निवासी बिजनेसमैन मोहिद्र कात्याल से रूबरू कराते हैं। योग से वे खुद स्वस्थ हुए, अब दूसरों को योगासन सिखा रहे हैं।
मोहिद्र कात्याल ने बताया कि मेरी आयु 55 वर्ष है। इलेक्ट्रीकल गुड्स का बिजनेस है। मेरी शुगर 350 से अधिक और रक्तचाप 180 तक रहता था। सात-आठ साल तक तमाम दवाओं का सेवन किया, खानपान पर भी कंट्रोल किया। लगातार मेडिसिन खाने से दोनों रोग कंट्रोल में रहते, दवा लेना भूल जाता तो उसी दिन हालत खराब हो जाती थी। एक परिचित की सलाह पर योग कक्षाओं में जाने लगा। शुरुआती दिनों में योग क्रियाएं करना कठिन था, इसके बाद एंजॉय करने लगा। करीब दो साल से कपालभाति, मंडूक आसन और अनुलोम-विलोम आदि क्रियाएं कर रहा हूं। अब शुगर और रक्तचाप पूरी तरह कंट्रोल में है। कोई मेडिसिन नहीं लेता, पहले की भांति खानपान पर कंट्रोल अभी भी रख रहा हूं।
कात्याल के मुताबिक योग को पूरी तरह परखा, अब करीब छह माह से एकता पार्क में रोजाना सुबह करीब एक घंटा लोगों को योग क्रियाएं सिखाते हैं। कोरोना संकट के चलते फिलहाल करीब 20 साधक योग कक्षा में पहुंच रहे हैं, इनमें 15 महिलाएं शामिल हैं।
योग ने पास नहीं आने दिया रोग :
अंसल सुशांत सिटी निवासी 52 वर्षीय हैंडलूम व्यवसायी प्रमोद खुराना ने करीब 10 साल पहले योग को तंदुरुस्ती से जोड़कर अपनाया। उन्हें कोई बीमारी नहीं थी, योग ने कोई रोग शरीर में आने भी नहीं दिया। खुराना कहते हैं कि रोजाना वज्रासन, कपालभाति, अनुलोम-विलोम और भ्रांबरी करते हैं, दूसरों को कराते भी हैं।