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बंद कमरे में हरियाणा के डीजीपी और गृहमंत्री की 56 मिनट गुफ्तगू, बढ़ रही थी दोनों में दूरियां

अनिल विज चार मामलों में पुलिस प्रमुख से मांग चुके हैं स्पष्टीकरण। नए डीजीपी का पैनल भेजने के पक्ष में। किसान आंदोलन और कोरोना कर्फ्यू को लेकर भी दोनों में हुई बातचीत डीजीपी बोले- हालचाल पूछने के लिए आए थे।

By Anurag ShuklaEdited By: Published: Thu, 15 Apr 2021 05:38 PM (IST)Updated: Thu, 15 Apr 2021 05:38 PM (IST)
बंद कमरे में हरियाणा के डीजीपी और गृहमंत्री की 56 मिनट गुफ्तगू, बढ़ रही थी दोनों में दूरियां
हरियाणा के गृहमंत्री से मुलाकात करने पहुंचे डीजीपी।

अंबाला, [दीपक बहल]। प्रदेश के गृह मंत्री अनिल विज और डीजीपी मनोज यादव के बीच बुधवार को बंद कमरे में 56 मिनट तक गुफ्तगू हुई। इस दौरान दरवाजे पर खड़े सुरक्षा गार्डों को भी दूर कर दिया गया था। एसएसपी हामिद अख्तर भी अंबाला छावनी के शास्त्री कालोनी स्थित विज के आवास पर मौजूद थे, लेकिन वे भी बैठक से दूर रहे। हालांकि विज ने इस बैठक को जहां किसान आंदोलन और कोरोना कर्फ्यू से संबंधित बताया वहीं डीजीपी ने भी राजपत्रित अवकाश वाले दिन विज की कोठी आना रूटीन बताया और कहा कि वे उनका हालचाल पूछने आए थे।

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गौरतलब है कि गृह मंत्री विज और डीजीपी के बीच में पहले कई मुद्दे उठ चुके हैं, जिनके चलते दोनों में दूरियां बढ़ गई थीं। डीजीपी का विज की कोठी पर आना एक तरह से इनके बीच बढ़ती दूरी को कम करने के प्रयास से भी जोड़कर देखा जा रहा है। दूसरी ओर, डीजीपी मनोज यादव का दो साल का कार्यकाल हरियाणा में पूरा हो चुका है। ऐसे में विज डीजीपी का नया पैनल संघ लोक सेवा आयोग को भेजने के लिए प्रदेश के गृह सचिव राजीव अरोड़ा को दिशा निर्देश दे चुके हैं, लेकिन सरकार ने अगले आदेश तक यादव को ही इस पद बरकरार रखने का आदेश जारी कर रखा है।

इन चार मुद्दों पर मांगा था स्पष्टीकरण

गृह मंत्री अनिल विज डीजीपी मनोज यादव की की कार्यप्रणाली से संतुष्ट नहीं रहे हैं। यही कारण है कि उन्होंने लिखित आदेशों में अधिकारी की कार्यप्रणाली पर सवाल उठाए थे। अलग-अलग मामलों में विज ने स्पष्टीकरण भी मांगा था। पहला मामला जहरीली शराब में जांच कर रही विशेष जांच दल (एसआइटी) की टीम से दो आइपीएस अधिकारियों को अलग करने का था। वहीं थानों व चौकियों में धार्मिक स्थलों को लेकर था, जिसमें डीजीपी ने अधिकार क्षेत्र से बाहर जाकर आदेश जारी किए तो विज ने इस मामले को सरकार का अधिकार क्षेत्र बताया था। तीसरा मामला हरियाणा नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो से जुड़ा है, जिसमें बिना संसाधनों के ही ब्यूरो को चलाया जाता रहा। चौथा मामला चुनावी ड्यूटी में चहेते अफसरों को छोड़ चुङ्क्षनदा आइपीएस अफसरों को बार-बार दूसरे राज्यों में भेजने से जुड़ा है। इन सभी मामलों में विज ने डीजीपी से जवाब मांगा था। कुछ मामलों में स्पष्टीकरण दिया जा चुका है।

प्रदेश की कानून व्यवस्था को लेकर बातचीत हुई है। किसान आंदोलन और कोरोना कफ्र्यू पर चर्चा हुई ताकि इस महामारी से बचा जा सके। लॉकडाउन नहीं लगाया जाएगा बल्कि अर्थव्यवस्था का पहिया भी घूमे और लोग भी इस बीमारी से बचे रहें, इस पर भी काम करना है।

अनिल विज, गृह मंत्री हरियाणा

मंत्री जी का स्वास्थ्य पूछने के लिए आया था। रूटीन में कुछ मामलों पर चर्चा हुई है।

मनोज यादव, डीजीपी हरियाणा

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