Kartik Purnima 2021: कपालमोचन में श्रद्धालु लगाएंगे आस्था की डुबकी, रात 12 बजे करेंगे स्नान, जानिए खासियत
Kartik Purnima 2021 कार्तिक पूर्णिमा की रात स्नान करने से पहले शाम को श्रद्धालु सभी सरोवरों के किनारे पर दीये जलाते हैं। श्रद्धालुओं की भीड़ को देखते हुए एक दीया पांच रुपये तक का बिकता है। क्योंकि कार्तिक पूर्णिमा को दीपदान करना शुभ माना जाता है।
कपालमोचन (यमुनानगर), जागरण संवाददाता। Kartik Purnima 2021: यमुनानगर में पांच दिवसीय कपालमोचन मेला जारी है। कपालमोचन मेले में श्रद्धालु दूर-दूर से आते है। शुक्रवार को कार्तिक पूर्णिमा (Kartik Purnima) है और गुरु नानक जयंती (Guru Nanak Jayanti) भी है। इस दिन श्रद्धालु पवित्र सरोवरों में आस्था की डूबकी लगाते है। कपालमोचन में भी श्रद्धालु स्नान करने के लिए पहुंच रहे है। तो चलिए जानते है कि कार्तिक पूर्णिमा के दिन स्नान करने का क्या महत्व है।
2 लाख श्रद्धालुओं के पहुंचने की उम्मीद
कपालमोचन में आयोजित पांच दिवसीय मेले के चौथे दिन श्रद्धालुओं की कुछ भीड़ बढ़ने लगी। श्रद्धालु वाहनों में बैठ कर मेला में पहुंच रहे हैं। बुधवार रात 12 बजे तक करीब तीन लाख से अधिक श्रद्धालु मेला में पहुंच चुके थे। आज रात 12 बजे कार्तिक पूर्णिमा (Kartik Purnima) के अवसर पर श्रद्धालु कपालमोचन, ऋणमोचन व सूरजकुंड सरोवरों में स्नान करेंगे। इसलिए आज रात तक दो लाख श्रद्धालुओं के पहुंचने की उम्मीद है। आस्था की डुबकी लगाने के साथ ही श्रद्धालु अपने घर को लौटने शुरू हो जाएंगे।
सरोवरों में स्नान करने से पूरी होती है मनोकामनाएं
पांच दिन तक लगने वाले इस मेले में सबसे ज्यादा श्रद्धालु पहुंचते हैं। इसके अलावा हरियाणा, दिल्ली, चंडीगढ़, उत्तर प्रदेश, हिमाचल प्रदेश के अलावा अन्य जगहों से भी लोग आकर पवित्र सरोवरों में स्नान करते हैं। कार्तिक पूर्णिमा को गुरु नानक देव जी का प्रकाशोत्सव होता है। मान्यता है कि इस दिन कपालमोचन स्थित सरोवरों में स्नान करने से सभी मनोकामनाएं पूरी होती हैं। 19 नवंबर को मेले का आखिरी दिन है। परंतु प्रशासन ने अधिकारियों व कर्मचारियों की ड्यूटी 20 नवंबर तक लगाई है।
नाकों पर ही रोके जाएंगे वाहन
मेला परिसर को जाने वाले सभी रास्तों पर पुलिस ने 12 नाके लगा रखे हैं। इसलिए किसी भी कार, बस, ट्रक को मेला तक जाने की अनुमति नहीं है। इन वाहनों को पार्किंग में खड़ा किया जा रहा है। जहां से उन्हें पैदल ही मेला में जाना होगा। केवल वे वाहन ही मेला तक जा सकते हैं, जिनमें लंगर लगाने का सामान है। परंतु इसके लिए पहले प्रशासन से अनुमति लेनी होगी। मेला में लगी दुकानों पर श्रद्धालु कपड़ों, बर्तन, खिलौनों, लकड़ी से बनी पीढ़ी, कुंडी व अन्य सामान की खूब खरीदारी कर रहे हैं।
खूब बिकते हैं दीये व तेल
कार्तिक पूर्णिमा की रात स्नान करने से पहले शाम को श्रद्धालु सभी सरोवरों के किनारे पर दीये जलाते हैं। श्रद्धालुओं की भीड़ को देखते हुए एक दीया पांच रुपये तक का बिकता है। क्योंकि कार्तिक पूर्णिमा को दीपदान करना शुभ माना जाता है। इसलिए बच्चों, महिलाओं व बुजुर्गों से लेकर सभी दीये जलाते हैं। रात को दीये जलने से सरोवरों का नजारा देखने लायक होता है। इसके साथ ही दीये बनाने वालों को मेले से अच्छी आमदनी हो जाती है।
डीसी व एसपी लेंगे सुरक्षा का जायजा
कार्तिक पूर्णिमा का स्नान करने से पहले डीसी एवं श्राइन बोर्ड के मुख्य प्रशासक पार्थ गुप्ता, एसडीएम बिलासपुर एवं मेला प्रशासक जसपाल सिंह गिल, एसपी कुमलदीप गोयल मेले का निरीक्षण कर प्रबंधों व सुरक्षा व्यवस्था का जायजा लेंगे।
ऋणमोचन पर स्नान से मिलती ऋण से मुक्ति
मान्यता है कि भगवान शिव को जब ब्रह्म हत्या का दोष लगा था तब वे कपालमोचन में पहुंचे थे। यहां आकर उन्होंने कपालमोचन सरोवर में स्नान किया था, जिससे शिव शंकर को ब्रह्म हत्या से मुक्ति मिली थी। इसके अलावा ऋण मोचन सरोवर में मनुष्य को ऋण से मुक्ति मिलती है। वहीं गुरु गोबिंद सिंह 52 दिन तक कपालमोचन में रुके थे। यहां बने पवित्र सरोवरों में उन्होंने भंगियानी युद्ध के बाद अपने शस्त्र धोए थे। इसके अलावा महाभारत का युद्घ खत्म होने के बाद पांडव कपालमोचन में आए थे।
मेले में सभी सुविधाएं दे रहे हैं : जसपाल गिल
एसडीएम बिलासपुर एवं मेला प्रशासक जसपाल सिंह गिल ने बताया कि वीरवार रात 12 बजे कार्तिक पूर्णिमा के अवसर पर तीनों सरोवरों में स्नान शुरू हो जाएगा। मेले में सुरक्षा व्यवस्था बढ़ा दी गई है। मेले में लाखों श्रद्धालु पहुंच रहे हैं। रात को होने वाले स्नान से पहले मेला में अच्छी भीड़ जुटेगी। प्रशासन मेला में आने वाले श्रद्धालुओं को सभी प्रकार की सुविधाएं दे रहा है।