कैथल में डेंगू की फर्जी रिपोर्ट देने वालों पर कार्रवाई करेगा विभाग, टीमों का गठन
पिछले पांच सालों से कैथल में मलेरिया का कोई केस सामने नहीं आया है। वहीं डेंगू के पिछले साल 250 के करीब केस मिले थे। जिले में एक अप्रैल से स्वास्थ्य विभाग द्वारा डेंगू व मलेरिया को लेकर जागरूकता अभियान चलाया हुआ है।
कैथल, सुरेंद्र सैनी। डेंगू की फर्जी रिपोर्ट देने वाले निजी लैब संचालकों, अस्पतालों व क्लीनिकों पर विभाग की तरफ से शिकंजा कसा जाएगा। इसके लिए टीमों गठित कर दी गई हैं। किसी ने डेंगू की फर्जी रिपोर्ट दी तो न केवल विभागीय कार्रवाई होगी, बल्कि लाइसेंस भी रद किया जाएगा।
डेंगू को की जांच को लेकर राशि की निर्धारित, 600 रुपये से ज्यादा नहीं ले सकेंगे लैब संचालक
डेंगू की जांच को लेकर जहां 600 रुपये रेट निर्धारित किए गए हैं, वहीं पाजिटिव केस आने पर 24 घंटे के अंदर इसकी सूचना सिविल सर्जन कार्यालय को देनी होगी, अगर ऐसा नहीं किया तो प्राइवेट लैब संचालकों के विरुद्ध कार्रवाई की जाएगी।
वीरवार से टीमें फिल्ड में उतरकर जांच कर सकती हैं। बता दें कि पिछले पांच सालों से जिले में मलेरिया का कोई केस सामने नहीं आया है। वहीं डेंगू के पिछले साल 250 के करीब केस मिले थे। जिले में एक अप्रैल से स्वास्थ्य विभाग द्वारा डेंगू व मलेरिया को लेकर जागरूकता अभियान चलाया हुआ है। अब तक तीन लाख से ज्यादा घरों का सर्वे किया जा चुका है। इनमें 175 के करीब घर व प्रतिष्ठानों में रखे कूलर, फ्रिज, गमले, छतों पर रखे टायर सहित अन्य जगहों पर मच्छर का लारवा मिला है।
डेंगू की जांच के लिए सरकार द्वारा इन टेस्टों को दी गई है मान्यता
सरकार की तरफ से डेंगू को लेकर एलाइजा टेस्ट को ही मान्यता दी गई है। अगर प्राइवेट लैब संचालक, क्लीनिक, अस्पताल कार्ड टेस्ट कर डेंगू की पाजिटिव रिपोर्ट देते हैं तो गलत है, इसे सरकार द्वारा कोई मान्यता नहीं है। वहीं इस टेस्ट को लेकर सरकार की तरफ से 600 रुपये फीस भी निर्धारित की गई है, अगर ज्यादा फीस ली जाती है तो उसके विरुद्ध विभाग की तरफ से कार्रवाई की जाएगी। एलाइजा दो तरह का टेस्ट होता है। एनएस-वन दूसर आइजीएम होता है। दोनों की 600 रुपये फीस निर्धारित की गई है। सरकारी अस्पताल कैथल में यह सुविधा निशुल्क है।
ये हैं डेंगू के लक्षण
- मच्छर काटने के कुछ दिन बाद तेज बुखार होना
- शरीर में कमजोरी आना, प्लेटलेट्स की संख्या कम होना
- सिर दर्द, मांसपेशियों, हड्डियों व जोड़ों में दर्द होना
- उल्टी आना सहित अन्य डेंगू के लक्षण है।
- चिकित्सकों के अनुसार अगर मरीज के खून में प्लेटलेट्स की संख्या 20 हजार या फिर इससे कम हो जाए तो ब्लीडिंग होने का खतरा ज्यादा रहता है।
- एक स्वस्थ व्यक्ति में डेढ़ से दो लाख प्लेटलेट्स होती है।
अधिकारी के अनुसार
जिला डिप्टी सिविल सर्जन डा. नीरज मंगला ने बताया कि डेंगू की फर्जी रिपोर्ट को रोकने के लिए विभाग सतर्क है। सरकार की तरफ से तय किए गए नियमों के अनुसार ही प्राइवेट लैब, अस्पताल व क्लीनिक संचालक कार्य करें। यदि नियमों के विरुद्ध कार्य किया तो विभाग की तरफ से कार्रवाई की जाएगी। लाइसेंस भी रद किया जा सकता है।