दिल्ली की सजा पानीपत को, एक्सपोर्ट एसोसिएशन उतरा विरोध में, जानें पूरा मामला
दिल्ली में प्रदूषण की सजा पानीपत के उद्योग को दी जा रही है। प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड की कार्रवाई का विरोध। पानीपत एक्सपोर्ट एसोसिएशन की अगवाई में 38 व्यापारिक संगठन रोड मार्च करेंगे डीसी को देंगे ज्ञापन। अविलंब उद्योगों को बंद करने का आर्डर वापस लेने की मांग।
पानीपत, जागरण संवाददाता। वायु गुणवत्ता प्रबंधन आयोग (एयर क्वालिटी मैनेजमेंट कमिशन) के एनसीआर में शामिल शहरों में कोयला बेस उद्योगों को बंद करने के आदेशों को खिलाफ उद्योगों ने कड़ा रोष जताया है। जीटी रोड स्थित होटल में शहर के नामी निर्यातकों सहित 17 व्यापारिक संगठनों की बैठक में 11 दिसंबर शनिवार को रोड मार्च करने का फैसला लिया। बैठक की अध्यक्षता करते हुए पानीपत एक्सपोर्ट एसोसिशएसन के प्रधान ललित गोयल, पानीपत इंडस्ट्रीज एसोसिएशन के प्रधान सरदार प्रीतम सिंह ने कहा कि पानीपत में प्रदूषण को स्तर पिछले 15 दिनों में 100 अंकों से कम है। दिल्ली की सजा पानीपत को क्यों दी जा रही है। कंबल और 3 डी चादर का सीजन तीन माह का होता है। एक माह प्रदूषण की कार्रवाई में निकल जाएगा। इससे उद्योग कैसे सरवाइव कर पाएंगे। यहां के उद्यमियों की कोई सुनवाई नहीं हो रही है। इसीलिए उद्यमियों, कारोबारियों को सड़क पर उतरने के लिए मजबूर कर दिया गया है।
क्या है मामला
वायु गुणवत्ता मैनेजमेंट आयोग ने एनसीआर में कोयला बेस उद्योगों को बंद रखने के निर्देश जारी किए हैं। हर रोज उद्योंगों पर केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड की टीम छापेमारी कर रही । दो चलते हुए उद्योगों को सील किया जा चुका है। दो निर्माणाधीन उद्योगों का निर्माण कार्य रोक दिया गया। चार जनरेटर सील किए जा चुके हैं। इसके विरोध में निर्यातक, उद्यमी, व्यापारी सड़कों पर है। उद्यमियों का कहना है कि यह आर्डर बवायलर उद्योगों के लिए। जिसमें 800 डाइ हाउस सहित 2000 उद्योग प्रभावित है। निर्यातक उद्योगों सबसे अधिक प्रभावित है। डाइंग पर ही घरेलू से लेकर निर्यात का कारोबार टिका हुआ है।
लुधियाना, सूरत से कैसे मुकाबला : अविनाश पालीवाल
प्रसिद्ध निर्यातक अविनाश पालीवाल का कहना है कि पंजाब में लुधियाना में कोयला बेस उद्योग चल रहे हैं। यहां गैस पर उद्योग चलाना तीन गुणा महंगा होगा। हम कैसे प्रतिस्पर्धा में अपना माल बेच पाएंगे। सुप्रीम कोर्ट में इस आर्डर को लेकर प्रदेश सरकार अपना प्रतिनिधि खड़ा करे।
उद्योगों का साफ्ट टारगेट बनाया जा रहा : विभू पालीवाल
निर्यातक विभू का कहना है कि उद्योगों से 11 प्रतिशत, ट्रांसपोर्ट, वाहनों के चलने से बाकी प्रदूषण फैलता है। फिर उद्योगों को साफ्ट टारगेट क्यों बनाया जाता है।
अडानी का एकाधिकार तीन गुणा खर्च बढ़ेगा : अशोक गुप्ता
शहर के प्रमुख निर्यातक अशोक गुप्ता ने कहा कि गैस पर अडानी ग्रुप की एकाधिकार है। 30 प्रतिशत टैक्स खर्च लगता है। गैस से उद्योग चलाने में तीन गुणा खर्च अधिक आता है। कोयला बेस उद्योगों को गैस में शिफ्ट करना भी इतना अधिक आसान नहीं है।
विधायक, सांसद प्रयासरत : रमन छाबड़ा
निर्यातक रमन छाबड़ा ने बताया कि विधायक प्रमोद विज और सांसद संजय भाटिया भी पानीपत के उद्यमियों की समस्या को सुलझाने पर लगे हैं। नए वर्ष के विदेशों के आर्डर टाइम बाउंड है। उद्योगों को बंद करने से भारी नुकसान उठाना पड़ रहा है।
पांच लाख वर्कर प्रभावित : रमेश वर्मा
हैंडलूम मैन्युफैक्र्चर्स एक्सपोर्ट एसोसिएशन के प्रधान रमेश वर्मा ने कहा कि उद्योगों को बंद होने से पांच लाख वर्कर प्रभावित होंगे। उनकी रोजी रोटी का प्रबंध कैसे होगा।
चीन के आर्डर मिले अब विदेशी पूछ रहे कब दोगे : ललित गोयल
पानीपत एक्सपोर्ट एसोसिएशन के प्रधान ललित गोयल ने कहा कि कोविड के बाद चीन से आर्डर पानीपत शिफ्ट हुए हैं। अब उद्योगों को बंद होने पर विदेशी खरीददार पूछ रहे है। कब तक माल दोगे। उनको क्या जवाब दें।
50-60 हजार उद्यमी वर्कर करेंगे प्रदर्शन : भीम राणा
पानीपत डायर्स एसोसिएशन के प्रधान भीम राणा ने कहा कि 11 दिसंबर को 50-60 हजार उद्यमी वर्कर सड़कों पर होगा। जीमखाना से रोड प्रदर्शन लघु सचिवालय तक जाएगा। बैठक में जगदीश जैन, सुरेश गर्ग, श्रीभगवान अग्रवाल, राम प्रताप, सरदार प्रीतम, नवीन बंसल, रमन छाबड़ा, सत्येन्द्र लीखा, असीम पाहवा ने अपने विचार रखे। सभी ने एकजुट होकर रोष प्रदर्शन करने पर जोर दिया।
150 से 200 करोड़ का नुकसान
एयर क्वालिटी मैनेजमेंट आयोग के कोयला बेस उद्योगों को बंद करने के आदेश के चलते पानीपत के 2000 से अधिक उद्योगों को 150-200 करोड़ तक का नुकसान हो चुका है। सेक्टर 29 इंडस्ट्रियल एरिया एसोसिएशन के प्रधान श्रीभगवान अग्रवाल का कहना है। इंडस्ट्री बंद होने पैकिंग उद्योगों को भी झटका लगा है। उद्योगपति मिंक पोलर एसोसिएशन के प्रधान नवीन बंसल ने बताया कि सबसे अधिक नुकसान कंबल, थ्री डी चादर और निर्यात उद्योग को हो रहा है। इस आदेश तुरंत वापस लिया जाना चाहिए।