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500 फीट गहरी खाई में गिरी कार, मां-बेटे और बहू की मौत

सोलन से पिकनिक मनाकर लौट रहे अंबाला के डिफेंस कॉलोनी के परिवार की कार 500 फीट गहरी खाई में गिर गई। हादसे में मां बेटे और बहू की मौत हो गई।

By Edited By: Published: Sat, 04 May 2019 09:15 AM (IST)Updated: Sun, 05 May 2019 02:34 PM (IST)
500 फीट गहरी खाई में गिरी कार, मां-बेटे और बहू की मौत
500 फीट गहरी खाई में गिरी कार, मां-बेटे और बहू की मौत

पानीपत/अंबाला, जेएनएन। सोलन में पिकनिक मनाने के बाद लौटते समय डिफेंस कालोनी सेक्टर सी निवासी एक परिवार की कार 500 फीट गहरी खाई में जा गिरी। हादसे में गौरव (38) उसकी पत्नी अंकिता(34) और उनकी मां बीना बाम्बवाल की मौके पर ही मौत हो गई।

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पुलिस के अनुसार सोलन से वापस आते हुए रात करीब 11 बजे परवाणु के पास पहुंचे तो उनकी कार एचआर 01एए 9373 अनियंत्रित हो गई। इसके बाद यह कार 500 फीट गहरी खाई में जा गिरी। सड़क किनारे स्टॉल लगाने वाले एक व्यक्ति ने यह हादसा देखा और उसने आसपास के लोगों व पुलिस को सूचना दी। परवाणु पुलिस ने अग्निशमन विभाग की टीम के साथ मिलकर करीब चार घंटे तक रेस्क्यू अभियान चलाकर सभी को बाहर निकाला। इसके बाद उन्हें परवाणु के ईएसआइ अस्पताल ले जाया गया जहां उन्हें मृत घोषित कर दिया। डिफेंस कालोनी में जैसे ही यह सूचना पहुंची तो पूरे सेक्टर सी में मातम पसर गया। 

इंश्योरेंस कंपनी में मैनेजर था गौरव, पत्नी थी टीचर
मृतक गौरव इंश्योरेंस कंपनी में मैनेजर था और पत्नी अंकिता छावनी के डीएवी रिवर साइड स्कूल में किंडरगार्डन कक्षाओं को पढ़ाती थी। गौरव के पिता ललित बाम्बवॉल भी इंश्योरेंस कंपनी में ही थे। उनका काफी समय पहले निधन हो गया था जबकि मां बीना हाउस वाइफ ही थी। 

साढ़े 12 बजे दी भाई को जानकारी
हादसे के बाद डीएसपी परवाणु योगेश रोल्टा ने मृतक गौरव के भाई सौरभ को घटना की जानकारी दी। सौरभ नोएडा में कार्यरत है। सूचना मिलते ही सौरभ पत्नी भावना के साथ अंबाला पहुंचा। यहां पत्नी को छोडऩे के बाद परवाणु के लिए रवाना हुआ। पुलिस ने शवों को सौरभ के सुपुर्द कर दिया। शुक्रवार शाम करीब छह बजे तीनों शवों का गमगीन माहौल में अंतिम संस्कार कर दिया गया।

दोनों काफी हंसमुख स्वभाव के थे
डिफेंस कालोनी सेक्टर सी में रहने वाले गौरव और उसकी पत्नी अंकिता बेहद मिलनसार थे। अंकिता छावनी के डीएवी रिवर साइड स्कूल में केजी कक्षाओं को पढ़ाती थी। जबकि गौरव इंश्योंरेंस कंपनी में मैनेजर था। इसीलिए दोनों बेहद हंसमुख थे। छोटे बच्चों को पढ़ाते-पढ़ाते वह उनमें इतना घुलमिल जाती थी कि हमेशा हंसती रहती थी। इसी तरह क्लाइंट से मिलने वाले गौरव का स्वभाव था। गौरव का ज्यादातर समय अपनी कार में ही निकलता था। क्योंकि उसे जहां से भी इंश्योरेंस के लिए क्लाइंट मिलता वह अपनी गाड़ी में ही वहां पहुंच जाता। 

आउटिंग का बनाया प्लान
करीब साढ़े तीन बजे अंकिता शहजादपुर स्थित प्राइम स्टैप से वापस घर पहुंची ही थी। बता दें कि यह स्कूल भी डीएवी रिवर साइड स्कूल की ब्रांच हैं और हाल ही में अंकिता को वहां का जिम्मा दिया गया था। स्कूल से लौटने के बाद पति गौरव ने उसे सोलन का प्लान बताया। साथ ही मां बीना से कहा कि वह भी उनके साथ ही चले। हालांकि मां नहीं जाना चाहती थी। लेकिन गौरव ने कहा कि मां घर पर अकेले क्या करोगे। इसीलिए बेटे के कहने पर वह भी साथ ही चल दी। लेकिन किसी को क्या पता था कि अब पूरा परिवार कभी जिंदा वापस नहीं आएगा। 

गौरव बेहद धीमी गति से चलता था कार
आसपास के लोगों ने बताया कि गौरव बेहद धीमी और अच्छी तरह से कार चलता था। ऐसे में गाड़ी अनियंत्रित कैसे हुई यह हर किसी की समझ से बाहर है। बताया जा रहा है कि जहां पर हादसा हुआ वहां ढलान थी। शायद इसी कारण कार अनियंत्रित होकर खाई में जा गिरी। 

जाते-जाते भी ट्यूशन पढऩे आने वाले बच्चे को किया फोन
बताया जा रहा है कि सोलन जाने से पहले करीब सवा चार बजे अंकिता ने एक बच्चे के परिजनों को फोन किया था। कहा था कि वह आज घर पर नहीं मिलेंगी। इसीलिए आज बच्चे को घर पर न भेजें। 

दो साल पहले की थी छोटे भाई की शादी, खुद की नहीं थी संतान
गौरव ने अपने छोटे भाई सौरभ की करीब दो साल पहले शादी की थी। सौरभ अपनी पत्नी भावना के साथ नोयडा में ही रह रहा था। पूरा परिवार बेहद खुश था। गौरव और अंकिता के कोई संतान नहीं थी। दोनों भाइयों में गहरा प्यार था। गौरव अपने परिवार के साथ सोलन गया था। इसीलिए पूरे घर के लॉक लगाए थे। जैसे ही सौरभ को दर्दनाक हादसे की जानकारी मिली और वह पत्नी के साथ अंबाला पहुंचा तो लॉक की चाबी नहीं होने के कारण ताले तोडऩे पड़े।

बीना का शव था कार में, शेष को तलाशती रही पुलिस
हादसे के बाद गौरव की मां का शव कार से ही पुलिस को मिल गया था। जबकि गौरव और उसकी पत्नी अंकिता का शव खाई से निकालने के लिए पुलिस को काफी मशक्कत करनी पड़ी। हालांकि करीब एक घंटे के भीतर दोनों के शव भी मिल गए थे लेकिन पुलिस को उम्मीद थी कि गाड़ी में शायद एक-दो सदस्य और होंगे। इसीलिए पुलिस ने करीब चार घंटे तक रेस्क्यू चलाया जोकि शुक्रवार सुबह करीब 3 बजे खत्म हुआ। 

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