प्रोफेशनल कोर्स में घटा रुझान, ट्रेडिशनल पर लगा रहे ध्यान
प्रोफेशनल स्नातक कोर्स बीबीए और बीसीए में युवाओं का रुझान लगातार घट रहा है। युवा फिर ट्रेडिशनल कोर्स की ओर रुख कर रहे हैं। ऐसे में युवाओं को सीधे रोजगार से जोड़ने के लिए कॉलेजो में कई कोर्स शुरू किए गए हैं।
जागरण संवाददाता, पानीपत : प्रोफेशनल स्नातक कोर्स बीबीए और बीसीए में युवाओं का रुझान लगातार घट रहा है। युवा फिर से ट्रेडिशनल कोर्स की ओर रुख करने लगे हैं। ऐसे में युवाओं को सीधे रोजगार से जोड़ने के लिए कॉलेजों में शुरू किए गए कोर्स की पूरी सीट भर पाना अब टेढ़ी खीर लगने लरी है। सरकारी कॉलेजों में भी दूसरे कोर्सों से कम आवेदन बीसीए और बीबीए में आ रहे हैं। शिक्षाविद भी इस पर चितित हैं।
वहीं, स्नातक और स्नातकोत्तर के लिए ऑनलाइन आवेदन ने रफ्तार पकड़ ली है। आठ जून से शुरू आवेदन की प्रक्रिया 28 तक चलेगी। इस बीच 21 से 29 जून को डॉक्यूमेंट का वेरीफिकेशन होगा। युवा बोले, नौकरी मिलनी चाहिए
युवा बीबीए और बीसीए को बोझ मानते हैं। एसडी कॉलेज में आवेदन करने आई डिपल ने बताया कि ये दोनों कोर्स सेल्फ फाइनेंस हैं। कॉलेज सारा खर्च फीस से निकालता है। इतनी फीस में बीए में दो बच्चे पढ़ाई कर लेते हैं। मैंने बीए में आवेदन किया है। आर्य कॉलेज में आवेदन करने आए राकेश ने बीकॉम में आवेदन किया है। राकेश ने बताया कि बीबीए और बीसीए की बजाय बीकॉम में जॉब के अवसर ज्यादा हैं। बीबीए और बीसीए में रुझान घटने के ये दो कारण
कारण नंबर-एक
बीबीए और बीसीए में स्नातक स्तर पर जॉब मार्केट नहीं है। इसका सबसे बड़ा कारण इन कोर्सों का इंडस्ट्री से लिक नहीं है। युवा बीबीए और बीसीए की डिग्री लेकर भी सामान्य स्नातक की तरह रोजगार के लिए लाइन में लगे रहता है। उनको तमाम प्रयासों के बाद भी नौकरी नहीं मिल पाती। इसके लिए युवाओं को एमसीए करना जरूरी है। विशेषज्ञों के अनुसार बीए, बीकॉम और बीएससी पास भी एमबीए आसानी के साथ कर सकते हैं।
कारण नंबर-दो
बीबीए और बीसीए सेल्फ फाइनेंस कोर्स हैं। एक साल में 30 से 35 हजार रुपये फीस के रूप में देने पड़ते हैं। इसके विपरीत बीए और दूसरे संकाय में 15 से 20 हजार रुपये में स्नातक कर सकते हैं। युवाओं को यह विषय भी काफी प्रभावित करता है।
बीबीए और बीसीए कोर्स कॉलेजों में वर्ष 2000 में आए थे। शुरुआत में युवा इन कोर्सों को पसंद करते थे। अब इतनी मांग नहीं है। बीए में दाखिला न होने की स्थिति में भी युवा बीबीए और बीसीए में मुश्किल जाते हैं। इस बार भी अपेक्षाकृत कम आवेदन आ रहे हैं।
डॉ. अनुपम अरोड़ा, प्राचार्य, एसडी पीजी कॉलेज। बीबीए और बीसीए सेल्फ फाइनेंस के कोर्स हैं। इनमें सामान्य से अधिक फीस है। युवा फीस की वजह से भी दूसरे संकायों में स्नातक करना चाहते हैं। युवाओं को इन विषयों के बारे में भी समझाया जाता है, लेकिन अपेक्षाकृत युवा इसे अपनाने को तैयार नहीं हैं।
डॉ. जगदीश गुप्ता, आर्य पीजी कॉलेज। प्रोफेशनल कोर्सों में स्किल का होना जरूरी है। युवाओं का प्राइवेट की बजाय सरकारी नौकरियों की तरफ ज्यादा प्रयास रहता है। ऐसे में वे बीए और दूसरे संकायों में आवेदन कर रहे हैं।
डॉ. अजय गर्ग, आइबी पीजी कॉलेज।
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