Animal Death: जींद के कंडेला गांव में रहस्यमय बीमारी से पशुओं की हो रही मौत, पशु पालकों में दहशत
जींद में पशुओं में गल घोटू बीमारी फैलने के कारण पशुओं की मौत हो रही है जिसके कारण पालकों में दहशत बनी हुई है। पशु पालाकों का कहना है कि पशु एक-दो दिन में चारा खाना बंद कर देते हैं और पशु की मौत हो जाती है।
जींद/अलेवा, जागरण संवाददाता। जींद के गांव कंडेला में पशुओं में गल घोटू बीमारी फैलने के कारण पशु पालकों में दहशत बनी हुई है। पशु पालकों के अनुसार बीमारी से आए दिन तीन से चार छोटे पशुओं की मौत हो रही है। कंडेला निवासी हजूरा प्रधान, रामफल, दलबीर, प्रेम, ओमप्रकाश, रमेश कुमार, सतबीर, कृष्ण कुमार, सत्यवान ने बताया पशुओं में शुरूआती लक्षणों में मुंह से पानी आने के अलावा लगड़े हो रहे हैं। जिसके कारण पशु एक-दो दिन में चारा खाना बंद कर देते हैं और पशु की मौत हो जाती है। बीमारी से पशुओं के मरने का सिलसिला कई दिनों से जारी है। कई दिनों से तो एक-एक घर से दो-दो पशुओं की मौत हो रही है। जिसके कारण एक पशु की कीमत लाखों में आंकी जा रही है। पशुओं के निरतंर मरने के सिलसिले के चलते गांव के लोगों में पशु विभाग तथा सरकार के खिलाफ रोष बढ़ता जा रहा है।
महंगी दवाओं से इलाज करवाने पर मजबूर
पशु पालकों ने कहा कि गरीब लोगों को अपने पशुओं का इलाज करवाने के लिए महंगें दामों पर दवा खरीद कर इलाज करवाना पड़ रहा है। जिसके कारण पशु पालकों को आर्थिक व मानसिक परेशानियों से जूझना पड़ता है। पशु चिकित्सक के पास जाते हैं तो उनके द्वारा विभाग से कोई दवा सप्लाई की बात न कहकर बाहर से दवा लाने के लिए बोल दिया जाता है। जिसके कारण बाहर से मिलने वाली महंगी दवाओं से एक गरीब आदमी इलाज करवाने में असमर्थ है। पशु पालकों ने पशु विभाग से गांव में पशु चिकित्सकों की टीम भेजकर पशुओं का इलाज करने की गुहार लगाई है।
छोटे पशु ज्यादा चपेट में, पीछे से वैक्सीन मिलने का इंतजार
कंडेला पशु अस्पताल में तैनात वीएलडीए बलवान ने कहा कि पशुओं में मुंह खुर (गल घोटू) नामक बीमारी ने पांव पसारे हुए हैं। छोटे पशु इसकी ज्यादा चपेट में आ रहे हैं। पशु पालकों के घर-घर पहुंचकर फ्री में पशुओं को इलाज किया जा रहा है। छोटे पशुओं को पीछे मिली वैक्सीन से टीकाकरण न होने से ज्यादा दिक्कत आई है। वैक्सीन के आते ही टीकाकरण शुरू कर दिया जाएगा। जल्द ही गांव में फैली बीमारी को काबू कर लिया जाएगा। पशुओं के मरने बारे मामला उनके संज्ञान में नहीं है।