H1N1 virus alert :स्वाइन फ्लू के वायरस ने ले ली एक की जान
पानीपत में स्वाइन फ्लू से एक युवक की मौत हो गई। इसके बाद स्वास्थ्य विभाग अलर्ट हो गया है। अब उसने संदिग्ध स्वाइन फ्लू के मरीजों की रिपोर्ट जुटानी शुरू कर दी है।
पानीपत, जेएनएन। सर्दी बढ़ते ही फ्लू जनित रोग स्वाइन फ्लू का जानलेवा रूप जिंदगियां लीलने लगा है। जिले में स्वाइन फ्लू से एक व्यक्ति की मौत हो गई। प्रेम अस्पताल में भर्ती बिहार के एक युवक की स्वाइन फ्लू से मौत हो गई। इस बीमारी के कारण जिले में यह पहली मौत मानी जा रही है।
अस्पताल के डायरेक्टर डॉ. प्रेम मुटनेजा ने बताया कि धीरज निवासी सेक्टर 25, मरीज अनुज कुमार(32 वर्ष) को लेकर अस्पताल पहुंचे थे। प्राथमिक लक्षण स्वाइन फ्लू जैसे दिखे तो ब्लड टेस्ट, एक्स-रे सहित अन्य टेस्ट कराए गए। सिविल अस्पताल में सूचना देकर दवा मंगाई गई। इससे पहले कि मरीज का एच-1 एन-1 टेस्ट करा पाते, उसने दम तोड़ दिया। मृतक मूल रूप से बिहार का बताया गया है। फिलहाल मृतक का पूरा पता नहीं मिल पाया है।
नमूने पीजीआइ भेजे जाएंगे
डॉ. मुनेश ने भी पुष्टि करते हुए कहा कि सभी लक्षण स्वाइन फ्लू जैसे थे। मरीज को वेंटीलेटर पर भी रखा गया था। एच-1 एन-1 टेस्ट नहीं होने के कारण मरीज को संदिग्ध ही माना जाएगा। वहीं, सिविल अस्पताल के डॉ. श्याल लाल ने कहा कि लक्षणों के आधार पर मरीज को ओसेल्टामिविर टेबलेट दी जाती है। प्रेम अस्पताल से आए थ्रोट स्वैब के नमूने को सोमवार को पीजीआइ रोहतक में भेजा जाएगा।
हाथ न मिलाएं, नमस्ते से काम चलाएं : डॉ. शैलेंद्र
हाथ न मिलाएं नमस्ते से काम चलाएं...। हरियाणा में इन दिनों स्वाइन फ्लू के बढ़ते प्रभाव से भयभीत लोगों को सरकारी अस्पताल के फिजिशियन ने यह सलाह दी है। चिकित्सक के मुताबिक स्वाइन फ्लू संक्रमण से फैलने वाली बीमारी है जो एक संक्रमित व्यक्ति के संपर्क में आने से दूसरे को हो सकती है। इसलिए सर्दियों के इस मौसम में मिलने वाले परिचित लोगों को नमस्ते करें, क्योंकि नमस्ते करना स्वाइन फ्लू, वायरल इंफेक्शन जैसी कई बीमारियों से बचाता ही है। इसके अलावा एक से दूसरे को होने वाली स्कैबीज यानी खुजली की बीमारी से भी दूर रखता है। एलएनजेपी अस्पताल के फिजिशियन डॉ. शैलेंद्र ममगाईं शैली ने कहा कि भारत देश में नमस्ते की सभ्यता रही है। हाथ जोड़कर किसी को सम्मान देने में शालीनता नजर आती है।
सवाल : स्वाइन फ्लू के किस तरह के लक्षण हैं?
जवाब : बुखार या बढ़ा हुआ तापमान, अत्याधिक थकान, सिरदर्द, ठंड लगना, नाक निरंतर बहना, गले में खराश, कफ, सांस लेने में तकलीफ, भूख कम लगना, मांसपेशियों में बेहद दर्द, उल्टी या दस्त होना इसके लक्षण हैं।
सवाल : स्वाइन फ्लू से बचाव कैसे करें?
जवाब : सबसे पहले एक बात को ध्यान रखिए कि दूसरों से हाथ मिलाने से बचिए। बार-बार साबुन और पानी से अपने हाथ धोयें। जब खांसी या छींक आए तो अपने मुंह और नाक को एक टिश्यू से ढक लें। इस्तेमाल किये टिश्यू का तुरंत और सावधानी के साथ निपटान करें। स्वच्छ कठोर सतहों (उदाहरण के लिए दरवाजे के हैंडल) को नियमित साफ करें। भीड़भाड़ वाली जगह पर जाने से बचें। घरों में बेड की चादर, रजाई व अन्य सामान को रोजाना धूप लगाएं।
सवाल : अगर किसी को उपरोक्त लक्षण हो तो क्या करें?
उत्तर : मरीज को किसी भी तरह की घबराने की जरूरत नहीं है। अगर किसी को स्वाइन फ्लू होने की आशंका लगती है तो वह तुरंत सरकारी अस्पताल में जांच कराएं। इस बीमारी में उन मरीजों को खतरा होता है जो पहले ही किसी बीमारी से ग्रसित हो। गर्भवती महिलाएं, छोटे बच्चे व बुजुर्गों को भी इससे खतरा हो सकता है। इसके मरीज को घर पर ही रहकर उपचार लेना चाहिए। सार्वजनिक क्षेत्रों पर जाने से बचें। मुंह पर मास्क डालकर रखें।