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कुरुक्षेत्र को पूर्व प्रधानमंत्री गुलजारीलाल नंदा ने दिया था धर्मनगरी का स्वरूप, पुण्यतिथि पर नमन

स्वामी ज्ञानानंद महाराज ने दो दिवसीय संगोष्ठी का शुभारंभ किया। 13 दिन के लिए दो बार प्रधानमंत्री बने थे गुलजारी लाल नंदा। श्रीब्राह्मण एवं तीर्थोद्धार सभा की ओर से भी दुखभंजन मंदिर में गुलजारी लाल नंद की पुण्यतिथि पर हवन किया गया।

By Umesh KdhyaniEdited By: Published: Fri, 15 Jan 2021 02:19 PM (IST)Updated: Fri, 15 Jan 2021 02:19 PM (IST)
कुरुक्षेत्र को पूर्व प्रधानमंत्री गुलजारीलाल नंदा ने दिया था धर्मनगरी का स्वरूप, पुण्यतिथि पर नमन
कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय के सीनेट हॉल में सरस्वती एवं 48 कोस कुरुक्षेत्र तीर्थ भूमि विषय पर राष्ट्रीय संगोष्ठी जारी।

पानीपत/कुरुक्षेत्र, जेएनएन। धर्मनगरी कुरुक्षेत्र का नाम अंतरराष्ट्रीय स्तर पर चमकाने वाले भारतरत्न स्वर्गीय गुलजारी लाल नंदा की पुण्यतिथि हवन और नंदा स्मारक पर पुष्पांजलि अर्पित करके मनाई गई। उन्हें कुरुक्षेत्र का आधुनिक शिल्पकार भी कहा जाता है। 

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शुक्रवार को कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय की ओर से गुलजारी लाल नंदा स्मारक पर वैदिक यज्ञ आयोजित किया गया। कुवि के सीनेट हॉल में सरस्वती एवं 48 कोस कुरुक्षेत्र तीर्थ भूमि विषय पर राष्ट्रीय संगोष्ठी रखी गई है, जिसका उद्घाटन स्वामी ज्ञानानंद महाराज ने किया। वहीं श्रीब्राह्मण एवं तीर्थोद्धार सभा की ओर से भी दुखभंजन मंदिर में गुलजारी लाल नंद की पुण्यतिथि पर हवन किया गया। 

यज्ञ के बाद समाधि स्थल पर अर्पित की पुष्पांजलि

इससे पहले नंदा स्मारक पर कुवि कुलपति प्रोफेसर सोमनाथ सचदेवा, प्रो. ब्रह्मर्षि स्वामी तिरुपति, प्रो. शुचिस्मिता, केडीबी मानद सचिव मदन मोहन छाबड़ा, प्रो. हिम्मत सिंह सिन्हा, प्रो. एसपी शुक्ल ने समाधि स्थल पर पुष्पार्पित किए। केंद्र के निदेशक डा. सुरेंद्र मोहन मिश्र ने बताया कि कुवि के भारतरत्न गुलजारीलाल नंदा नीतिशास्त्र दर्शनशास्त्र केंद्र में स्वर्गीय गुलजारी लाल नंदा की 24वीं पुण्यतिथि मनाई गई। यह कार्यक्रम कुवि व कुरुक्षेत्र विकास बोर्ड के संयुक्त तत्वावधान में आयोजित किया गया है। वैदिक यज्ञ के पश्चात 10 बजे स्वर्गीय नंदा के समाधि सदाचार स्थल पर पुष्पांजलि अर्पित की गई। इस मौके पर दो दिवसीय संगोष्ठी कार्यक्रम आयोजित किया गया है। 

दो बार रहे भारत के प्रधानमंत्री 

गुलजारी लाल नंदा को मंत्रिमंडल में वरिष्ठतम सहयोगी होने के कारण दो बार कार्यवाहक प्रधानमंत्री का दायित्व संभाला। प्रथम कार्यकाल 27 मई 1964 से 9 जून 1964 तक रहा, जब पंडित जवाहर लाल नेहरू का निधन हुआ था। दूसरा कार्यकाल 11 जनवरी 1966 से 24 जनवरी 1966 तक रहा, जब लाल बहादुर शास्त्री का ताशकंद में देहांत हुआ था। वहीं गुलजारी लाल नंदा प्रथम पांच आम चुनावों में लोकसभा के सदस्य निर्वाचित हुए।

नंदा की जयंती पर श्रीब्राह्मण एवं तीर्थोद्धार सभा ने साधुओं काे कराया भोजन 

श्रीब्राह्मण एवं तीर्थोद्धार सभा की ओर से दुखभंजन महादेव मंदिर में गुलजारी लाल नंदा की जयंती पर हवन किया गया। सभा के सदस्याें ने साधु व संतों को भोजन कराया। इस अवसर पर केडीबी के पूर्व सदस्य एवं सभा के मुख्य सलाहकार अधिवक्ता जयनारायण शर्मा ने कहा कि कुरुक्षेत्र का जो आज स्वरूप है वह स्वर्गीय नंदा की देन है। नंदा कुरुक्षेत्र को तीर्थ स्थल के रूप में विकसित करना चाहते थे और उनकी इच्छा थी कि धर्मक्षेत्र कुरुक्षेत्र तीर्थाटन की दृष्टि से विकसित हो, लेकिन वर्तमान में कुरुक्षेत्र विकास बोर्ड नंदा के सपने को पूर्ण करने में विफल रहा है।


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