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डीसी निगम के टेंडर घोटाले पर एक्शन में आई, कमिश्नर से मांगा स्पष्टीकरण

नगर निगम अधिकारियों की शर्त बदलकर जारी 33.27 करोड़ के टेंडर कैंसल करने के बाद भी मुश्किलें कम होने का नाम नहीं ले रही हैं।

By JagranEdited By: Published: Tue, 28 Aug 2018 01:22 AM (IST)Updated: Tue, 28 Aug 2018 01:22 AM (IST)
डीसी निगम के टेंडर घोटाले पर एक्शन में आई, कमिश्नर से मांगा स्पष्टीकरण
डीसी निगम के टेंडर घोटाले पर एक्शन में आई, कमिश्नर से मांगा स्पष्टीकरण

जागरण संवाददाता, पानीपत : नगर निगम अधिकारियों की शर्त बदलकर जारी 33.27 करोड़ के टेंडर कैंसल करने के बाद भी मुश्किलें कम होने का नाम नहीं ले रही हैं। अब डीसी ने इस तरह से शर्त लगाने को ¨चताजनक बताते हुए नगर निगम कमिश्नर से स्पष्टीकरण मांग लिया है। खुद मुख्यमंत्री ने भी इसकी रिपोर्ट मांगी है। किसी तरह की कमी मिलने पर सख्त अधिकारियों पर गाज गिर सकती है।

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नगर निगम अधिकारियों ने गत दिनों शहर में नौ विकास कार्यो के 33.27 करोड़ रुपये के टेंडर जारी किए थे। जिसमें ठेकेदार या कंपनी को 12 प्रतिशत सालाना मुनाफा और पांच करोड़ का टर्न ओवर होना जरूरी होने की शर्त लगाई थी। निगम की इन शर्तो के चलते शहर के सभी ठेकेदार टेंडर प्रक्रिया में बाहर निकल गए थे। ठेकेदारों में हंगामा मच गया था। शहरी स्थानीय निकाय विभाग के अधिकारियों ने मामले को ¨चताजनक बताते हुए इसकी रिपोर्ट मांग ली थी। कमिश्नर प्रदीप डागर ने इसके टेंडर कैंसल कर इन शर्तो को हटा दिया था।

सफाई के टेंडर पर हंगामा

नगर निगम ने शहर की सफाई का जेबीएम कंपनी के बाद एक अन्य कंपनी को भी दिया है। कंपनी को वेक्यूम क्ली¨नग मशीन से जीटी रोड समेत शहर के प्रमुख सड़कों की सफाई करनी है। आरोप है कि निगम ने 15.75 लाख का एक कंपनी को टेंडर दिया था लेकिन अधिकारियों ने इसको रोक लिया था। अब इसी काम का टेंडर करीब 79 लाख रुपये में दे दिया।

जेबीएम कंपनी को 15 दिन का समय दिया

डीसी ने सोमवार को मासिक समीक्षा बैठक में मीडिया से रूबरू होते हुए निगम में टेंडरों के गड़बड़झाल के बारे में कहा कि जेबीएम कंपनी की रिपोर्ट संतोषजनक नहीं है। कंपनी को 15 दिन का समय दिया है। इन्हीं सबके चलते कंपनी को अब तक आधी पेमेंट ही की जा सकी है। शहर में सफाई का मुद्दा सबसे ज्वलंत है। करनाल की तरह पानीपत को भी स्वच्छता में अव्वल लाने के लिए धरातल पर काम करने की जरूरत है। निगम में काम करने वाले ठेकेदार का शहरी स्थानीय निकाय विभाग से रजिस्टर्ड होना सही है, लेकिन 12 प्रतिशत प्रॉफिट की शर्त लगाने जैसी बात उनके सामने नहीं रखी गई है। अपने स्तर पर इस तरह की शर्त लगाना गलत है।

वर्जन

निगम कमिश्नर ने वेक्यूम क्ली¨नग मशीन को लेकर मुझसे चर्चा की थी। किसी कंपनी को प्रॉफिट में टेंडर देने या शर्तो को बदलने जैसी कोई बात नहीं हुई। कमिश्नर से शर्तो को लेकर स्पष्टीकरण मांग लिया गया है। उनका जवाब आने के बाद ही आगामी कार्रवाई की जाएगी।

सुमेधा कटारिया, डीसी, पानीपत।


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