एक करोड़ छात्रों का डाटा ऑनलाइन, ऐसे होगी हर मुश्किल दूर
अब एक क्लिक पर मिलेगी जानकारी। 1960 से 2014 के बीच का पूरे रिकार्ड की हुई डिजिटल स्कैनिंग। पुराने डाटा को संरक्षित रख सकेगा कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय। आटोमेशन की तरफ बढ़ते कदम।
जेएनएन, पानीपत - किसी छात्र की डिग्री खो गई हो। किसी को अपनी मार्कशीट दोबारा निकलवानी हो या फिर पुराना डाटा निकलवाना हो तो अब चक्कर पर चक्कर नहीं काटने होंगे। यहां तक की फाइल खो जाने का भी डर नहीं रहेगा। कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय की परीक्षा शाखा ने आटोमेशन की दिशा में कदम बढ़ाते हुए एक करोड़ 10 लाख 7 हजार 113 विद्यार्थियों के डाटा को डिजिटल फार्मेट में संरक्षित कर लिया है। पुराने डाटा का डिजिटाइजेशन करने के मामले में कुवि देश के अग्रणी विश्वविद्यालयों की पंक्ति में शामिल हो गया है।
इस डाटा के डिजिटाइजेशन से अब हर तरह की जानकारी एक क्लिक के साथ ही विश्वविद्यालय को उपलब्ध होगी और परीक्षा शाखा आनलाइन ही डाटा का सत्यापन कर सकेगी। विश्वविद्यालय की परीक्षा शाखा के पुराने डाटा के डिजिटाइजेशन की प्रक्रिया चल रही है। अब तक एक करोड़ से अधिक परीक्षार्थियों का डाटा डिजिटल फॉम में तैयार किया गया है। इस डाटा के डिजीटल होने से अब हर तरह की अंकतालिका, सत्यापन सहित अन्य कार्य आनलाइन हो सकेंगे। परीक्षा नियंत्रक डॉ. हुकम सिंह रंगा ने बताया कि कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय अब उस दिशा में आगे बढ़ रहा है। जब विद्यार्थी किसी सर्टिफिकेट के लिए ऑनलाइन आवेदन कर सकेंगे और उसे ऑनलाइन ही तैयार किया जा सकेगा।
58 वर्ष का डाटा एक जगह
पिछले 58 वर्षों के डाटा को डिजिटाइज्ड करने के लिए एक टीम पिछले एक वर्ष से कार्य कर रही थी। विश्वविद्यालय में विद्यार्थियों को ऑनलाइन सुविधाएं तभी दी जा सकती हैं जब पुराने डाटा को हम डिजिटाइज्ड कर सकेंगे। इसी उद्देश्य को ध्यान में रखते हुए परीक्षा शाखा के पुराने डाटा को डिजिटाइज्ड किया गया है। इसके लिए एक विशेष सेल विश्वविद्यालय की परीक्षा शाखा में बनाया गया है जो इसकी स्कैङ्क्षनग के साथ-साथ इसके संरक्षण का कार्य को भी देख रहा है। परीक्षा नियंत्रक के अनुसार परीक्षा शाखा के आटोमेशन की प्रक्रिया को आगे बढ़ाने के लिए नए व पुराने दोनों डाटा को डिजिटल फोर्म में रखा गया है। आने वाले समय में इसका विद्यार्थियों व विश्वविद्यालय दोनों को फायदा होगा। परीक्षा शाखा में पारदर्शिता के साथ-साथ कामकाज की गति भी बढ़ेगी।
हुकम सिंह रंगा।
नववर्ष पर 100 प्रतिशत हो जाएगा डाटा डिजिटल - रंगा
कुवि में कर्मचारियों की ओर से डाटा डिजिटल करने का कार्य इतनी तेजी से किया जा रहा है कि अब तक परीक्षा शाखा की ओर से वर्ष 1960 से 2015 तक का परीक्षा संबंधी डाटा डिजिटल किया गया है। कुवि परीक्षा नियंत्रक डॉ. हुकम सिंह रंगा ने बताया कि नववर्ष पर 2018 तक का डाटा डिजिटल तैयार कर दिया जाएगा। जिसके बाद 100 प्रतिशत विद्यार्थियों का डाटा डिजिटल हो जाएगा।