सोशल मीडिया पर अनजान लोगों की फोटो लाइक करना पड़ सकता है महंगा, इस तरह निशाना बना रहे ठग
अनजान लोगों के फोटो लाइक न करें। पूरा डाटा दूसरे के पास चला जाता है। बैंक का कस्टमर केयर नंबर गूगल पर न खोजें। इंटरनेट बैंकिंग बैंकिंग सेवा में कमी पर लोकपाल से शिकायत कर सकते हैं। बैंक उपभोक्ता के खाते से बिना जानकारी दिए पैसा नहीं काट सकते।
यमुनानगर, जेएनएन। सोशल मीडिया पर अनजान लोगों के फोटो को लाइक करने वाले ठगी के शिकार हो सकते हैं। लाइक करने के साथ ही पूरा डाटा दूसरे के पास चला जाता है। बैंक में भी अगर कोई दिक्कत है, तो कस्टमर केयर पर शिकायत करने से बचें। आजकल इस तरह से ठगी के मामले सामने आ रहे हैं। साइबर ठगों ने गूगल पर अपने नंबर डाल रखे हैं। जिससे वह कस्टमर से ठगी करते हैं। हाल ही में जिले में चार ऐसे मामले सामने आ चुके हैं। इनमें गूगल से लिए हेल्पलाइन नंबर पर कॉल करने से ठगी हो चुकी है।
इंटरनेट बैंकिंग, बैंकिंग सेवा में कमी पर कोई भी व्यक्ति लोकपाल से शिकायत कर सकता है। अदायगी न होना, चेक ड्राफ्ट बिल, भुगतान में देरी, वसूली, असाधारण विलंब, किसी भी प्रयोजन में अदायगी से पहले जो छोटे नोट हैं। जिन्हें कोई स्वीकार नहीं करता। उसकी शिकायत की जा सकती है। एक रुपये का सिक्का भी लेना पड़ेगा। यदि कोई मना करता है, तो उसके लिए जेल का प्राविधान है। कोई इसमें कमीशन वसूलता है, तो उस पर भी कार्रवाई हो सकती है।
बिना जानकारी दिए बिना नहीं काट सकते पैसे
कोई भी बैंक उपभोक्ता के खाते से बिना जानकारी दिए पैसा नहीं काट सकता। यदि कोई ऐसा करता है, तो ऐसे बैंकों के खिलाफ कार्रवाई का प्राविधान है। इसकी शिकायत लोकपाल के पास की जा सकती है। ब्याज दरों में जो भी आरबीआइ के आदेश हैं। उसकी पूरी जानकारी उपभोक्ता को देनी होगी। साथ ही बैंक कर्मियों को उपभोक्ताओं के साथ अच्छा व्यवहार करना होगा। कोई भी कर्मी उपभोक्ता को कार्य से मना नहीं कर सकता। यदि कोई कर्मचारी ऐसा कर रहा है, तो उसका डिमोशन हो सकता है या फिर वेतन कट सकता है।
इन मामलों में हो चुकी ठगी
केस : 1
धर्मपुरा कालोनी निवासी हर्ष रैतान ने 24 फरवरी की शाम को पंजाब नेशनल बैंक कस्टमर केयर नंबर पर कॉल की। उन्हें अपने बचत खाते से की गई एनईएफटी रूकवाने के बारे में पूछताछ करनी थी। इसके लिए उन्हें पंजाब नेशनल बैंक सपोर्ट एप डाउनलोड करने के लिए कहा गया। जब यह एप प्ले स्टोर पर नहीं मिली, तो उन्होंने कस्टमर केयर नंबर 18001802222 पर कॉल की, जो अवैध बताया गया। जब गूगल से कस्टमर केयर नंबर खोजा, तो एक अन्य नंबर मिला। इस नंबर पर कॉल कर एप के बारे में पूछा, तो उधर से वाट्सएप पर फार्म भेजा गया। जिसमें उन्हें अकाउंट नंबर, मोबाइल नंबर व अमाउंट नंबर भरवाया गया। जब यह फार्म भर गया, तो फोन कट गया और उनके खाते से पांच लाख 90 हजार रुपये साफ हो गया, जबकि न तो उनसे किसी ने ओटीपी पूछा और न ही उन्होंने वह फार्म सबमिट किया था।
केस : 2
पेटीएम से खाते में पैसे ट्रांसफर करना कमला नगर निवासी ज्योति जैन को महंगा पड़ा। पहली बार में पेटीएम से ट्रांजेक्शन न होने पर उन्होंने गूगल से मिले कस्टमर केयर नंबर पर कॉल की। कॉल रिसीव करने वाले ने प्ले स्टोर से एप डाउनलोड कराया। इस एप के डाउनलोड करने के बाद उनके खाते से करीब 12 हजार रुपये साफ हो गए।
केस : 3
ऑनलाइन पिज्जा ऑर्डर करने के नाम पर शिवपुरी कालोनी निवासी सरीन के खाते से 14 हजार रुपये साफ हो गए। सरीन के मोबाइल में जोमेटो नहीं चल रहा था। जिस पर गूगल पे से पिज्जा ऑर्डर किया। ऑर्डर करते ही उनके पास काल आई। काल करने वाले ने उनके मोबाइल पर एक लिंक भेजा और उस लिंक में जानकारी भरवाई। कोई ओटीपी नहीं मांगा गया। जैसे लिंक खोला, उस लिंक में एक एप डाउनलोड करने का ऑप्शन आया। जैसे ही एप डाउनलोड किया। उसके कुछ ही देर बाद मोबाइल पर मैसेज आया। जिसमें 14 हजार रुपये खाते से कट गए। जिस नंबर से उनके पास काल आया। उस पर भी काल की, लेकिन वह नंबर नोट रिचेबल आता रहा।
उपभोक्ता को सतर्क रहने की जरूरत
एसपी कमलदीप गोयल ने बताया कि ऑनलाइन ठगी से बचने के लिए उपभोक्ता को सर्तक रहने की जरूरत है। बैंकों के दिशा निर्देशों का पालन करें और किसी भी तरह की संदिग्ध वेबसाइट या लिंक पर क्लिक न करें। कई मामले ऐसे सामने आए हैं। इसके लिए लोगों से यही अपील है कि वह ऑनलाइन लेन देन करते समय बेहद सर्तकता बरतें। तभी ठगी की वारदातों से बचा जा सकता है।
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