सिविल अस्पताल में मिलेगा कैंसर, डायबिटीज और स्ट्रोक का इलाज
नेशनल प्रोग्राम फॉर प्रिवेंशन एंड कंट्रोल ऑफ कैंसर, डायबिटीज के लिए एनसीडी यूनिट खुलेगी।
जागरण संवाददाता, पानीपत
नेशनल प्रोग्राम फॉर प्रिवेंशन एंड कंट्रोल ऑफ कैंसर, डायबिटीज, कार्डियो वैसकुलर डिजीज एवं स्ट्रोक (एनपीसीडीसीएस)के तहत सिविल अस्पताल में नॉन कम्यूनिकेबल डिजीज यूनिट बनेगी।
सिविल सर्जन डॉ. सुखबीर ¨सह ने बताया कि रहन-सहन और खानपान में बदलाव के कारण कैंसर, डायबिटीज, स्ट्रोक और कार्डियो वैस्कुलर सहित नॉन कम्यूनिकेबल (गैर संचारी) मरीजों की संख्या प्रदेश में हर जिले में बढ़ती जा रही है । सिविल अस्पताल में विशेषज्ञ चिकित्सकों, पैरामेडिकल स्टाफ और उपकरणों के अभाव में मरीजों को प्राथमिक इलाज प्रदान करना भी मुश्किल हो रहा था । केंद्र सरकार ने प्रदेश सरकार की मदद और राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन (एनएचएम) के माध्यम से प्रत्येक सिविल अस्पताल की नई बि¨ल्डग में नॉन कम्यूनिकेबल डिजीज यूनिट बनाने का निर्णय लिया है। यूनिट में 1 मेडिकल आफिसर सहित चिकित्सकों और प्रशिक्षित स्टाफ की तैनाती की जाएगी । संबंधित बीमारियों से पीड़ित मरीजों को इलाज और बीमारियों से बचाव के टिप्स दिए जाएंगे । गंभीर मरीजों को दिल्ली और चंडीगढ़ रेफर किया जाएगा।
सिविल सर्जन की मानें तो एक माह के अंतराल में यूनिट काम करना शुरू कर देगी । यूनिट के लिए डॉक्टर-स्टाफ नहीं मिलने पर मौजूदा चिकित्सकों से ही काम लिया जाएगा। बता दें कि इलाज की पर्याप्त सुविधा नहीं होने के कारण स्वास्थ्य विभाग जिले में कैंसर और हार्ट के मरीजों का डाटा भी एकत्र नहीं कर पा रहा है।
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कार्डियो वैस्कुलर डिजीज
यह बीमारी दिल और रक्त वाहिकाओं के विकारों के कारण होती हैं। इनमें कोरोनरी हृदय रोग (दिल के दौरे), वैस्कुलर रोग (स्ट्रोक), बढ़ा हुआ रक्तचाप (हाइपरटेंशन), परिधीय धमनी रोग, आमवाती हृदय रोग, जन्मजात हृदय रोग तथा दिल का फेल होना शामिल है। सीने में दर्द, सांस लेने में तकलीफ, कमजोरी व हाथ-पैरों में शीतलता इसके लक्षण हैं।