Lockdown के बावजूूूद लापरवाही, बैंक से लेकर किराने की दुकान में भीड़
कोरोना वायरस संक्रमण के चलते लॉकडाउन के बावजूद लोग लापरवाही बरतने में पीछे नहीं रह रहे। बैंक से लेकर किरयाणा की दुकान में भीड़ नजर आ रही है।
पानीपत/करनाल, [पवन शर्मा]। लॉकडाउन के बीच जिले के ग्रामीण क्षेत्रों में अलग अलग किस्म के उदाहरण नजर आ रहे हैं। जागरण ने बेहद बारीकी के साथ इसी ग्राउंड रिपोर्ट का जायजा लिया तो अनुभव हुआ कि अभी भी ज्यादातर जगह बड़ी संख्या में लोग हालात को लेकर सचेत, गंभीर नहीं हैं तो कहीं पाबंदियों से जुड़े तमाम नियम कायदे ही ताक पर रख दिए गए हैं।
टीम ने सबसे पहले शहर से करीब दो किलोमीटर दूर स्थित ग्राम टपराना का रुख किया। यहां पता चला कि लोग अभी भी लॉकडाउन को लेकर कई गंभीर किस्म की चूक कर रहे हैं। घरों से बाहर निकलने के साथ ही वे शारीरिक दूरी का भी बेहतर ढंग से पालन नहीं कर रहे। हालांकि, सभी ऐसा नहीं कर रहे लेकिन कुछ लोगों की गलती दूसरों के लिए समस्या बढ़ा रही है। खेतों की तरफ नजर आया कि बच्चे बुग्गी में बैठकर रास्ता तय कर रहे हैं। लॉकडाउन के बीच जब खासकर, छोटे बच्चों व बुजुर्गों को पूरी तरह घर में रहना चाहिए, तब इस नजारे ने बहुत कुछ सोचने को मजबूर किया। गलियों, नुक्कड़, चौराहों पर भी लोग इत्मीनान से खड़े हैं, जिसकी कुछ लोगों ने पुलिस प्रशासन को सूचना दी लेकिन इसका कोई असर नजर नहीं आया।
इनसे कुछ सीखिए जनाब
टीम ने जिले के ग्रामीण क्षेत्रों में सकारात्मक तस्वीर भी बखूबी देखी। मसलन, गांव दहा के खेत में इन दिनों आलुओं को खेत से निकालने का काम किया जा रहा है। इसमें गांव की महिलाएं जी-जान से जुटी हैं। इन महिलाओं ने आपस में शारीरिक दूरी बनाकर यह काम करने का बीड़ा उठाया है। जाहिर है कि लॉकडाउन के समय लागू पाबंदियों की वास्तविक वजह समझने के प्रति ये महिलाएं सचेत हैं ।
खाकी के जज्बे को सलाम
सेक्टर १६ पर सीवर की सफाई में जुटे कर्मचारियों को देखकर यही आभास हुआ। कमोबेश, यही झलक शहर के पास गांव कंबोपुरा में बनाए गए विशेष क्वारंटाइन स्थल पर भी दिखाई दी, जहां रात-दिन ड्यूटी में तैनात पुलिस कर्मचारी तमाम खतरों के बावजूद अपना दायित्व बखूबी निभा रहे हैं। इन पुलिसकर्मियों ने मंगलवार को यहां पहुंचे कई यात्रियों को क्वारंटाइन क्षेत्र से राधा स्वामी सत्संग भवन में शिफ्ट भी कराया।