घरेलू हिंसा मामले में कोर्ट ने पुलिस को लगाई फटकार, तुरंत कार्रवाई के आदेश
घरेलू हिंसा के मामले में ससुराल पक्ष पीड़िता को घर में घुसने नहीं दे रहा। पुलिस ने आरोपियों की गिरफ्तारी भी नहीं की है। जिसपर कोर्ट ने सख्त रवैया अपनाया।
जेएनएन, पानीपत। घरेलू हिंसा के एक मामले में न्यायिक मजिस्ट्रेट प्रथम श्रेणी विक्रांत की अदालत ने महिला थाना पुलिस को कड़ी फटकार लगायी है। अदालत ने दो टूक कहा कि केस दर्ज करना काफी नहीं है। आरोपियों की गिरफ्तारी भी त्वरित होनी चाहिए। अदालत के आदेश पर पुलिस ने पीड़िता को आनन-फानन में उसके घर भी पहुंचाया ।
नूरवाला निवासी आरती मिश्र ने जून को किला थाना में ससुराल पक्ष के खिलाफ घरेलू हिंसा अधिनियम की धारा 33 के तहत मुकदमा दर्ज कराया था। आरोपियों में परशुराम कॉलोनी निवासी पति कमलेश, ससुर सूरत मिश्र, सास लक्ष्मी देवी व देवर भवेश शामिल हैं। महिला सुरक्षा अधिकारी रजनी गुप्ता को 3 जून को पालना रिपोर्ट कोर्ट में प्रस्तुत करनी थी। अवकाश के कारण रजनी गुप्ता 5 जून को कोर्ट में पालना रिपोर्ट सौंपने पहुंची।
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रिपोर्ट में बताया गया कि ससुराल पक्ष पीड़िता को घर में घुसने नहीं दे रहा। पुलिस ने आरोपियों की गिरफ्तारी भी नहीं की है। कोर्ट ने कड़ा संज्ञान लेते हुए महिला थाना प्रभारी कविता को बुलवाया। पुलिस को नसीहत देते हुए कहा कि मुकदमा दर्ज करना ही काफी नहीं है। आरोपियों की गिरफ्तारी भी होनी चाहिए।
कोर्ट ने पुलिस को आदेश दिया कि तत्काल प्रभाव से पीडिता को उसके घर पहुंचाकर, सुरक्षा सुनिश्चित की जाए और दोपहर बाद पालना रिपोर्ट प्रस्तुत की जाए। आदेश मिलते ही पुलिस ने पीडिता को उसकी ससुराल पहुंचा दिया। अगली पालना रिपोर्ट के बाद कोर्ट ने पुलिस को पुन: नसीहत देते हुए कहा कि इसी प्रकार की त्वरित कार्रवाई की जरूरत है। आरोपियों के विरुद्ध कार्रवाई होने पर ही घरेलू हिंसा के मामलों में कमी आ सकती है। बता दें कि ऐसे ही एक मामले में पहले भी कोर्ट ने कड़ा संज्ञान लेते हुए महिला थाना की डीएसपी व प्रभारी को टेनिंग दिलाए जाने के आदेश एसपी को दिए थे।
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