अस्पताल में कूपन खत्म, काला पीलिया के मरीजों का इलाज बंद
जिले में हेपेटाइटिस बी और सी के मरीजों पर संकट है। सिविल अस्पताल में कूपन खत्म हैं, मरीजों के न तो टेस्ट हो रहे हैं और न दवा मिल रही है। साठ से ज्यादा मरीज अस्पताल के चक्कर लगा रहे हैं। संबंधित डॉक्टर, डिमांड भेजे जाने की बात कहकर मरीजों को टरका रहे हैं।
जागरण संवाददाता, पानीपत : जिले में हेपेटाइटिस बी और सी के मरीजों पर संकट है। सिविल अस्पताल में कूपन खत्म हैं, मरीजों के न तो टेस्ट हो रहे हैं और न दवा मिल रही है। साठ से ज्यादा मरीज अस्पताल के चक्कर लगा रहे हैं। संबंधित डॉक्टर, डिमांड भेजे जाने की बात कहकर मरीजों को टरका रहे हैं।
गौरतलब है कि 1 मार्च 2018 से 18 सितंबर तक पंजीकृत हुए मरीजों की संख्या लगभग 1200 है। आरएनए टेस्ट के बाद लगभग 900 मरीज पॉजिटिव पाए गए हैं। तकरीबन 70 प्रतिशत मरीज समालखा और बापौली ब्लॉक के हैं। जिले के प्राइवेट अस्पतालों में इलाज करा रहे हैं मरीजों की संख्या भी 300 से अधिक बताई गई है। मेडिसिन का सेवन कर रहे करीब 700 मरीज स्वस्थ भी हो चुके हैं। बीमारी के इलाज की प्रक्रिया बेहद जटिल है। मरीज का सिविल अस्पताल में एचसीवी टेस्ट, अल्ट्रासाउंड, सहित शुगर, एलएफटी, केएफटी आदि टेस्ट होते हैं। इसके बाद राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के रजिस्टर में मरीज का नाम रजिस्टर्ड होता है। इसके बाद मरीज को कूपन जारी किया जाता है। कूपन दिखाकर डॉ. लाल पैथ लैब में मरीज का आरएनए और जिनोटाइप टेस्ट होता है। रोग की कैटेगरी का पता चलने के बाद रिपोर्ट पर चिकित्सा अधीक्षक के हस्ताक्षर कराने पड़ते हैं।
इसके बाद फार्मासिस्ट मरीज को मेडिसिन देता है। कूपन खत्म होने से नए मरीजों के टेस्ट बंद हैं और पुराने मरीजों के दोबारा टेस्ट और दवा बंद है। डॉ. प्रीति भाटिया ने बताया कि रिमाइंडर भी भेजा गया है लेकिन कूपन नहीं आए हैं।