Coronavirus Update: आइसोलेट महिला की मौत, संस्कार कराने पहुंचे तो अफवाह ने बिगाड़ा माहौल, ग्रामीणों ने की पत्थरबाजी
कैंट के नागरिक अस्पताल में तोपखाना क्षेत्र की 72 वर्षीय महिला आइसोलेट थी जहां उसकी मौत हो गई। अंतिम संस्कार के दौरान गांव वालों ने पत्थर बाजी शुरू कर दी।
पानीपत/अंबाला, जेएनएन। अंबाला छावनी के नागरिक अस्पताल में हुई तोपखाना की रहने वाली महिला की मौत के बाद उस समय हंगामा हुआ, जब कोरोना वारियर्स (पुलिस व स्वास्थ्य विभाग की टीम) पर गांव चंदपुरा के ग्रामीणों ने पत्थरों से हमला कर दिया। पत्थरबाजी में डीएसपी, एसएचओ महेश नगर सहित करीब एक दर्जन पुलिस कर्मियों को चोटें भी आईं। पुलिस को अपने बचाव में हवाई फायर करना पड़ा। इतना ही नहीं जिस एंबुलेंस में महिला का शव लाया गया, उसका शीशा भी लोगों ने पत्थर मारकर तोड़ दिया।
स्थिति इस कदर बिगड़ गई कि गांव का श्मशानघाट पुलिस छावनी में तब्दील कर दिया गया। बाद में पुलिस की मौजूदगी में अंतिम संस्कार किया गया। पुलिस ने इस संबंध में मामला दर्ज करके आगामी जांच शुरू कर दी है। इस दौरान वीडियो व फोटोग्राफी भी पुलिस ने की, जिसके आधार पर पत्थरबाजी करने वालों की पहचान की जाएगी। पुलिस की मानें, तो करीब 50 लोगों की पहचान हो चुकी है, जबकि डेढ़ सौ अन्य लोगों पर कार्रवाई की तैयारी है।
यह है मामला
तोपखाना की रहने वाली करीब 72 वर्षीय महिला की तबीयत रविवार को अचानक बिगड़ गई। उसे अंबाला छावनी के नागरिक अस्पताल में लाया गया, जहां उसे आइसालेट कर दिया गया। महिला का उपचार किया जा रहा था, सोमवार को उसकी मौत हो गई। मामला संदिग्ध मानते हुए स्वास्थ्य विभाग ने महिला का सैंपल कोरोना जांच के लिए ले लिया। हालांकि अभी रिपोर्ट नहीं आई है। स्वास्थ्य विभाग ने स्वजनों को इसकी जानकारी दी, जिसके बाद शव को एंबुलेंस में लेकर चंदपुरा गांव के श्मशानघाट लेकर पहुंचे। उल्लेखनीय है कि नगर परिषद द्वारा इस गांव के श्मशानघाट को कोविड-19 केस में होने वाली मौत के बाद अंतिम संस्कार के लिए लिया है। गांव में अफवाह फैल गई कि महिला की कोरोना से मौत हुई है।
भड़के ग्रामीणों का पुलिस पर पथराव
शव का अंतिम संस्कार करने के लिए जब प्रशासन की टीम पहुंची, तो ग्रामीण भड़क गए। काफी संख्या में एकत्रित ग्रामीणों ने गांव के शमशानघाट में अंतिम संस्कार का विरोध करने लगे। स्वास्थ्य विभाग की टीम व पुलिस ने ग्रामीणों को समझाने की कोशिश की, लेकिन ग्रामीण कुछ भी सुनने को तैयार नहीं थे। देखते ही देखते ग्रामीणों ने पुलिस पर पत्थरबाजी शुरू कर दी। हालात यह रहे कि पुलिस ने स्थिति बिगड़ते देख करीब चार हवाई फायर करने पड़े, जिसके बाद ग्रामीण पीछे हटे। ग्रामीणों द्वारा की गई पत्थरबाजी में डीएसपी रामकुमार, एसएचओ रजनीश सहित करीब एक दर्जन पुलिस र्किमयों को चोटें आई हैं।
एंबुलेंस पर भी किया हमला, शीशे टूटे
चंदपुरा गांव में जिस एंबुलेंस में शव लाया गया, उस पर भी ग्रामीणों ने पत्थरबाजी की। एंबुलेंस का शीशा तोड़ दिया, जबकि स्वास्थ्य विभाग के डाक्टर व अन्य कर्मचारियों से भी र्दुव्यवहार किया गया। इतना ही नहीं इन पर हमला भी किया गया। किसी तरह स्वास्थ्य विभाग के कर्मचारियों को बचाया गया, जबकि ग्रामीण भड़के थे और एंबुलेंस पर पत्थर बरसाते रहे।
इसलिए गांव में करना था संस्कार
कोविड-19 केस में मौत या संदिग्ध मौत को लेकर गाइडलाइन जारी की गई हैं। ऐसे केस में शव का अंतिम संस्कार स्वास्थ्य विभाग की टीम की निगरानी में जारी गाइडलाइन के तहत किया जाता है। इसी को लेकर नगर परिषद अंबाला छावनी ने गांव चंदपुरा का श्मशान तय किया था। यहां पर पूरी व्यवस्थाएं की गई, जिसके बाद शव का संस्कार किया गया।
अंतिम संस्कार के दौरान ग्रामीण भड़क गए और पुलिस पर पत्थरबाजी शुरू कर दी थी। इस में डीएसपी सहित उन्हें तथा महिला कर्मी समेत करीब एक दर्जन कर्मचारियों को चोटें आई हैं। इस संबंध में मामला दर्ज करके आगामी कार्रवाई की जाएगी।
- रजनीश कुमार, एसएचओ महेश नगर थाना अंबाला छावनी
ये भी पढ़ें: रूठी पत्नी को दिल्ली से लाया, उसे कोरोना निकला, पानीपत में 14वां केस
ये भी पढ़ें: ट्रॉली से गेहूं उतार रहे युवक का अपहरण, कांग्रेसी नेता के फार्म हाउस ले जाकर पीटा
ये भी पढ़ें: ग्लूकोज की ताकत देगी अदृश्य शत्रु सेे लड़ने का हौसला, गर्मी में ऊर्जा बनाए रखने के लिए उठाया कदम
ये भी पढ़ें: अंबाला में एक और कोरोना वायरस पॉजिटिव केस, 63 वर्षीय बुजुर्ग महिला संक्रमित