विदेश जाने वालों के लिए बदली टीकाकरण की गाइडलाइन, अब नौ नहीं, तीन माह में लगेगी बूस्टर डोज
विदेश जाने वाले लोगों को अब बूस्टर डोज के लिए नौ महीने का इंतजार नहीं करना होगा। स्वास्थ्य विभाग ने कोरोना वैक्सीनेशन की दो डोज ले चुके लोगों को बूस्टर डोज लगवाना अनिवार्य कर दिया है। तभी विदेश जा सकेंगे।
यमुनानगर, जागरण संवाददाता। कोरोना संक्रमण अभी पूरी तरह से खत्म नहीं हुआ है। बूस्टर डोज पर भी स्वास्थ्य विभाग जोर दे रहा है। पहले विदेश में जाने वालों के लिए वैक्सीनेशन की दो डोज का सर्टिफिकेट अनिवार्य किया गया। इसके बाद बूस्टर डोज भी जरूरी कर दी गई। पहले नौ माह बाद बूस्टर डोज का नियम बनाया गया, लेकिन अब सरकार ने विदेश जाने वालों के लिए गाइडलाइन बदली है। विदेश जाने वाले तीन माह बाद बूस्टर डोज लगवा सकेंगे।
कोरोना महामारी की वजह से विदेशों में आने जाने पर रोक लगी हुई थी। फिलहाल कोरोना खत्म नहीं हुआ, लेकिन हालात सामान्य हो गए हैं। इसकी वजह कोरोनारोधी वैक्सीन भी है। हालात सामान्य होने के बाद विदेशों में कार्य करने वाले भारतीयों व छात्रों सहित अन्य के लिए भी रास्ते खुल गए, लेकिन शर्त टीकाकरण की रखी गई थी। इसके तहत कोरोनारोधी दोनों डोज लगी होना अनिवार्य किया गया।
इसमें उन लोगों को दिक्कत आई। जिन्होंने एक ही डोज ली थी, क्योंकि दूसरी डोज का समय 84 दिन का किया गया था। बाद में सरकार ने गाइडलाइन बदली और ऐसे यात्रियों के लिए 28 दिन बाद दूसरी डोज का समय दिया गया। जिससे उन्हें काफी राहत मिली।
बूस्टर डोज का भी बनाया गया नियम
इस समय दोनों डोज ले चुके लोगों को बूस्टर डोज लगाई जा रही है। जिससे उनमें रोग प्रतिरोधक क्षमता बनी रही। बूस्टर डोज का समय नौ महीने बाद रखा गया है। विदेश जाने वालों के लिए भी यह भी समस्या आ रही थी। दोनों डोज लेने के बाद उन्हें नौ माह तक का बूस्टर डोज के लिए इंतजार करना पड़ रहा है। ऐसे में अब उन्हें तीन माह बाद बूस्टर डोज लगाई जाएगी। इसके लिए उन्हें सर्टिफिकेट दिखाने होंगे।
यह है जिले की स्थिति
कुल टीकाकरण- 944753
पहली डोज - 964545
दूसरी डोज - 862593
बूस्टर डोज- 34688
जिला प्रतिरक्षण अधिकारी डा. विजय विवेक ने बताया कि इंटरनेशनल ट्रेवलर के लिए नई गाइडलाइन आई है। इन्हें बूस्टर डोज अब तीन माह बाद लग सकेगी। पहले यह समय नौ माह का था। कोरोना से बचाव के लिए रोग प्रतिरोधक क्षमता बनाए रखना जरूरी है। बूस्टर डोज लगने से शरीर में रोग प्रतिरोधक क्षमता बनी रहेगी।