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हरियाणा में फर्जी कोरोना रिपोर्ट बनाने के एक और रैकेट का भंडाफोड़, हिसार के बाद कैथल में सामने आया मामला

कैथल में कोरोना संक्रमण की फर्जी जांच रिपोर्ट का पर्दाफाश हुआ है। इस रिपोर्ट को देखकर स्‍वास्‍थ्‍य विभाग कर्मी दंग रह गए। रिपोर्ट में फर्जी नंबर दिया गया और मुहर भी फर्जी है। मामले की जानकारी मिलते ही कमेटी गठित कर दी गई है।

By Anurag ShuklaEdited By: Published: Tue, 03 Aug 2021 11:48 PM (IST)Updated: Wed, 04 Aug 2021 11:23 AM (IST)
हरियाणा में फर्जी कोरोना रिपोर्ट बनाने के एक और रैकेट का भंडाफोड़, हिसार के बाद कैथल में सामने आया मामला
कैथल में सामने आई कोरोना संक्रमण की फर्जी जांच रिपोर्ट।

कैथल, जागरण संवाददाता। हरियाणा में एक और फर्जी कोरेाना संक्रमण रिपोर्ट का पर्दाफाश हुआ है। हिसार के बाद अब कैथल में भी गिरोह सामने आया है। मामले की जानकारी मिलते ही स्‍वास्‍थ्‍य विभाग अलर्ट हा गया। आनन फानन में कमेटी गठित कर दी गई। हिसार के बाद हरियाणा में फर्जी कोविड रिपोर्ट बनाने का यह दूसरा मामला है। हिसार के नलवा लैब के खिलाफ इस मामले में अभी भी जांच चल रही है।

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एक व्यक्ति कोरोना की एंटीजन जांच रिपोर्ट मोबाइल में फोटो लेकर सिविल अस्‍पताल पहुंचा। उसने कहा कि उसे एनटीपीसीआर की रिपोर्ट चाहिए। जब स्वास्थ्य कर्मियों ने इस रिपोर्ट की जांच की तो पता चला कि एंटीजन टेस्ट रिपोर्ट फर्जी है।

जिला नागरिक अस्पताल में रिपोर्ट लेने पहुंचे युवक की स्लीप को देख हैरान रह गए लैब कर्मचारी

दरअसल, मोहर बनवाकर कोरोना महामारी की फर्जी रिपोर्ट तैयार करने का यह मामला बेहद चौंकाने वाला है। सामने आया है। मामले को लेकर जांच कमेटी गठित कर दी है। ब्लड बैंक इंचार्ज डा. राजेंद्र सिंह व फिजिशियन डा. राजीव मित्तल इस मामले की जांच करेंगे। रिपोर्ट लेने आया युवक सेक्टर 19 का रहने वाला है, जो रविवार को सिविल अस्पताल कैथल पहुंचा और अपने मोबाइल में रजिस्ट्रेशन स्लीप को दिखाते हुए कोरोना रिपोर्ट लेने की बात कही।

जिला अस्‍पताल की महिला कर्मी का मोबाइल नंबर

इसके बाद इसकी सूचना स्‍वास्‍थ्‍य विभाग के अधिकारियों को दी गई। उस युवक से पूछताछ शुरू की गई। युवक सही जानकारी नहीं दे पा रहा था। जांच में पता चला कि जिस नंबर की जांच रिपोर्ट है, वह जिला अस्पताल में एक महिला कर्मी के नाम से दर्ज है। साथ ही इस पर लगाई हुई मुहर भी फर्जी निकली। अस्पताल इंचार्ज ने बताया कि इस मामले की शिकायत लैब से मिली थी।

दरअसल कर्मचारी ने स्लीप देखी तो उस पर जो मोहर व नंबर लगाया हुआ था वह फर्जी पाया गया। अस्पताल के रजिस्ट्रेशन में यह नंबर किसी महिला के नाम है, जबकि रिपोर्ट लेने वाले युवक की पर्ची पर पुरुष का नाम है। विभाग को आशंका है कि किसी ने बाहर से फर्जी मोहर तैयार कर कोरोना की रिपोर्ट दी है। जांच कमेटी मामले को लेकर जानकारी जुटा रही है। इस तरह का फर्जीवाड़ा करने वाला कर्मचारी अस्पताल से है या बाहर से कोई लैब कर्मचारी हो सकता है, इसे लेकर जांच पूरी होने पर बड़ा खुलासा हो सकता है। विभागीय अधिकारियों ने जब युवक की जानकारी आइसीएमआर की वेबसाइट पर की तो वहां भी इस संबंध में कोई रिकार्ड नहीं मिला।

फर्जी रिपोर्ट की जानकारी पर गुमराह करता रहा युवक

सिविल अस्पताल की लैब में जैसे ही यह मामला सामने आया तो अस्पताल के चिकित्सकों ने उक्त युवक से पूछताछ की। पहले तो वह बोला की जांच इसी अस्पताल में करवाई थी, लेकिन जब पुलिस के हवाले करने की बात कही गई तो उसने सच्‍चाई उगल दी और बताया कि रिपोर्ट बाहर से करवाई है। मोहर किसने लगाई है और यह नंबर किसने लगाया है, इस बारे में युवक चिकित्सकों को गुमराह करता रहा।

विभागीय अधिकारियों का कहना है कि उन्हें ऐसी आशंका है कि उक्त युवक किसी कंपनी में नौकरी करता है, छुट्टी लेने के लिए फर्जी पाजिटिव रिपोर्ट बनाई है। अगर विदेश में या कहीं और जाना होता तो रिपोर्ट नेगेटिव बनवाता। वहीं ऐसा भी माना जा रहा है कि जो युवक स्लीप लेकर अस्पताल में आया है, यह उसकी नहीं बल्कि कोई और युवक है, जो दूसरे युवकों को रिपोर्ट लेने के लिए अस्पताल भेज रहा है। इस पूरे मामले को लेकर स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों ने गंभीरता दिखाते हुए जांच शुरू कर दी है।

सिविल अस्पताल में पर्ची घोटाला आ चुका है सामने

जिला नागरिक अस्पताल में पर्ची घोटाला सामने आ चुका है। आउटसोर्सिंग पर लगे एक कर्मचारी ने 90 से एक लाख रुपये तक का गबन किया। अस्पताल में बीमारियों की जांच को लेकर करवाए जाने वाले रजिस्ट्रेशन की राशि को जमा न करवाकर अपनी जेब भरने का काम किया। इसी तरह से ड्राइविंग लाइसेंस मामले में भी गोलमाल सामने आया था। इसमें भी दो कर्मचारी लाइसेंस आवेदन को लेकर डाक्टरों के फर्जी हस्ताक्षर करते हुए राशि हड़प रहे थे। उक्त दोनों कर्मचारियों के खिलाफ भी विभागीय कार्रवाई हो चुकी है।

हिसार में भी सामने आाया था फर्जीवाड़ा

कुंभ मेले में फर्जी कोरोना टेस्ट करने के मामले में हिसार की नलवा लैब और दिल्ली की लालचंदानी लैब का नाम सामने आया था। मैक्स कारपोरेट सर्विसेज ने कुंभ में जांच का टेंडर लिया था। उसी ने आगे दिल्ली की लालचंदानी लैब और नलवा लैब के साथ अनुबंध किया था। अनुबंध के अनुसार मैन पावर और तकनीकी सेवाएं मैक्स कारपोरेट सर्विसेज को उपलब्ध करानी थीं। जैसे ही कुंभ मेले में टेस्टिंग शुरू हुई तो फ़र्ज़ी तरीक़े से टेस्ट किए गए। टेस्ट किए बिना ही रिपोर्ट बना दी गई। जो लोग कुंभ नहीं गए उनके भी सैंपल दिखा दिए गए। बाद में उतराखंड स्वास्थ्य विभाग को इसकी भनक लगी और मामला पुलिस तक पहुंचा। इस मामले में हरिद्वार पुलिस की एक एसआइटी जांच कर रही है।

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पीएमओ बोले- रिपोर्ट फर्जी, डाक्‍टरों की टीम कर रही है जांच

'' मोहर बनवाकर कोरोना की फर्जी रिपोर्ट तैयार करने का मामला सामने आया है। दो डाक्टरों की टीम गठित कर जांच शुरू कर दी है। रिपोर्ट लेने आया युवक जो स्लीप लिए हुए था उस पर नंबर भी फर्जी था और मोहर भी फर्जी थी। स्लीप सिविल अस्पताल की थी। उक्त युवक के बारे में जानकारी जुटाते हुए पूछताछ की जाएगी। फर्जी मोहर तैयार करने वाले के बारे में भी जानकारी जुटाई जा रही है। यह गंभीर मामला है, इसलिए मामले में जो भी दोषी होगा उसके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।

                                                   - डा. शैलेंद्र ममगाईं शैली, पीएमओ, कैथल नागरिक अस्‍पताल। 

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