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राहत... यमुनानगर में थम रही कोरोना की रफ्तार, 85 फीसद बेड खाली, रिकवरी रेट हुआ 95 फीसद

यमुनानगर में कोरोना की दूसरी लहर की रफ्तार थम रही है। कोविड सेंटरों पर 85 फीसद बेड खाली हो चुके हैं। रिकवरी दर भी बढ़कर 95.53 फीसद पर पहुंच चुकी है। प्रशासन की सख्ती व जागरूकता का लोगों पर असर हुआ।

By Umesh KdhyaniEdited By: Published: Fri, 04 Jun 2021 08:16 AM (IST)Updated: Fri, 04 Jun 2021 08:16 AM (IST)
राहत... यमुनानगर में थम रही कोरोना की रफ्तार, 85 फीसद बेड खाली, रिकवरी रेट हुआ 95 फीसद
यमुनानगर में अस्पतालों में बेड व ऑक्सीजन की मारामारी भी खत्म हो गई है।

यमुनानगर, जेएनएन। कोरोना संक्रमण धीरे-धीरे काबू में आ रहा है। अब रोजाना मिलने वाले संक्रमित मरीजों की संख्या में भी काफी कमी आ गई है। दो सप्ताह पहले जहां रोजाना 300 से 400 का आंकड़ा पार हो रहा था। वहीं अब यह आंकड़ा घटकर 100 से भी कम पर आ गया है। इसके साथ ही अब अस्पतालों में बेड व ऑक्सीजन को लेकर मच रही मारामारी भी खत्म हो गई है।

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यमुनानगर जिले के कोविड सेंटरों पर इस समय 85 फीसद बेड खाली हो चुके हैं। कम होते मरीजों की वजह से अब जिले की रिकवरी दर भी बढ़कर 95.53 फीसद पर पहुंच चुकी है। मार्च माह के बाद से कोरोना की दूसरी लहर चली। हर रोज केस बढ़ने लगे। संक्रमितों का आंकड़ा एक दिन में साढ़े 400 तक भी पहुंचा। अप्रैल में स्थिति बेहद भयावह रही। अस्पतालों में बेड व आक्सीजन कम पड़ने लगे। हालांकि स्वास्थ्य विभाग की ओर से मरीजों की बढ़ती संख्या को देखते हुए जिले के कोविड सेंटरों में अतिरिक्त बेड की व्यवस्था की गई। अप्रैल माह में हालात यहां तक बिगड़ गए थे कि अधिकतर अस्पतालों में बेड फुल हो चुके थे। इसके साथ ही ऑक्सीजन की भी किल्लत होने लगी थी, क्योंकि कोरोना की दूसरी लहर में मरीजों को सांस लेने में दिक्कत होने लगी थी। जिसकी वजह से ऑक्सीजन की खपत बढ़ने लगी।

यमुना ग्लू का ऑक्सीजन प्लांट चालू कराना पड़ा था

ऑक्सीजन की पर्याप्त आपूर्ति सुनिश्चित करने के लिए प्रशासन की ओर से यमुना ग्लू का ऑक्सीजन प्लांट चालू कराया। इससे चार मीट्रिक टन ऑक्सीजन की आपूर्ति अस्पतालों में की गई। ऑक्सीजन व बेड की किल्लत के बीच समाजसेवी संस्थाओं ने भी काफी सहयोग दिया। कुछ ऑक्सीजन कंसंट्रेटर स्वास्थ्य विभाग को दिए गए। इसके साथ ही बेडों की व्यवस्था की गई।

लॉकडाउन का भी दिखा असर

प्रशासन की सख्ती व जागरूकता का भी लोगों पर असर हुआ। जिला पुलिस ने मास्क न लगाने वालों पर कार्रवाई की गई। उनसे जुर्माना वसूला गया। इसके साथ ही पुलिस की ओर से लोगों को मास्क का प्रयोग करने के प्रति जागरूक भी किया गया। लॉकडाउन का सख्ती से पालन कराया गया। लॉकडाउन के दूसरे सप्ताह में ही इसका असर दिखना शुरू हो गया। कोरोना के नए केसों में गिरावट होने लगी। जिससे प्रशासन को भी काफी राहत मिली।

यह है एक सप्ताह की स्थिति

तारीख - मरीज - ठीक हुए - मौत - रिकवरी दर

25 मई - 162 - 196 - 1 - 93.15

26 मई - 165 - 251 - 7 - 93.57

27 मई - 135 - 240 - 3 - 94.06

28 मई - 128 - 195 - 5 - 94.39

29 मई - 148 - 194 - 4 - 94.62

30 मई - 121 - 149 - 4 - 94.76

31 मई - 97 - 151 - 1 - 95.00

1 मई - 74 - 194 - 3 - 95.53

2 मई - 96 - 92 - 3 - 95.53

यह है अस्पतालों में बेड की स्थिति 

जिले के कोविड सेंटरों में 887 बेड मरीजों के लिए लगाए गए थे। इनमें 30 वेंटिलेटर, 168 आइसीयू बेड, 484 आक्सीजन बेड, 207 नोन आक्सीजन बेड हैं। फिलहाल 169 मरीज ही दाखिल हैं। इनमें से वेंटीलेटर पर 14, आइसीयू बेड पर 48, आक्सीजन बेड पर 83 और 24 नोन आक्सीजन बेड पर हैं। सिविल सर्जन डा. विजय दहिया ने बताया कि अब कोरोना से स्थिति काबू में है। अस्पतालों से 85 फीसद बेड खाली हो चुके हैं, लेकिन अभी भी नियमों का पालन करना है। कोरोना अभी हमारे बीच नहीं गया है। इसलिए मास्क का प्रयोग करें और शारीरिक दूरी का पालन करें।

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