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कोरोना ने बढ़ाई पानीपत टेक्सटाइल निर्यातकों की चिंता, कारोबार चौपट होने के आसार

कोरोना महामारी के चलते सरकारी बंदिशों की वजह से पानीपत टेक्‍सटाइल निर्यातकों की चिंता बढ़ गई है। निर्यातकों का कहना है कि इस तरह तो कारोबार पूरी तरह से चौपट हो जाएगा। असंमजस की स्थिति में बाजार का मनोबल गिरा।

By Anurag ShuklaEdited By: Published: Thu, 22 Apr 2021 07:25 PM (IST)Updated: Thu, 22 Apr 2021 07:25 PM (IST)
कोरोना ने बढ़ाई पानीपत टेक्सटाइल निर्यातकों की चिंता, कारोबार चौपट होने के आसार
कोरोना की वजह से पानीपत टेक्‍सटाइल कारोबारियों को नुकसान।

पानीपत, जेएनएन। टेक्सटाइल गारमेंट के भरपूर सीजन के दौरान कई राज्यों में कोरोना महामारी पर नियंत्रण के लिए लगाए गए कई तरह की बंदिशो- मिनी लाक डाउन एवं प्रशासनिक सख्ती से टेक्सटाइल कारोबार प्रभावित हो रहा है। पटरी पर लौट रहा कारोबार एक बार फिर फिसले के आसार बन रहे हैं। कारोबार में अनेक बाधाएं आना शुरू हो गया है।

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संपूर्ण लाक डाउन के डर से बाजार में असमंजस की स्थिति बन गई है। बाजार का मनोबल गिर रहा है। खरीददारी प्रभावित हो रही है। देश भर में कोरोना संक्रमण को रोकने के लिए लगाई गई पाबंदी से आवाजाही प्रभावित हो ने लगी है। कई राज्यों में कोरोना नेगेटिव रिपोर्ट आवश्यक कर दी गई है। जिससे दिसावरी ग्राहकों की आवाजाही प्रभावित हुई है।

नाइट शिफ्ट उत्पादन बंद

औद्योगिक नगर में छोटे बड़े 20 हजार उद्योग लगे हुए हैं। जिनमें टेक्सटाइल निर्यात से लेकर पैकिंग उद्योग, डाइंग उद्योग, हैंडलूम, पावरलूम, शटल लैस, कंबल,रजाई, आक्सीजन प्लांट, अचार उद्योग, सीमेंट उद्योग, ईंट भट्ठे, नट बोल्ट, चाफ कटर से लेकर सेनेटरी गुड्स बनाने के उद्योग शामिल है। वाटर जेट, एयर जेट से लेकर होम फर्निंसिंग उद्योग शामिल है। 20 हजार में से 8000 से अधिक उद्योगों में नाइट शिफ्ट बंद हो चुकी है। उद्योगपति श्रीभगवान अग्रवाल ने बताया कि सभी उद्योग लेबर के जाने से प्रभावित है।

निर्यातकों की चिंता बढ़ी

हरियाणा चैंबर आफ कामर्स के स्पेशल सेक्रेटरी रमन सिंगल का कहना है कि कोरोना की दूसरी लहर अधिक खतरनाक साबित हो रही है। होली पर गई लेबर अभी लौटी नहीं थी। कोरोना महामारी के भय से रोजाना 10 बसे लेबर की यूपी बिहार जा रही है। इससे उत्पादन कम हुआ है। यही हालत रही तो आने वाले 15 दिनों 80 प्रतिशत लेबर पलायन कर जाएगी। निर्यात उद्योगों की चिंता बढ़ गई है।

ये भी जानें

-40 प्रतिशत लेबर का पलायन

-10 बसें रोजाना जा रही श्रमिकों की

-8000 उद्योग लेबर के जाने से प्रभावित

-20000 उद्योग लगें हैं जिला पानीपत में 

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