वैश्य एजुकेशन सोसाइटी में चौधर का विवाद, रजिस्टर जनरल के फैसले पर रार: Panipat News
वैश्य एजुकेशन सोसाइटी के प्रधान को लेकर विवाद थमता नजर नहीं आ रहा है। अब रजिस्टर जनरल के फैसले पर भी विवाद खड़ा हो गया है।
पानीपत, जेएनएन। समालखा में वैश्य एजुकेशन सोसाइटी में चौधर की जंग बढ़ती जा रही है। गत 4 जून के स्टेट रजिस्ट्रार फर्म एंड सोसाइटी के फैसले के विरुद्ध अपील पर रजिस्ट्रार जनरल सोसाइटी ने स्टेटस को लगा दिया है। केस की अगली सुनवाई 21 जून को होनी है। इस बीच सोसाइटी के दोनों गुटों में संस्थाओं के पदाधिकारियों पर रार चल रहा है। वे प्रशासनिक अधिकारियों और बैंकों को अपने दावे के समर्थन में सुबूत पेश करने में लगे हैं।
15 जुलाई, 18 को तीन साल का कार्यकाल पूरा होने के उपरांत वैश्य एजुकेशन सोसाइटी के पदाधिकारियों को चुनाव हुआ था, जिसमें प्रवीण गर्ग सोसाइटी के प्रधान तो नीरज गोयल महासचिव बने थे। नई सोसाइटी ने 7 अक्टूबर, 18 को मीटिंग कर अपने अधीन के चारों संस्थाओं की कार्यकारिणी को भंग कर दिया। कोलेजियम सदस्य सुमेश जैन ने जिला रजिस्ट्रार के फैसले के विरुद्ध स्टेट रजिस्ट्रार के पास अपील की तो उन्होंने उचित समय से पहले बैठक बुलाने के कारण 7 अक्टूबर की बैठक को ही रद कर दिया। गत 4 जून, 19 को उनके फैसले आने पर संस्थाओं की भंग कार्यकारिणी के पदाधिकारियों ने दोबारा कार्यभार संभाला। वहीं नई सोसाइटी के प्रधान प्रवीण गर्ग और महासचिव नीरज गोयल ने उक्त फैसले के विरुद्ध प्रदेश रजिस्ट्रार जनरल के पास अपील को तो उन्होंने यथास्थिति बनाए रखने का आदेश दिया।
सात जून को संभाला कार्यभार
महाराजा अग्रसेन स्कूल के प्रधान प्रेम मित्तल ने कहा कि स्टेट रजिस्ट्रार के फैसले के बाद उनके साथियों ने चारों संस्थाओं का कार्यभार दोबारा ग्रहण कर लिया है। प्रशासन को भी फैसले की कॉपी के साथ अर्जी भेज दी है। बैंकों को भी हस्ताक्षर भेज रहे हैं। उन्होंने कहा कि रजिस्ट्रार जनरल का फैसला भी उनके हक में हैं। यथास्थिति वर्तमान पर लागू होती है और उन्होंने 7 जून, 19 से कार्यभार संभाला हुआ है। फिर भी दूसरे गुट ने अग्रसेन स्कूल में ताला लगा रखा है। वहां किसी कर्मचारी की ड्यूटी भी नहीं लगाई है।
बैंकों में हस्ताक्षर मेरे और स्टेटस को भी मेरे हक में
नई सोसाइटी के प्रधान प्रवीण गर्ग और महासचिव नीरज गोयल ने कहा कि उन्होंने रजिस्ट्रार जनरल के पास अपील की थी। जिन्होंने 21 जून तक यथास्थिति बनाए रखने का फैसला उनके हक में दिया है। बैंकों में उनके हस्ताक्षर हैं, जिनसे संस्थाओं का लेनदेन चलता है। उन्होंने कहा कि स्कूल बंद होने के कारण चौकीदार ताला लगाकर चाबी उनकी दुकान पर देकर गया है।
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