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आइपीएस अधिकारियों में बढ़ा विवाद, हरियाणा गृहमंत्री विज की बैठक में नहीं बुलाए गए एडीजीपी

आइपीएस अधिकारियों में विवाद सामने आया है। वेलफेयर मीटिंग के बाद राज्य के गृह मंत्री की बैठक में भी एडीजीपी श्रीकांत जाधव नहीं बुलाए गए। बिना संसाधनों के चल रहे हरियाणा नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो (एचएनसीबी) को लेकर एडीजीपी ने मोर्चा खोला था।

By Anurag ShuklaEdited By: Published: Tue, 13 Apr 2021 01:58 PM (IST)Updated: Tue, 13 Apr 2021 01:58 PM (IST)
आइपीएस अधिकारियों में बढ़ा विवाद, हरियाणा गृहमंत्री विज की बैठक में नहीं बुलाए गए एडीजीपी
हरियाणा में आईपीएस अधिकारियों के बीच खींचतान बढ़ रही।

अंबाला, [दीपक बहल]। हरियाणा प्रदेश में आइपीएस अधिकारियों की खींचतान इस कदर बढ़ गई है कि राज्य के गृह मंत्री अनिल विज को अंधेरे में रखा गया। विज की पहली क्राइम बैठक गत दिनों चंडीगढ़ में आयोजित हुई, जिसमें अपने ही विभाग की पोल खोलने वाले एडीजीपी श्रीकांत जाधव को बैठक की जानकारी से दूर रखा गया। बैठक के बाद जब नशीले पदार्थों को लेकर मीडिया से रूबरू हुए तो उन्होंने भी श्रीकांत जाधव के चुनावी ड्यूटी पर बंगाल में होने की बात कही, जबकि जाधव चुनाव ड्यूटी पर नहीं थे।

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बाद में गृह मंत्री को पता चला कि एडीजीपी को बैठक के लिए कोई सूचना नहीं दी गई। इससे पहले भी वेलफेयर बैठक मेें भी एडीजीपी को दूर रखा गया। इसको लेकर अब श्रीकांत जाधव ने प्रदेश के गृह सचिव को चिठ्ठी लिखी है और बताया कि उन्हेंं वेलफेयर बैठक से किस तरह दूर रखा गया।

दरअसल, एडीजीपी श्रीकांत जाधव ने हरियाणा नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो (एचएनसीबी) संसाधनों की मांग की थी। साथ ही कहा था कि मौजूदा स्थिति में अधूरे संसाधन उपलब्ध हैं। इस प्रकरण में डीजीपी मनोज यादव ने अपना पक्ष भी विज को भेज दिया है, जिन्होंने इस पर प्रदेश के गृह सचिव राजीव अरोड़ा से टिप्पणी मांगी हैं। बता दें कि प्रदेश में दस माह पहले ही एचएनसीबी का गठन किया गया था।

एचएनसीबी में संसाधनों को लेकर एडीजीपी (नारकोटिक्स) श्रीकांत जाधव और पुलिस महानिदेशक मनोज यादव के बीच में करीब 80 बार पत्राचार हुआ। डीजीपी के वाट्सअप पर नौ मैसेज 17 अगस्त 2020 को किए गए, जिस पर भी अमल नहीं हो पाया। प्रदेश के 17 जिलों में एचएनसीबी यूनिट्स खुल पाये हैं। इस बारे में बताया गया था कि 380 पदों पर महज 66 पद भरे गए, जबकि 314 खाली हैं। इसको लेकर विज ने डीजीपी से जवाब मांगा था, जो भेजा जा चुका है।

अभी यह विवाद सुलझा भी नहीं था कि अब वेलफेयर मीटिंग और विज की बैठक में एडीजीपी के न होने पर नया विवाद खड़ा हो गया है। हालांकि प्रदेश में नशा तस्करी को लेकर स्पेशल एचएनसीबी का गठन किया गया है। ऐसे में इस विभाग से जुड़े अहम मुद्दे बैठक का हिस्सा हो सकते थे, लेकिन ऐसा नहीं हो पाया।

बंगाल चुनाव में लगी थी ड्यूटी

एडीजीपी श्रीकांत जाधव की बंगाल में विधानसभा चुनावों में ड्यूटी लगी थी। बाद में यह ड्यूटी रिजर्व में कर दी गई थी, जिस कारण ये एडीजीपी वहां नहीं गए थे। जबकि राज्य के गृह मंत्री के संज्ञान में ड्यूटी लगने की बात तो थी, लेकिन बाद में उनको अवगत नहीं कराया गया कि जाधव वहां नहीं गए, जबकि उनको रिजर्व में रखा गया है।

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