महिला डूब रही थी, लोग देख रहे थे, तभी फरिश्ता बनकर पहुंचा कांस्टेबल Panipat News
पानीपत में नहर में एक महिला डूब रही थी। लोग वहां पर खड़े होकर शोर मचा रहे थे। तभी एक कांस्टेबल को जानकारी मिली और वह नहर में कूद गया।
पानीपत, जेएनएन। नहर में एक महिला डूब रही थी। उसका सिर और हाथ दिख रहा था। नहर किनारे कुछ लोग खड़े होकर शोर मचा रहे थे। तभी वहां से गुजर रही पीसीआर रुकी। कांस्टेबल की नजर नहर में डूब रही महिला पर पड़ी। उसने बिना अपनी जान की परवाह किए नहर में छलांग लगा दिया।
असंध चौकी के पास पैर फिसलने के कारण एक महिला दिल्ली पैरलल नहर में गिर गई। लोगों ने शोर मचा दिया। इसी दौरान कांवड़ ड्यूटी पर तैनात पीसीआर में कांस्टेबल नरेंद्र, एसएचओ सुनील कुमार रुक गए। डूबती महिला को देखकर कांस्टेबल ने बिना वर्दी उतारेनहर में छलांग लगा दी। लगभग 15 मिनट जान जोखिम में डालते हुए महिला को बाहर निकाला। महिला ने अपनी पहचान बतरा कॉलोनी की फूला देवी के रूप में दी।
सोशल मीडिया पर चर्चा
कांस्टेबल नरेंद्र का सराहनीय कार्य सोशल मीडिया में वायरल हो गया। डीजीपी मनोज कुमार यादव ने नरेंद्र को 10 हजार रुपये का इनाम और फर्स्ट क्लास सर्टिफिकेट देने की घोषणा की। वहीं एसपी सुमित कुमार ने भी कांस्टेबल की सराहना की।
प्रत्यक्षदर्शियों ने बताई ये बात
नहर किनारे मौजूद प्रत्यक्षदर्शियों ने बताया कि महिला नहर किनारे खड़ी थी। उसे देखकर लग रहा था कि वह नहर में कूद जाएगी। जब तक महिला के पास पहुंचे उसने छलांग लगा दी। करीब 20 फीट गहरी नहर में महिला के हाथ और सिर दिखाई दे रहा था। तभी कांस्टेबल ने जूता उतारा और वर्दी में ही छलांग लगा दी। करीब 200 मीटर दूर तक बहने के बाद नरेंद्र ने महिला जिंदा बाहर निकाला।
नरेंद्र की जुबानी
नरेंद्र ने बताया कि नहर का बहाव काफी तेज था। अगर जरा से भी देर करता तो महिला डूब सकती थी। उस दौरान कुछ नही सूझा। बस जेहन में था कि तैरना आता है और उसकी जान बचानी है। न मोबाइल निकाला न वर्दी। नहर में कूद गया। किनारे से करीब 20 मीटर दूर महिला को पकड़ा। लेकिन महिला सामने से हाथ पांव झटक रही थी, इसलिए खुद का भी डूबने का खतरा था। ऐसे में पीछे की तरफ से जाकर पकड़ा। नहर में किनारा न होने की वजह से साथियों ने पीसीआर में रखी रस्सी को नहर में फेंका। इसके बाद बाहर निकाल पाया।
गांव की शरारत और ट्रेनिंग काम आई
कांस्टेबल नरेंद्र ने बताया कि बचपन में गांव की नहर में जमकर नहाया। तेज बहाव में भी हम दोस्तों के साथ तैरते थे। कभी कभी तो बिना घर में बताए भी निकल जाते थे, इसके लिए कई बार डांट भी पड़ी। पुलिस विभाग में भर्ती के बाद मधुबन में तैराकी और गोताखोरी की ट्रेनिंग की थी। वह ट्रेनिंग भी जान बचाने के काम आई।
तीन भाइयों में सबसे छोटे
नरेंद्र जींद जिले के जामनी गांव के रहने वाले हैं। माता-पिता के अलावा तीन भाई और पत्नी, एक पांच साल का बेटा है। तीन भाइयों में सबसे छोटे नरेंद्र हैं। उन्होंने बताया कि 2012 में पुलिस विभाग में भर्ती हुआ था। पहली पोस्टिंग गुरुग्राम में मिली थी। तीन साल वहां रहने के बाद 2017 में पानीपत मॉडल टाउन थाना में आया। नरेंद्र इन दिनों मॉडल टाउन एसएचओ के ड्राइवर हैं।
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