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रक्षाबंधन पर 70 फीसद कम यात्रियों ने किया बसों में सफर

- 2500 से अधिक यात्रियों ने रविवार को रोडवेज बसों में किया सफर - 75 बसों का हुआ संचालन आज 100 गाड़ियों की है व्यवस्था - 10 साल से छोटे और 60 साल से अधिक उम्र के लोगों से है सफर ना करने की अपील जागरण संवाददाता पानीपत कोरोनाकाल ने साल 2020 में रक्षाबंधन पर्व की तस्वरी सी बदल दी है। जहां साल 2019 में रक्षाबंधन से एक दिन पहले बसों में चढ़ने और सफर करने के लिए बहनों में होड लगी थी। वहीं पानीपत डिपो में रविवार को हालात सामान्य दिनों की तरह ही दिखाई दिए। डिपो कर्मचारियों ने आम दिनों से महज 15 अधिक बसों का ही संचालन किया है। अंदाजा है कि पिछले साल के मुकाबले रक्षाबंधन पर्व पर इस साल रोडवेज बसों में 60-70 फीसद यात्रियों की कमी दर्ज की गई है। पानीपत डिपो में कार्यरत डीआइ सतीश पंवार ने बताया कि रविवार को कुल

By JagranEdited By: Published: Mon, 03 Aug 2020 08:43 AM (IST)Updated: Mon, 03 Aug 2020 08:43 AM (IST)
रक्षाबंधन पर 70 फीसद कम यात्रियों ने किया बसों में सफर
रक्षाबंधन पर 70 फीसद कम यात्रियों ने किया बसों में सफर

जागरण संवाददाता, पानीपत : कोरोनाकाल ने साल 2020 में रक्षाबंधन पर्व की तस्वरी बदल दी है। जहां 2019 में रक्षाबंधन से एक दिन पहले बसों में चढ़ने और सफर करने के लिए बहनों में होड़ लगी थी, वहीं पानीपत डिपो में रविवार को हालात सामान्य दिनों की तरह ही दिखाई दिए। डिपो कर्मचारियों ने आम दिनों से महज 15 अधिक बसों का ही संचालन किया है। अंदाजा है कि पिछले साल के मुकाबले रक्षाबंधन पर्व पर इस साल रोडवेज बसों में 60-70 फीसद यात्रियों की कमी दर्ज की गई है।

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पानीपत डिपो में कार्यरत डीआइ सतीश पंवार ने बताया कि रविवार को कुल 85 बसों का संचालन किया गया। प्रदेश में अंबाला रूट पर सबसे अधिक 16 बसें भेजी गईं। दूसरे राज्यों में उप्र में शामली और बिजनौर के लिए 22 बसों का पहिया रूटों पर दौड़ा। दिल्ली बॉर्डर पर 25 बसें भेजी गईं। इसके अलावा हिसार की दो, गुरुग्राम की एक और रोहतक की चार बसों में यात्रियों ने सफर किया। ट्रायल के लिए कैथल में भी दो बसें भेजी गई, लेकिन वहां सवारियां नहीं होने के कारण बसें वापस बुला ली। पानीपत डिपो की बसों में लगभग 2500 यात्रियों ने दिनभर में अपने गंतव्यों तक सफर तय किया। यात्रियों को बसों में बैठाने के लिए 20 कर्मचारियों की बस स्टैंड परिसर और 10 कर्मचारियों की ओवरब्रिज के नीचे ड्यूटी लगाई गई।

आज 100 गाड़ियां सड़क पर उतार सकता है डिपो

रक्षाबंधन पर्व पर अगर यात्रियों की संख्या में इजाफा होता है, तो स्थानीय डिपो अधिकारी 100 से अधिक गाड़ियों को सड़क पर उतार सकते हैं। यात्रियों की संख्या के हिसाब से बसों का संचालन किया जाएगा। चालक परिचालकों को बिना मास्क लगाए यात्रियों को बसों में सफर नहीं कराने के आदेश दिए गए हैं। वहीं शारीरिक दूरी की पालना के लिए एक बस में 35 से अधिक सवारियों को नहीं बैठाया जा रहा। इन दो दिनों में डिपो की लगभग पांच लाख रुपये दैनिक आमदनी का अनुमान है।

पब्लिक ट्रांसपोर्ट वाहन चालकों ने तोड़े नियम

ई-रिक्शा, ऑटो, इको वैन और क्रूजर जीप जैसे पब्लिक ट्रांसपोर्ट वाहन चालकों ने रविवार को जमकर नियमों की धज्जियां उड़ाई। चालक वाहनों में क्षमता से अधिक सवारियां बैठाकर भी सफर कराते नजर आए। थाना शहर के सामने ही कई इको वैन में 10 से अधिक सवारियों को बैठाया गया। चालकों ने पुराने किराये के रेट के हिसाब से यात्रियों से किराया वसूला।


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