सोशल मीडिया से बाहर निकलें बच्चे, वरना उठाएंगे ये खामियाजा
जिनवाणी विद्या भारती स्कूल में लायनेस यूथ क्लब ने सेमिनार किया गया। विद्यार्थियों को मोबाइल से होने वाले नुकसानों की जानकारी दी। साथ ही सोशल मीडिया से दूरी रखने को कहा गया।
पानीपत, जेएनएन। टेक्नोलॉजी हमें जितना एडवांस बना रही है, उतना ही तनाव भी दे रही है। खासकर मोबाइल, सोशल मीडिया जैसी चीजें सबसे ज्यादा किसी को परेशान कर रही हैं तो वे हैं पैरेंट्स। कारण, बच्चे कम उम्र से ही जिस तरह इन चीजों में उलझते जा रहे हैं, उन्हें संभालना नामुमकिन सा होता जा रहा है।
जिनवाणी विद्या भारती स्कूल में लायनेस यूथ क्लब ने सेमिनार किया गया। विद्यार्थियों को मोबाइल से होने वाले नुकसानों की जानकारी दी। मुख्य वक्ता समाजसेवी एडवोकेट मेहुल जैन व एडवोकेट स्वीकार भारद्वाज रहे। प्रिंसिपल नीलम खक्कड़ ने अतिथियों का स्वागत किया। लायनेस यूथ क्लब की प्रधान आरती सिंगला, सचिव पूनम गोयल व पूर्व प्रधान प्रियंका बंसल ने सेमिनार की जानकारी दी।
फोन का लगातार प्रयोग नुकसानदायक
स्वीकार भारद्वाज ने कहा कि हमें मोबाइल फोन का इस्तेमाल जरूरत के अनुसार ही करना चाहिए। कुछ बच्चे इसका लगातार प्रयोग करते रहते हैं। यह उनके स्वास्थ्य और पढ़ाई दोनों के लिए घातक साबित होता है। एडवोकेट मेहुल जैन ने आज का युवा सोशल मीडिया से बाहर नहीं निकल पा रहा है। बच्चे उनके सहयोग के लिए शुरू की तकनीकी का दुरुपयोग करने लगे हैं।
निर्भरता से सीखने की क्षमता घटती है
वक्ता ने बताया कि नेट पर निर्भरता से सीखने की क्षमता घटती है। नेट पर निर्भरता याद रखने की क्षमता घटाती है। इंटरनेट पर निर्भरता से स्पेलिंग और ग्रामर पर असर पड़ता है। इंटरनेट पर निर्भरता से राइटिंग स्किल पर असर पड़ता है।
सोशल मीडिया से भटकता है ध्यान
सोशल मीडिया के नुकसान पर चर्चा करते हुए कहा कि इससे पढ़ाई से बार-बार ध्यान भटकता है। साथ ही धीरे-धीरे ध्यान लगाने की क्षमता घटती जाती है। इसके अलावा वॉट्सऐप आमने-सामने बातचीत का विकल्प नहीं है, ऐसे में पर्सनल कम्यूनिकेशन स्किल पर बुरा असर पड़ता है।
ये खतरा
मोबाइल फोन ज्यादा देर तक यूज करने के बाद साइलेंट के बाद भी बार-बार फोन पर ही ध्यान जाता है।
मोबाइल यूज करने में पूरा समय बीत जाता है, ऐसे में फिजिकल एक्सरसाइज नहीं हो पाती है।
दिन भर फेसबुक और व्हाटसएप में ही उलझे रहते हैं। उन्हीं दोस्तों से चैटिंग करते हैं। ऐसे में सामाजिक ताने बाने से काफी दूरी बना लेते हैं।