कंप्यूटर ने बदली जीवन शैली, सोशल साइट्स ने बढ़ाई रिश्तों में मिठास
डिजिटल जमाने में कंप्यूटर ने जीवन शैली बदल दी है। कंप्यूटर और लैपटॉप के बिना काम संभव नहीं है।
By Edited By: Published: Fri, 08 Feb 2019 08:34 AM (IST)Updated: Fri, 08 Feb 2019 08:34 AM (IST)
जागरण संवाददाता, पानीपत : डिजिटल जमाने में कंप्यूटर ने जीवन शैली बदल दी है। कंप्यूटर और लैपटॉप के बिना काम संभव नहीं है। मनोरंजन का साधन भी बन गया है। पांच वर्ष के बच्चों से लेकर बुजुर्ग पर कंप्यूटर का इस कदर छाप है कि इसके बिना लोग चैन की नींद भी नहीं लेते हैं। डाटा आदान प्रदान करने का इससे बढि़या और कोई दूसरा विकल्प नहीं है। इंटरनेट के युग में लोग कंप्यूटर में मोजिला फायरफॉक्स और ओपेरा मिनी जैसे ब्राउजरों का इस्तेमाल कर रहे हैं। इनके माध्यम से लोग आसानी से अपनी पंसदीदा सोशल साइट्स तक पहुंच जाते हैं। यू-ट्यूब को मनोरंजन का केंद्र मानते हैं। उनके मुताबिक यू-ट्यूब के माध्यम से अपने पसंदीदा गाने, फिल्में आसानी से देख सकते हैं। फेसबुक, ट्विटर के अलावा अलावा अब इंस्टाग्राम, क्यूक्यू, टूंबिर और फेसबुक मैसेंजर को भी लोग खूब पसंद करने लगे हैं। साइडइफेक्ट्स भी कम नहीं चिकित्सकों के मुताबिक कंप्यूटर या लैपटॉप पर ज्यादा देर तक समय बिताने वाले लोग अ¨नद्रा, डिप्रेशन, कमर दर्द, सिर दर्द, मानसिक तनाव, रक्तचाप और मोटापे जैसे घातक बीमारियों का शिकार हो रहे हैं। ऐसे मरीजों में अधिकतर सरकारी और प्राइवेट कार्यालयों के कर्मचारी होते हैं। जो कम शारीरिक गतिविधि के कारण अपनी सेहत को नुकसान पहुंचा रहे हैं। कामकाज बनाया आसान इंफोसिस में कंप्यूटर इंजीनियर ज्योति का कहना है कि कंप्यूटर ने लोगों का कामकाज आसान बना दिया है। धोखाधड़ी के लिए कुछ अपराधिक प्रवृत्ति के लोग इंटननेट पर डोमेन खरीद कर फर्जी जानकारी अपलोड करते हैं। यूजर्स को जानकारी किसी अपरिचित व्यक्ति से साझा नहीं करनी चाहिए।
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