घरौंडा विधानसभा : भाजपा फिर दोहराएगी इतिहास या इनेलो करेगी वापसी Panipat News
घरौंडा विधासभा क्षेत्र में दूसरे दलों के साथ-साथ आजाद प्रत्याशी भी अपनी-अपनी जीत सुनिश्चित करने के लिए बहा रहे पसीना।
पानीपत/करनाल, [यशपाल वर्मा]। कभी इनेलो का गढ़ रहे घरौंडा विधानसभा क्षेत्र पर इस बार भी प्रदेश भर की निगाहें टिकी हुई हैं। यह क्षेत्र सभी पार्टियों के लिए अपने-अपने स्तर पर मायने रखता है, जिसके चलते मैदान में उतरा हर प्रत्याशी अपनी-अपनी जीत सुनिश्चित करने के लिए पसीना बहा रहा है। यहां विधायक एवं भाजपा प्रत्याशी हरविंद्र कल्याण अपना इतिहास दोहराने के प्रयास में हैं। वहीं इनेलो प्रत्याशी मनिंद्र राणा भी पार्टी की क्षेत्र में वापसी की चाह रखते हैं। मैदान में उतरे कांग्रेस प्रत्याशी अनिल राणा, जजपा के उमेश कश्यप, और बसपा के मेहर सिंह संधू की किस्मत का फैसला अब क्षेत्र 2 लाख 16 हजार मतदाताओं के हाथ में है।
हरविंद्र कल्याण के नाम इनेलो का गढ़ तोडऩे का रिकार्ड
आंकड़ों पर नजर दौड़ाएं तो घरौंडा विधानसभा क्षेत्र में वर्ष 1996 के चुनाव में भाजपा प्रत्याशी रमेश कश्यप विधायक बने थे। इसके बाद वर्ष 2000 में इनेलो प्रत्याशी रमेश राणा ने 43579 मतों से जीत दर्ज की। वर्ष 2005 में इनेलो प्रत्याशी रेखा राणा 25237 मतों से जीतीं। वर्ष 2009 में इनेलो के टिकट से नरेंद्र सांगवान मैदान में उतरे और 35,256 मत प्राप्त कर जीत दर्ज की। इनेलो का गढ़ माने जाने वाली घरौंडा विधानसभा में वर्ष 2014 में कड़ा मुकाबला देखने को मिला। अंत में भाजपा प्रत्याशी हरविंद्र कल्याण ने 55,247 मत लेकर जीत हासिल की। उन्होंने इनेलो प्रत्याशी नरेंद्र सांगवान को 17,883 मतों से हराकर इनेलो के गढ़ तोडऩे का रिकॉर्ड अपने नाम किया।
मुख्यमंत्री के नेतृत्व में घरौंडा को मिली अनेक सौगातें
मुख्यमंत्री मनोहर लाल के नेतृत्व में निवर्तमान विधायक हरविंद्र कल्याण ने घरौंडा को सब-डिवीजन का दर्जा दिलवाया। भाजपा कार्यकाल में क्षेत्र में मेडिकल यूनिवर्सिटी और एनसीसी अकादमी सबसे बड़ी सौगात है। भारत में नागपुर के बाद यहां पर दूसरी एनसीसी अकादमी स्थापित की गई है जोकि क्षेत्र के लोगों के लिए बड़ी उपलब्धि है। नगरपालिका ने प्रदेश में स्वच्छता का पुरस्कार भी जीता है। तकनीकी शिक्षा के लिए आइटीआइ, राजकीय कॉलेज व पांच स्वास्थ्य सामुदायिक केंद्र, 200 गांवों को पक्की सड़कें, रेलवे ओवर ब्रिज, रेलवे अंडर ब्रिज, ई-दिशा केंद्र, बस स्टैंड, आधुनिक तकनीक से लैस गल्र्स स्कूल, हर्बल पार्क, स्किल डेवलपमेंट सेंटर, किसानों के लिए मार्केट कमेटी में केंद्र, अवैध कॉलोनियों को वैध करवाने का सेहरा हरविंद्र कल्याण के सिर सजा है।