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कॉमनवेल्‍थ में गोल्‍ड जीत चमकाया था हरियाणा का नाम, अब आर्थिक तंगी झेल रही वेटलिफ्टर पूनम दलाल

कामनवेल्थ गेम्स में गोल्ड मेडल जीतकर वेटलिफ्टर पूनम दलाल ने हरियाणा का नाम रोशन किया था। देश और प्रदेश के लिए 20 से ज्यादा मेडल हासिल कर चुकीं हैं। लेकिन अब पूनम आर्थिक तंगी से जूझ रहीं। प्रैक्टिस के लिए ठीक से डाइट तक नहीं ले पा रहीं।

By Anurag ShuklaEdited By: Published: Wed, 30 Jun 2021 08:48 AM (IST)Updated: Wed, 30 Jun 2021 08:48 AM (IST)
कॉमनवेल्‍थ में गोल्‍ड जीत चमकाया था हरियाणा का नाम, अब आर्थिक तंगी झेल रही वेटलिफ्टर पूनम दलाल
कामनवेल्थ गेम्स में गोल्ड मेडलिस्‍ट वेटलिफ्टर पूनम दलाल।

जींद, [प्रदीप घोघडिय़ां]। कामनवेल्थ गेम्स में गोल्ड मेडल जीतने वाली वेटलिफ्टर जुलाना के गांव मालवी की पूनम दलाल इन दिनों आर्थिक तंगी से जूझ रही हैं। पूनम की पारिवारिक स्थिति इतनी मजबूत नहीं कि वह किसी अच्छे संस्थान से कोचिंग लेकर खेल में निखार ला सके। इसके लिए उसे खेल विभाग की तरफ से मदद का इंतजार है। रोहतक के महम में स्ट्रेंथ लिफ्टिंग खिलाड़ी को वहां के विधायक बलराज कुंडू और सरकार की ओर से आर्थिक सहायता मिलने के बाद पूनम दलाल को भी आस जगी है कि शायद अब खेल विभाग उनकी सुध ले ले।

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पूनम दलाल ने वर्ल्ड रेसलिंग एंटरटेनमेंट (डब्ल्यूडब्ल्यूई) में प्रोफेशनल फाइट लड़ चुकी गांव की कविता दलाल से प्रेरणा लेते हुए वेटलिफ्टिंग में कदम रखा था। एक साल की कड़ी मेहनत के बाद पूनम ने 2011 में नेशनल चैंपियनशिप में हरियाणा को गोल्ड मेडल दिलाया। इसके बाद इंडिया कैंप में शामिल होकर देश की तरफ से कामनवेल्थ चैंपियनशिप में हिस्सा लेते हुए 2013-14 में गोल्ड मेडल जीता।

Poonam Dalal

20 से ज्‍यादा गोल्‍ड मेडल जीते

2015 से 2018 तक लगातार तीन साल तक सीनियर नेशनल प्रतियोगिताओं में पूनम दलाल ने गोल्ड, सिल्वर और ब्रांज मेडल जीते। कुल मिलाकर 20 से ज्यादा गोल्ड मेडल राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर हासिल कर चुकी है। वेटलिफ्टिंग में पूनम एक बार में 185 किलोग्राम भार उठा चुकी हैं। इसी साल 17 से 20 मार्च तक पश्चिम बंगाल के कूच बिहार में आयोजित 30वीं सीनियर नेशनल प्रतियोगिता में पूनम दलाल ने 300 किलोग्राम भार उठाकर प्रथम स्थान पर रहते हुए गोल्ड मेडल हासिल किया था।

आर्थिक तंगी से नहीं हो पा रही नियमित प्रैक्टिस

पूनम दलाल के परिवार के पास बहुत कम जमीन है। आर्मी से रिटायर्ड पिता की पेंशन से घर का खर्च भी नहीं निकल पाता, ऐसे में वह पूरी डाइट और सभी संशाधनों के साथ नियमित रूप से अभ्यास नहीं कर पातीं। वेटलिफ्टिंग में बेहतर डाइट होनी जरूरी है। पूनम ने कहा कि उसने हुड्डा सरकार में प्रयास भी किए, लेकिन नौकरी हासिल नहीं हुई। अब खेल मंत्री संदीप सिंह से भी वह कई बार ई-मेल और मैसेज के जरिए अपनी दिक्कतों को अवगत करा चुकी हैं। वेटलिफ्टिंग ओलंपिक खेलों में शामिल है, जब दूसरे प्राइवेट संस्थाओं के खेलों में खेलने वाले खिलाडिय़ों को खेल विभाग आर्थिक मदद कर सकता है, तो उसकी प्रैक्टिस का खर्च भी खेल विभाग उठाए।

खेल नीति के अनुसार नौकरी मिले या उसकी प्रेक्टिस का खर्च उठाए विभाग : पूनम दलाल

खिलाड़ी पूनम दलाल का कहना है कि कामन वेल्थ खेलों में और सीनियर नेशनल खेलों में गोल्ड हासिल करने के बाद खेल नीति के अनुसार वह सरकारी नौकरी की पात्र है। इसके लिए उसने तत्कालीन भूपेंद्र हुड्डा सरकार में प्रयास भी किए लेकिन उसे नौकरी हासिल नहीं हुई। वर्तमान खेल मंत्री संदीप सिंह से भी वह कई बार ई-मेल और मैसेज के जरिए अपनी दिक्कतों को अवगत करवा चुकी हैं। पूनम दलाल ने यह भी कहा कि पिता जी की जो पेंशन आती है उससे घर का खर्च मुूश्किल से चलता है। खेल के अभ्‍यास के लिए जरूरत संसाधनों के अलावा डाइट भी प्रॉपर चाहिए।

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