पानीपत के उद्यमियों को झटका, 30 सितंबर के बाद ये उद्योग होंगे बंद
पानीपत के उद्यमियों को राहत नहीं दी गई। 30 सितंबर के बाद उद्योग बंद हो जाएंगे। निर्यातक टेक्सटाइल उद्योगों के प्रतिनिधि सीएक्यूएम चेयरमैन से मिले थे। 18 माह का समय मांगा था। लेकिन मना कर दिया गया। अब एक अक्टूबर के बाद उद्योगों की होगी चेकिंग।
पानीपत, जागरण संवाददाता। 30 सितंबर को कोयला आधारित बायलर उद्योगों का चलाने की मियाद समाप्त हो रही है। अब वही उद्योग चलेंगे। जिनमें पीएनजी (पाइप्ड नेचुरल गैस व बायोमास) को फ्यूल के रूप में इस्तेमाल किया जाएगा। एक अक्टूबर से ग्रेप भी लागू हो रहा है।
उद्योगों को राहत दिलाने के लिए पानीपत एक्सपोर्टर एसोसिएशन के प्रधान ललित गोयल, संरक्षक अशोक गुप्ता और पानीपत इंडस्ट्रीज एसोसिएशन के प्रधान सरदार प्रीतम सचदेवा दिल्ली में कमिशन फार एयर क्वालिटी मानिटरिंग(सीएक्यूएम) के चेयरमैन एमएम कुट्टी से मिले। उनसे उद्यमियों निर्यातकों ने 18 महीने की मोहल्लत और देने की मांग की। ताकि सभी उद्योगों में पीएनजी अथवा बायोमास संबंधि मशीनरी लग जाए। व कामन बायलर चालू हो सके।
500 पार किया था एयर क्वालिटी इंडेक्स
सीएक्यूएम के चेयरमैन ने उद्योगपतियों को समय सीमा बढ़ाने की राहत देने से स्पष्ट इंकार कर दिया। उन्होंने कहा कि सुप्रीम कोर्ट को हमने जवाब देना है। 501 तक एयर क्वालिटी इंडेक्स का स्तर पहुंच जाता है। बहुत समय हम उद्योगों को दे चुके हैं। वही उद्योग चल सकते हैं। जिनमें पीएनजी अथवा बायोमास फ्यूल के रूप में प्रयोग किया जाएगा। उन्होंने सभी एनजीटी, सुप्रीम कोर्ट के सभी आदेश निर्देश भी उ्दयमियों को दिखाए। उद्यमियों ने केंद्रीय पर्यावरण मंत्री भूपेंद्र यादव से भी पिछले सप्ताह मुलाकात की थी, लेकिन राहत नहीं मिली।
कामन बायलर लगाने पर चेयरमैन एमएम कुट्टी ने कहा कि जब तक बायलर नहीं लग जाता उद्योगों को बंद रखें।
दिल्ली में 15 अक्टूबर से ओड-इवन के हिसाब से गाड़ियां चलेगी। पानीपत में 800 उद्योगों बायलर लगे हुए है। इनसे डाइंग व प्रिटिंग का काम होता है। यदि ये उद्योग बंद होते हैं तो पूरी टेक्सटाइल इंडस्ट्रीज , एक्सपोर्ट प्रभावित होगा। इससे तीन लाख से अधिक लेबर बेरोजागर हो जाएगी। पानीपत में हर वर्ष 15000 करोड़ का निर्यात होता। टेक्सटाइल का घरेलू उत्पादन 45000 करोड़ का है। जो डाइंग और प्रिटिंग इंडस्ट्रीज के बंद होने से प्रभावित होगा।
"प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के आरओ कमलजीत ने बताया कि एक अक्टूबर के बाद उद्योगों की चेकिंग शुरू कर दी जाएगी। 30 सितंबर के बाद वहीं उद्योग चलेंगे जो पीएनजी अथवा बायोमास का प्रयोग करेंगे।"