दीपक बहल [अंबाला] । 103 सुरंग, 869 पुल और 900 तीव्र मोड़। ये है कालका-शिमला रेलमार्ग। पहाड़ में वादियों के सफर पर जाना चाहते हैं तो यह आपके लिए सबसे सही मौका है। रेलवे ने लग्जरी कोच सीटी-14 झरोखा, आरए-100 और रेल मोटर कार का किराया कम कर दिया है। 

अंबाला रेल मंडल ने अपने लग्जरी कोचों के लिए चार्टर्ड बुकिंग शुरू कर दी है। लेकिन अब पर्यटकों को इस कोच का किराया 36 हजार 845 रुपये नहीं देना होगा। इसके लिए अब सिर्फ 3500 रुपये देने होंगे। इस लग्जरी कोच में दोनों तरफ बालकनी भी है, जिसमें कुर्सियों लगी हैं। यहां बैठकर सैलानी ताजा हवा में वादियों को खुलकर निहार सकते हैं। इस लग्जरी कोच की सीटें आठ हैं। खर्चा निकालने के लिए कम से कम छह यात्रियों की बुकिंग होने के बाद ही लग्जरी कोच से प्रकृति के नजारे ले सकेंगे। 

 rail motor car

रेल मोटर कार का भी घटा किराया  
इसी प्रकार रेल मोटर कार 100 कोच आठ सीटर का किराया पहले जहां 47 हजार 740 रुपये था, उसके लिए अब प्रत्येक यात्री को 2200 रुपये चुकाने होंगे। इसमें सोफे पर बैठकर सफर का आनंद उठा सकते हैं। यहां भी छह यात्री होने के बाद लग्जरी डिब्बा इंजन के साथ जोड़कर रवाना किया जाएगा। रेल मोटर कार 14 और 12 सीटर है, इसका प्रति सीट किराया 1600 रुपये तय किया गया है। हालांकि, इसकी अकेले बुकिंग का किराया 24 हजार 125 रुपये निर्धारित था। रेल मोटर कार का आनंद उठाने के लिए यात्रियों की संख्या आठ होनी चाहिए। इन लग्जरी कोच को तीन-चार दंपती मिलजुलकर भी बुक करा सकते हैं।  

 rail jharoka

स्टेशन पर ही होगी बुकिंग  
आरए-100, सीटी-14 झरोखा और रेल मोटर कार का संचालन 13 जून से शुरू हो गया है। जो कि 10 सितंबर तक चलेगा। सीनियर डीसीएम हरिमोहन ने बताया कि लग्जरी कोच की बुकिंग ऑनलाइन नहीं बल्कि कालका-शिमला रेलवे स्टेशन पर ही होगी। 

116 साल पुराना है ट्रेक  
नौ नवंबर 1903 से शुरू हुआ कालका-शिमला रेल का सफर सौ साल से अधिक गुजर जाने के बाद भी अनवरत जारी है। हिमालय की पहाड़ी पर स्थित यह स्टेशन समुद्र तट से 2800 फीट ऊपर है और यह ट्रेन यहां से 7000 फीट की ऊंचाई वाले मशहूर पर्यटन स्थल शिमला जाती है। मार्ग पर 18 रेलवे स्टेशन हैं। शिमला जाने वाले सैलानी बस के बजाय इस टॉय ट्रेन से शिमला जाने को प्राथमिकता देते हैं। इस ट्रेन का सफर इतना सुहाना है कि जितना मजा शिमला की हसीन वादियों में घूमने में आता है, उतना ही आनंद यह छह घंटे का सफर भी आपको देता है।  

1927 में शुरू हुई रेल कार  
रेल कार अंग्रेजों ने 1927 में शुरू की थी। रेललाइन 1898 से 1903 के बीच बनाई गई थी। इसे विश्व धरोहर का दर्जा हासिल है। प्रदेश सरकार ने अगस्त 2007 में इसे धरोहर संपत्ति घोषित किया। 11 दिसंबर, 2007 को यूनेस्को के दल ने यहां का दौरा किया था। 7 जुलाई, 2008 को  कालका-शिमला रेलवे को यूनेस्को की वैश्विक धरोहरों में शामिल किया गया। 

Edited By: Ravi Dhawan