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जिंदगी और मौत के बीच आचार संहिता ने खींची लाइन, इसलिए अटक गई राहत राशि

आचार संहिता किसी की जिंदगी और मौत की वजह बनती जा रही है। अंबाला छावनी की किरण बाला को इलाज के लिए मुख्यमंत्री राहत योजना के तहत रुपये मिलने थे। अब वो अटक गया।

By Anurag ShuklaEdited By: Published: Tue, 09 Apr 2019 06:46 PM (IST)Updated: Wed, 10 Apr 2019 10:28 AM (IST)
जिंदगी और मौत के बीच आचार संहिता ने खींची लाइन, इसलिए अटक गई राहत राशि
जिंदगी और मौत के बीच आचार संहिता ने खींची लाइन, इसलिए अटक गई राहत राशि

पानीपत/अंबाला, [कुलदीप चहल]।  जिंदगी और मौत से लड़ रही अंबाला छावनी की रहने वाली किरण बाला (58) के इलाज में आचार संहिता ने लाइन खींच दी है। उधार के रुपयों से जहां इलाज चल रहा है, वहीं सरकार की मुख्यमंत्री राहत योजना में मिलने वाली राशि आचार संहिता में अटक गई है। 

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संबंधित विभाग ने करीब डेढ़ लाख रुपये की राशि का चैक इसलिए रोक दिया कि लोकसभा चुनावों के मद्देनजर आचार संहिता लागू है और ऐसे में वे इस योजना के तहत राशि जारी नहीं कर पा रहे हैं। अब इस परिवार के सामने मरीज का इलाज करवाने की चुनौती है, जबकि पीजीआई के चिकित्सकों ने आपरेशन के लिए 11 अप्रैल की तिथि दी है और इलाज का खर्च भी करीब 50 हजार रुपये का बताया है। अब यह परिवार यह राशि भी जुटाने में लगा है ताकि मरीज का आपरेशन कराया जा सके। उल्लेखनीय है कि मरीज को ब्रेस्ट कैंसर है, जिनका इलाज पीजीआई चंडीगढ़ में चल रहा है। 

यह है मामला 
अंबाला छावनी की रहने वाली किरण बाला को कैंसर हो गया, जिनका इलाज पीजीआई चंडीगढ़ में शुरु किया गया। यहां पर किरण बाला को कीमोथैरेपी से इलाज देना शुरू किया गया। इसके लिए उन्हें आठ बार बुलाया गया, जिसमें उनको कीमोथैरेपी दी। इसी दौरान किरण बाला के पति सतीश कुमार की भी अचानक मौत हो गई। किरण बाला के इलाज पर डेढ़ लाख रुपये का खर्च आया, जो परिवार ने किसी तरह से उधार लेकर चुका दिया। परिवार ने मुख्यमंत्री राहत कोष में मदद के लिए कागजी कार्रवाई शुरु की। हर स्तर पर कागजातों को प्रशासनिक अधिकारियों ने वेरिफाइ किया और इस केस को सही पाया। इसके बाद सचिवालय में इस केस को फाइनल कर डेढ़ लाख रुपये मंजूर कर लिए गए। लेकिन यह डेढ़ लाख रुपये की राशि अभी तक जारी नहीं की गई, जबकि इस में आचार संहिता लागू होना बताया जा रहा है, जिसके चलते इसे रिलीज नहीं किया जा रहा है।

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11 अप्रैल को ऑपरेशन, चूके तो जान पर खतरा
पीजीआई में किरण बाला का 11 अप्रैल को आपरेशन होना है। इसके लिए भी डाक्टरों ने करीब 50 हजार रुपये का खर्च बताया है। परिवार की आर्थिक हालत ऐसी है कि यह राशि जुटाना मुश्किल है। चिकित्सकों का यही कहना है कि यदि यह आपरेशन नहीं होता, तो जान पर खतरा बढ़ जाएगा। ऐसे में परिवार को समझ नहीं आ रहा कि यह राशि कैसे जुटाएं। अब परिवार फिर से एक बार उधार लेकर यह राशि जुटाने की कोशिश में है, जबकि डेढ़ लाख रुपये का चैक आचार संहिता में अटका है। 

किसी भी तरह जान तो बचाएंगे : शामलाल
परिवार के सदस्य शाम लाल गुप्ता का कहना है कि डेढ़ लाख रुपये की राशि आचार संहिता में अटक गई है, जबकि सारी कागजी कार्रवाई हो चुकी है। अब किरण बाला का आपरेशन 11 अप्रैल को होना है, जिसके लिए 50 हजार रुपये की राशि इकट्ठा करनी है। ऐसे में वह स्वयं तथा अन्य रिश्तेदार इस रकम को जुटाने में लगे हैं। सरकार को भी चाहिए कि कम से कम इस तरह के इमरजेंसी में यह राशि तो जारी की जाए। 


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