अंबाला पहुंचे सीएम मनोहर लाल, पूर्व डिप्टी स्पीकर मास्टर फकीर चंद अग्रवाल से उनके घर पर मिले
अंबाला में सीएम मनोहर लाल गणतंत्र दिवस समारोह में शामिल हुए। इसके बाद पूर्व डिप्टी स्पीकर मास्टर फकीर चंद अग्रवाल से मिलने के लिए घर गए। उनकी पत्नी के निधन पर सीएम ने ढांढस बंधाया। तीन जनवरी को उनका निधन हो गया था।
अंबाला शहर, जागरण संवाददाता। मुख्यमंत्री मनोहर लाल बुधवार को पूर्व डिप्टी स्पीकर मास्टर फकीर चंद अग्रवाल के निवास स्थान पर पहुंचे। यहां उन्होंने शोकाकुल परिवार को सांत्वना देते हुए परिजनों को ढांढस बंधाया। मुख्यमंत्री ने पूर्व डिप्टी स्पीकर मास्टर फकीर चंद अग्रवाल से बातचीत करते हुए उनका कुशलक्षेम जाना और उनके अच्छे स्वास्थ्य की कामना की।
जानें परिवार में कौन-कौन
तीन जनवरी को पूर्व डिप्टी स्पीकर मास्टर फकीर चंद अग्रवाल की धर्मपत्नी 85 वर्षीय शीला देवी का निधन हो गया था। शीला देवी अपने पीछे दो बेटे सुमन अग्रवाल व अजय अग्रवाल के अलावा दो बेटियां सुषमा व रितु सहित भरा-पूरा परिवार छोड़ गई हैं।
फकीर चंद 1996 से 1999 तक विधानसभा में डिप्टी स्पीकर रहे। उन्होंने एसए जैन स्कूल से मैट्रिक, डीएवी कालेज से बीएससी और रोहतक वैश कालेज से बीटी करने के बाद बतौर शिक्षक करियर की शुरुआत की थी। मेडिकल क्षेत्र में करियर बनाने की इच्छा अधिक डोनेशन के कारण पूरी नहीं हो सकी। फिर शिक्षा को सेवा मानकर इस प्रोफेशन को चुना। 1954 में श्री आत्मानंद जैन (एसए) सीनियर सेकेंडरी स्कूल में साइंस अध्यापक बने।
1964 से 1994 तक हेड मास्टर रहे। 1974 में उन्हें बेस्ट टीचर आफ स्टेट अवार्ड से और 1986 में नेशनल अवार्ड आफ बेस्ट टीचर से नवाजा गया था। 1994 में प्रिंसिपल के पद से रिटायर होने के बाद उन्होंने घास मंडी में राधेलाल गीता विद्या मंदिर स्कूल का निर्माण करवाया था। साथ भारत विकास परिषद की नींव रखी। उस समय एसए जैन स्कूल मंडी में किले में हुआ करता था। लेकिन इन्होंने स्कूल की बिल्डिंग को बनाने में विशेष याेगदान दिया। 6 स्कूल 2 प्राइमरी, 2 मिडिल और 2 हाई स्कूलाें को अपग्रेड करवाया। सेवानिवृति के बाद अंबाला शहर हलके से चुनाव लड़ा और भाजपा की टिकट पर विधायक बने।
ये भी रहे मौजूद
इस अवसर पर विधायक असीम गोयल, भाजपा जिला प्रधान राजेश बतौरा, पूर्व प्रधान जगमोहन लाल कुमार, अनुभव अग्रवाल, रितेश गोयल, मीडिया प्रभारी सुधीर शर्मा, एडवोकेट संदीप सचदेवा, मनदीप राणा, गुरविन्द्र सिंह मानकपुर सहित अन्य कार्यकर्ता और अधिकारी मौजूद रहे।