मौसम ने फिर ली करवट, बारिश के बाद बढ़ी ठिठुरन प्रदूषण से राहत
मौसम में एक बार फिर करवट ली है। बृहस्पतिवार को सुबह बारिश ने सर्दी को फिर से लौटने पर मजबूर कर दिया।
जागरण संवाददाता, पानीपत : मौसम में एक बार फिर करवट ली है। बृहस्पतिवार को सुबह बारिश ने दस्तक दी। आंधी के साथ बारिश होने से कई क्षेत्रों में बिजली आपूर्ति भी बाधित रही। सुबह बूंदाबांदी होने के दिन में रुक-रुक कर बारिश ने ठिठुरन बड़ा दी। बुधवार को ही मौसम विभाग ने बारिश की संभावना व्यक्त की थी। मौसम के बदलाव का असर यातायात पर भी देखने को मिल रहा है। जगह-जगह पानी भरने से लोगों को परेशानी झेलनी पड़ी। सुबह बारिश के कारण दिनचर्या प्रभावित हुई। कार्यालयों में भी देरी से कर्मचारी पहुंच पाए। न्यूनतम तापमान 11 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया। सात फरवरी को भी बारिश हुई थी। सेक्टर छह सहित जिले के कई गांव में ओले भी गिरे।
बारिश होने से प्रदूषण में स्तर में सुधार हुआ। एयर क्वालिटी इंडेक्स में 78.15 रहा। एक दिन पहले एयर क्वालिटी इंडेक्स 247 था। बारिश होने से शहर में विभिन्न स्थानों पर लगने वाले पटरी बाजार नहीं लग पाए। रुक-रुक चली बारिश के कारण बाजारों में भी सन्नाटा छाया रहा। कई इलाकों में बिजली आपूर्ति भी बाधित रही। अधिकतम तापमान 20 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया। बारिश होने के कारण वाहन चालकों विशेषकर दो पहिया वाहन चालकों को परेशानी झेलनी पड़ी।
समालखा संवाददाता के अनुसार तीन दिन तक खिलखिलाती धूप के बाद बुधवार रात से मौसम में बदलाव आने से बृहस्पतिवार को दिन भर रूक रूककर बूंदाबांदी होती रही। जिससे तापमान में गिरावट से ठंड बढऩे के साथ जनजीवन पर भी इसका असर देखने को मिला। वहीं मौसम का ये बदलाव आने वाले दो दिन तक ओर देखने को मिल सकता है। हालांकि बारिश से गेंहू की फसल को फायदा होगा।
गौरतलब है कि पिछले सप्ताह भी दो दिन तक मौसम खराब रहा था। इसके बाद दो दिन तेज हवा के साथ धूप निकली, लेकिन बुधवार को फिर से मौसम में बदलाव आया और कभी धूप तो कभी बादल छाते रहे। रात हुई तो तेज हवा चलने लगी और बृहस्पतिवार को सुबह होते होते बारिश शुरू हो गई। जिसके होने का सिलसिला रूक रूककर दिन भर चलता रहा। इससे तापमान गिरने पर ठंड बढ़ी तो उसका असर जनजीवन पर भी साफ तौर पर देखने को मिला। दिन भर ग्राहकों से गुलजार रहने वाले बाजारों में दुकानदार बिन ग्राहक खाली बैठे रहे। सरसों को सकता है नुकसान
बारिश से सरसों की फसल को नुकसान हो सकता है। जबकि गेंहू की फसल को फायदा होगा। किसानों की मानें तो हाल में सरसों की फसल को फूल आने के साथ दाना बन रहा है। जो मार्च की शुरूआत में कटने के लिए तैयार हो जाएगी। ऐसे में हाल में बारिश होने से उसका फूल खराब होने के साथ पैदावार में नुकसान हो सकता है और ओलावृष्टि हुई तो खत्म हो जाएगी। जहां तक बाद गेंहू की है। बारिश से कोई नुकसान नहीं होगा। बच्चों को बचाकर रखे
मौसम के करवट लेते ही अस्पतालों में ठंड के बीच ओपीडी में मरीजों की संख्या बढऩे लगी है। ज्यादातर छोटे बच्चे इसकी चपेट में आ रहे है। समालखा के कार्यवाहक एसएमओ डाक्टर पवन कुमार का कहना है कि ठंड में बच्चों को ज्यादा दिक्कत होती है। ऐसे में उनको बाहर निकालने से परहेज रखने के साथ गर्म कपड़े पहनाकर रखे। जिससे वो सर्दी से बच सके। यदि बच्चे को ठंड लग जाती है तो उसे तुरंत डाक्टर के पास लेकर जाए। बारिश के साथ ओले गिरे
थर्मल क्षेत्र में झमाझम बरसात हुई कईं स्थानों पर बरसात के साथ ओले भी गिरे। क्षेत्र के कई गांवो में जमकर बरसात हुई और गलियों में पानी ठहर गया। लोगों को भारी परेशानी का सामना करना पड रहा है। सुबह सुबह बच्चों के स्कूल जाने के समय ही गलियों में पानी व कीचड़ भर जाने कारण बच्चों को स्कूल जाने में भी परेशानी हुई। पिछले वर्ष 9.2 एमएम बारिश फरवरी माह में
वर्ष 2018 में फरवरी माह में 9.2 एमएम बारिश दर्ज की गई थी। इस वर्ष फरवरी माह में 9. 3 एमएम बारिश दर्ज की जा चुकी है। कृषि विभाग के एसडीओ डॉ. सुनील मान का कहना है कि फिलहाल जो बारिश हो रही है। वह फसलों के लिए नुकसानदायक नहीं है। अभी किसानों को फसलों में पानी लगाने से बचना चाहिए।