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यमुनानगर के छछरौली में विवादित जगह पर निशान साहिब स्थापित, विरोध करने पर मुस्लिम समुदाय से झड़प, कई घायल

आजादी के बाद यमुनानगर के खेड़ा मोहल्ला में मस्जिद की जगह पर अपना हक जताते हुए सिख समाज ने गुरुद्वारा बनाया था। यहां पर गुरु ग्रंथ साहिब का प्रकाश किया था। दोनों समुदाय के लिए तनातनी चल रही थी। वर्ष 1990 में गुरुद्वारा की छत गिर गई थी।

By JagranEdited By: Naveen DalalPublished: Thu, 29 Sep 2022 03:43 PM (IST)Updated: Thu, 29 Sep 2022 03:43 PM (IST)
यमुनानगर के छछरौली में विवादित जगह पर निशान साहिब स्थापित, विरोध करने पर मुस्लिम समुदाय से झड़प, कई घायल
दो पक्षों के बीच झड़प हुई और पथराव।

यमुनानगर, जागरण संवाददाता। यमुनानगर के छछरौली के खेड़ा मोहल्ला में विवादित जमीन पर सिख समुदाय ने निशान साहिब स्थापित कर दिया। जिससे तनावपूर्ण माहौल बन गया, क्योंकि इस जगह को मुस्लिम समुदाय अपनी बता रहा है। यहां पर आजादी से पहले मस्जिद होने का दावा किया जा रहा है। जिसको लेकर दोनों पक्ष के लोग आमने सामने हो गए। दोनों पक्षों के बीच झड़प हुई और पथराव हुआ।

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जिसमें कई लोग घायल हो गया। घटनास्थल पर डीएसपी नरेंद्र खटाना के नेतृत्व में कई थानों का पुलिस बल पहुंचा। फिलहाल सिख समुदाय के लोगों ने यहां पर गुरु ग्रंथ साहिब का पाठ शुरू कर दिया है। यह दो दिन तक चलेगा। मौके पर पुलिस बल तैनात किया गया है। 

आजादी के बाद खेड़ा मोहल्ला में मस्जिद की जगह पर अपना हक जताते हुए सिख समाज ने गुरुद्वारा बनाया था। यहां पर गुरु ग्रंथ साहिब का प्रकाश किया था। जिसके बाद से ही दोनों समुदाय के लिए तनातनी चल रही थी। वर्ष 1990 में गुरुद्वारा की छत गिर गई थी। जिसके बाद यहां से गुरुद्वारा दूसरी जगह पर स्थापित कर लिया गया था। इसके बाद से यह जगह खंडहर बनी हुई थी। कभी कभार संगत यहां पर आ जाती थी। 

सिखों में आई थी यह जगह : बलदेव सिंह

मौके पर पहुंचे एसजीपीसी के सदस्य बलदेव सिंह का कायमपुरी ने बताया कि आजादी के बाद सिखों के हिस्से में यह मस्जिद आई थी। तब से यहां पर गुरुद्वारा स्थापित है। आरोप है कि मस्जिद के साथ लगते मुस्लिम परिवार के लोगों ने इस पर कब्जा करने की कोशिश की। जिस वजह से संगत और मुस्लिम समुदाय के लोग आपस में भिड़ गए। उनके लोगों पर हमला किया गया। जिसमें शिप्पी, हैप्पी धीरज समेत कई लोग घायल हुए हैं। 

वक्फ बोर्ड की जमीन है : हाजी रसीद 

वहीं मुस्लिम समुदाय से हाजी रसीद का कहना है कि यह वक्फ बोर्ड की जमीन है और रिकार्ड में मस्जिद के नाम है। यहां पर जबरन गुरुद्वारा बनाया जा रहा था। विरोध करने पर उनके व परिवार के सदस्यों पर दर्जनों लोगों ने तलवारों से हमला कर दिया। जिसमें जुबेर, जमशैद, इस्लाम, आशिया घायल हुए हैं।


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